अलीगढ़: बैंकों के विलय के विरोध में बैंक कर्मियों ने हड़ताल कर कार्यालय को बंद रखा. जिससे बैंकों का कार्य प्रभावित रहा. हालांकि इस हड़ताल में अधिकारी संगठन शामिल नहीं थे. फिर भी बैंकों का कार्य ठप रहा. ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की शाखा रामघाट रोड पर बैंक कर्मियों ने एकत्रित हो सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन किया.
बैंक कर्मियों की हड़ताल-
यूपी बैंक कर्मचारी यूनियन के जिला मंत्री वीके शर्मा ने बताया कि दस बैंकों का विलय नहीं बल्कि उनकी हत्या की जा रही है. क्योंकि चार बैंकों में छह बैंकों के विलय से उनका अस्तित्व हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा. इलाहाबाद बैंक जैसा सबसे पुराना बैंक है. जो 1965 में अस्तित्व में आया था. हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगा. बैंकों के विलय से ब्रांच बंद होगी. जिससे जनता बैंकिंग सेवा से वंचित हो जाएगी और बेरोजगारी बढ़ेगी.
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उन्होंने आगे बताया कि-
2017 में एसबीआई में छह बैंकों के विलय के कारण लगभग 7000 शाखाएं बंद कर दी गई. 2018 में बैंक ऑफ बड़ौदा के 2 बैंकों के विलय के परिणामस्वरूप 1600 शाखाओं को बंद करने की योजना है. एसबीआई में 6 सहयोगी बैंकों के विलय से पूर्व एनपीए की राशि पचासी हजार करोड़ थी. जो विलय के बाद अगले वर्ष बढ़कर एक लाख 71 हजार करोड़ हो गई. यही नहीं एसबीआई तथा अन्य बैंकों ने अपने घाटे को पूरा करने के लिए ग्राहकों पर कई प्रकार के सेवा शुल्क भी लगा दिए हैं. उन्होंने बताया कि बैंकिंग क्षेत्र में सुधार सरकार की कार्य सूची का एक हिस्सा है. लेकिन सच्चाई यह है कि यह विलय निजीकरण के लिए एक प्रस्तावना है.