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अलीगढ़: छात्रों ने गाया राष्ट्रगान, फाड़ी नागरिकता कानून की प्रतियां

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्रों ने कैंपस के अंदर स्थित डक प्वाइंट पर प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्रों ने राष्ट्रगान गाया और फिर सभी ने संविधान के प्रिएंबल को पढ़ा.

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नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन.
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Published : Dec 28, 2019, 10:32 AM IST

अलीगढ़: मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्रों ने कैंपस के अंदर स्थित डक प्वाइंट पर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं ने नागरिकता संशोधन एक्ट के गजट की कापियों को आपस में बांटा और केंद्र सरकार द्वारा लाई जा रही कानून का विरोध किया. छात्रों ने इसके बाद राष्ट्रगान गाया और नागरिकता संशोधन कानून को संविधान विरोधी बताते हुए इसे खारिज कर दिया. इस दौरान सभी छात्रों ने संविधान के प्रियांबल को भी पढ़ाया.

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन.

इसे भी पढ़ें- अलीगढ़: अंतिम स्वतंत्रता सेनानी आफताब अहमद का निधन

डक प्वाइंट पर एकत्र हो कर प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन कर रही लॉ की छात्रा सुमाया ने कहा कि बाबे सैयद गेट पर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन से रोक दिया गया है. इसलिए डैक प्वाइंट पर एकत्र हो कर प्रदर्शन किया. हमें सरकार का विरोध करने का हक है. उन्होंने बताया कि संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा गया ताकि लोगों को बता सकें कि हम भी देश के नागरिक है. इसके साथ की माइनारिटी के विरोध में बनाये गये नागरिकता कानून को फाड़ा ताकि हम बता सकें की हम इस एक्ट को नहीं मानेंगे.

नहीं है एंटी नेशनलिस्ट
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्र हैदर अब्बास ने कहा है कि हम कॉस्ट और सेकुलरिज्म के साथ खड़े है. कॉस्ट के प्रस्तावना पढ़ना चाहते हैं कि संविधान पर भरोसा रखना है. हमारा कोई मजहब नहीं है. भेदभाव करने वाले कानून को रिजेक्ट करते हैं. क्योंकि इसमें अल्पसं ख्याकों को टारगेट किया जा रहा है. हैदर ने बताया कि हम एंटी नेशनलिस्ट नहीं है. देश के नागरिक ने इसी तरह संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा है.

यह भी पढ़ें- अलीगढ़: दूरंतो दूर करने के लिए MP कार्यालय से बांटी जा रही CAA की पंक्तियां

अलीगढ़: मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्रों ने कैंपस के अंदर स्थित डक प्वाइंट पर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं ने नागरिकता संशोधन एक्ट के गजट की कापियों को आपस में बांटा और केंद्र सरकार द्वारा लाई जा रही कानून का विरोध किया. छात्रों ने इसके बाद राष्ट्रगान गाया और नागरिकता संशोधन कानून को संविधान विरोधी बताते हुए इसे खारिज कर दिया. इस दौरान सभी छात्रों ने संविधान के प्रियांबल को भी पढ़ाया.

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन.

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डक प्वाइंट पर एकत्र हो कर प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन कर रही लॉ की छात्रा सुमाया ने कहा कि बाबे सैयद गेट पर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन से रोक दिया गया है. इसलिए डैक प्वाइंट पर एकत्र हो कर प्रदर्शन किया. हमें सरकार का विरोध करने का हक है. उन्होंने बताया कि संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा गया ताकि लोगों को बता सकें कि हम भी देश के नागरिक है. इसके साथ की माइनारिटी के विरोध में बनाये गये नागरिकता कानून को फाड़ा ताकि हम बता सकें की हम इस एक्ट को नहीं मानेंगे.

नहीं है एंटी नेशनलिस्ट
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्र हैदर अब्बास ने कहा है कि हम कॉस्ट और सेकुलरिज्म के साथ खड़े है. कॉस्ट के प्रस्तावना पढ़ना चाहते हैं कि संविधान पर भरोसा रखना है. हमारा कोई मजहब नहीं है. भेदभाव करने वाले कानून को रिजेक्ट करते हैं. क्योंकि इसमें अल्पसं ख्याकों को टारगेट किया जा रहा है. हैदर ने बताया कि हम एंटी नेशनलिस्ट नहीं है. देश के नागरिक ने इसी तरह संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा है.

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Intro:अलीगढ़  : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्रों ने कैंपस के अंदर स्थित डक प्वाइंट पर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं ने नागरिकता संशोधन एक्ट के गजट की कापियों को आपस में बांटा और केन्द्र सरकार द्वारा लाये जा रहे कानून का विरोध जताया. छात्रों ने इसके बाद राष्ट्रगान गाया  और नागरिकता संशोधन कानून को संविधान विरोधी बताते हुए  इसकी प्रतियां फाड़ी. इस दौरान सभी छात्रों ने संविधान के प्रिएंबल को भी पढ़ा.







Body:विरोध प्रदर्शन कर रही लॉ की छात्रा सुमैया ने बताया ने कहा कि बाबे सैयद गेट पर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन से रोका गया इसलिए डक प्वाइंट पर एकत्र हो कर प्रदर्शन किया.हमें सरकार का विरोध करने का हक है.उन्होंने बताया कि संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा गया ताकि लोगों को बता सकें कि हम भी देश के नागरिक है.इसके साथ की माइनारिटी के विरोध में बनाये गये नागरिकता कानून को फाड़ा ताकि हम बता सके कि एक्ट को नहीं मानेंगे.


Conclusion:छात्र हैदर अब्बास ने कहा हम संविधान और सेकुलरिज्म के साथ खड़े है.संविधान की प्रस्तावना पढ़ कर बताना चाहते है कि संविधान पर भरोसा रखते हैं.हमारा कोई मजहब नहीं है.भेदभाव करने वाले कानून को रिजेक्ट करते हैं.क्योंकि इसमें अल्पसंख्यकों को टारगेट किया जा रहा है. हैदर ने बताया कि हम एंटी नेशनलिस्ट नहीं हैं.देश के नागरिक है इसी लिए संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा है. 


बाइट - सुमैया,छात्रा

बाइट - हैदर अब्बास ,छात्र


आलोक सिंह, अलीगढ़

9837830535 

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