अलीगढ़: नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी की हार के बाद संगठन में रार शुरू हो गई है. कांग्रेस प्रत्याशी सीपी गौतम हारने के बाद आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दूसरे दल के प्रत्याशी को लाभ पहुंचाने में लगे रहे, जिससे उनकी हार हुई. वहीं, इस आरोप के बाद कांग्रेस के अंदर टशन बढ़ता जा रहा है.
रविवार को कांग्रेस महानगर अध्यक्ष के नेतृत्व में सभासद का चुनाव लड़े दर्जनों लोग और कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी विरोध में उतर आए. कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी सीपी गौतम ने संगठन से कोई राफ्ता कायम नहीं किया. कांग्रेस मेयर प्रत्याशी की बुरी हार के बाद छिड़ी रार पर प्रदेश अध्यक्ष ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है. कांग्रेस प्रत्याशी को 11,163 वोट मिले थे.
इस मामले में कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा ने बताया कि कांग्रेस मेयर प्रत्याशी सीपी गौतम को गलतफहमी थी कि ब्राह्मण वोट के सहारे चुनाव जीतेंगे. उन्हें सर्व समाज को लेकर इलेक्शन लड़ना था. पिछले चुनाव में मधुकर शर्मा ने अच्छा लड़ा था. लोग प्रचार सामग्री के लिए बैठे रहे. लेकिन, मतदान केंद्रों पर कांग्रेस का बस्ता भी नहीं पहुंचा.
अगर यह इलेक्शन सभासदों को साथ लेकर लड़ते, तो कांग्रेस को शर्मनाक हार का सामना नहीं करना पड़ता. कांग्रेस प्रत्याशी सीपी गौतम ने केवल सोशल मीडिया पर ही चुनाव लड़ा. मेयर प्रत्याशी ने चुनाव लड़ने में कोई इंटरेस्ट नहीं लिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी किसी की गोद में बैठ गए. वहीं कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष योगेश दीक्षित को हार का कारण बताया गया.
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