गोरखपुर : आईटीएम इंजीनियरिंग कॉलेज गोरखपुर के छात्रों ने मिलकर खास इंटेलिजेंट मशीनगन गन बनाई है. यह गन मानवरहित है जो सैनिकों की मौजूदगी के साथ और बिना सैनिकों के तैनाती के भी बॉर्डर पर दुश्मनों पर हमला करने में सक्षम रहेगी. यह इंटेलिजेंस गन स्वचालित और मैन्युअल मोड दोनों पर संचालित की जा सकती है.
आईटीएम गीडा के बीटेक और बीसीए बैच के सात छात्रों दीपा पांडेय, अंजलि गुप्ता, आरुषि श्रीवास्तव, मेराज हुसैन, अंशित श्रीवास्तव, आदित्य मद्धेशिया और अदनान खान ने कॉलेज के इनोवेशन सेल के सहयोग से खास अत्याधुनिक मानव रहित इंटेलिजेंस मशीन गन का निर्माण किया है. यह इंटेलिजेंस गन स्वचालित और मैन्युअल मोड दोनों पर संचालित होती है.
इसमें नाइट विजन कैमरा और ह्यूमन मोशन सेंसर जैसे कई उपकरण शामिल हैं, जो दुश्मनों की गतिविधियों को परखने और कार्रवाई करने में सक्षम बनाते हैं. गन का वजन लगभग 65 किलोग्राम है. इसमें 20 मिमी के सात धातु बैरल लगे हैं. इसकी मारक क्षमता करीब पांच सौ मीटर है. जिसकी तकनीकी अपग्रेड कर दूरी बढ़ाई जा सकती है. इसका संचालन रिमोट और मोबाइल के जरिए वायरलेस तरीके से किया जा सकता है. जिससे जवान सुरक्षित रहते हुए युद्ध लड़ सकते हैं.
छात्रों ने बताया कि स्वचालित मोड में यह सेंसर दुश्मन को पहचानकर सटीक निशाना साधता है. रिमोट और मोबाइल से नियंत्रित होने के कारण यह गन जवानों को जोखिम से दूर रखती है. यह उपकरण न केवल सीमा पर बल्कि अन्य सुरक्षा बलों और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर भी उपयोगी होगा. मशीन गन के मॉडल का सफल परीक्षण किया गया. जिसमें यह दूर से दुश्मनों पर नजर रखने और गोलियां दागने में सक्षम साबित हुई.
आईटीएम के निदेशक डॉ. एनके. सिंह ने छात्रों की सराहना की और कहा कि उनके नवाचार को रक्षा मंत्रालय के पास भी इस कार्य योजना को भेजने का विचार है. ताकि इसे उचित मार्गदर्शन मिल सके. यह प्रोजेक्ट देश के जवानों की सुरक्षा में बड़ा योगदान देगा. यह इंटेलिजेंस गन भारतीय सुरक्षा बलों के लिए एक प्रभावी उपकरण साबित हो सकती है. इसके अलावा इसका उपयोग अंतरराष्ट्रीय सीमाओं और अन्य सुरक्षा बलों की जरूरतों के लिए भी किया जा सकता है.
छात्र अंशित श्रीवास्तव और आदित्य मद्धेशिया ने बताया कि उनका उद्देश्य देश की सुरक्षा को मजबूत करना है. छात्रों ने इस प्रोजेक्ट पर लगभग एक महीने तक काम किया. इसे तैयार करने में 60 हजार रुपये की लागत आई है. निर्माण के लिए मोशन सेंसर, आर्डिनो, एंड्रॉयड मोबाइल, जीएसएम मॉड्यूल, 20 मिमी धातु पाइप, शॉकर, कैमरा, 12 वोल्ट बैटरी और रेडियो सर्किट ट्रांसमीटर-रिसीवर का उपयोग किया गया है.