अलीगढ़: जिले में तीन महीने पहले पूर्व सांसद और स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय नवाब सिंह चौहान के बेटे योगेंद्र सिंह चौहान के साथ पुलिस कर्मियों द्वारा मारपीट का विरोध थम नहीं रहा है. इसे लेकर 8 जनवरी से थाना जवां में पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा हैं. वहीं शुक्रवार को भी राजा महेंद्र प्रताप सिंह पार्क और थाना जवां में लोगों के एकत्र होने की सूचना पुलिस को मिली थी. जिस पर पुलिस अलर्ट हुई. थाना जवां जा रहे लोगों के काफिले को सीडीएफ चौकी के पास रोक लिया गया. इस बीच पुलिस से नोकझोंक भी हुई. जिसके बाद पुलिस ने गाडियों के काफिले को वापस भेज दिया.
राज्यपाल से भी की थी शिकायत
दो दिन पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के सामने भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और पूर्व सांसद नवाब सिंह चौहान के पौत्र कौशल चौहान ने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने जिलाधिकारी से इसकी जानकारी ली. इस घटना में तीन सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया था, लेकिन पीड़ित पक्ष का कहना है कि मुख्य दोषी थानाध्यक्ष अभय शर्मा को बचाया गया. पूर्व सांसद नवाब सिंह चौहान के पौत्र कौशल चौहान ने बताया कि उनके दादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं. उनके परिजनों के साथ मारपीट की गई. उन्होंने बताया कि पूरे मामले में प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. केवल तीन सिपाहियों पर कार्रवाई कर लीपापोती कर दी गई.
उन्होंने राज्यपाल से न्याय दिलाए जाने की मांग की है. जिसके बाद राज्यपाल ने जिलाधिकारी से कार्रवाई करने को कहा है, लेकिन राज्यपाल के जाने के बाद कौशल चौहान को बिना पास के सर्किट हाउस में घुसने पर जेल भेजने की धमकी दी गई. इस पर कौशल चौहान ने कहा कि न्याय नहीं मिला तो जेल जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे.
पुलिस ने काफिले को थाना जवां जाने से रोका
थाना जवां में भी पुलिस के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पीड़ित परिवार धरना दे रहा है. शुक्रवार को उनके समर्थन में भारतीय किसान यूनियन का काफिला थाने की तरफ जा रहा था. तभी उन्हें सीडीएफ चौकी के पास रोक दिया गया. सिविल लाइन क्षेत्राधिकारी अनिल समानिया ने मौके पर पहुंचकर काफिले को रुकवाया. इस बीच पुलिस से नोंक झोंक भी हुई. पुलिस ने काफिले को थाना जवां नहीं जाने दिया. लोगों को वापस भेजा गया. फिलहाल थाने के पास एहतियातन फोर्स तैनात किया गया है.