अलीगढ़: जिले के मंदिर का नगला गांव में गुड्डी देवी भूख से बेहाल थी तो वहीं गांव के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. सरकारी हैंडपंप खराब होने के चलते गांव वालों का कहना है कि भूख से नहीं, लेकिन प्यास से जरूर मर जाएंगे. गांव की आबादी करीब पांच हजार है और 25 सरकारी हैंडपंप लगे हैं, जिसमें एक-दो को छोड़कर बाकी हैंडपंप खराब पड़े हुए हैं. पानी की किल्लत से लोगों का बुरा हाल है.
मंदिर का नगला वही गांव है, जहां गुड्डी देवी और उनके पांच बच्चे भुखमरी से मर रहे थे. हालांकि अब उनकी हालत सुधर रही है और वह अस्पताल में भर्ती हैं. वहीं जब गांव के अंदर गुड्डी देवी के घर पहुंचे तो ग्रामीणों ने पानी की समस्या बताई. पिछले दो साल से गांव के अंदर लगे सभी सरकारी हैंडपंप खराब पड़े है. गांव में दो-चार घरों में समरसेबल लगा हुआ है. उसके सहारे ही लोगों को पानी नसीब हो पा रहा है. समरसेबल चलने पर लोग ड्रमों में पानी भर लेते हैं, जिसके बाद उसे तीन-चार दिन चलाते हैं.
इसे भी पढ़ें: अलीगढ़ः कोरोना के डर से घर से नहीं निकली, बच्चे भूखे मरते रहे
सही नहीं है एक भी हैंडपंप
स्थानीय निवासी तरुण बताते हैं कि गांव में पानी की दिक्कत है. एक भी सरकारी हैंडपम्प सही नहीं है. गांव की महिलाओं ने भी पानी की समस्या बताई और कहा कि जहां समरसेबल लगा हुआ है, उनके घर से पानी लेकर आते हैं. गांव के प्रधान वीरपाल सिंह कहते हैं कि गांव में मुश्किल से चार-पांच लोगों की ही सरकारी नौकरी होगी. बाकी सब मजदूर और प्राइवेट जॉब करने वाले रहते हैं. उन्होंने बताया कि 40 हजार रुपये में समरसेबल लगता है और गांव के गरीब आदमी नहीं लगवा सकते. इसलिए परेशान रहते हैं.
इसे भी पढ़ें: दो माह से भूखा है पांच बच्चों समेत पूरा परिवार, शरीर में बची हैं सिर्फ हड्डियां
100 फीट पर सरकारी हैंडपम्प नहीं दे रहे पानी
ग्राम प्रधान वीरपाल सिंह ने बताया कि गांव के सभी हैंडपंप खराब है. हैंडपंप की रिबोरिंग की जरूरत है, क्योंकि हैंडपंप की बोरिंग 100 फिट पर है और वाटर लेवल अब 200 फुट पर पहुंच गया है. उन्होंने 200 फीट पर रिबोरिंग करने की मांग जिला प्रशासन से की हैं.
इसे भी पढ़ें: दो साल बाद भी जिन्ना की तस्वीर पाकिस्तान नहीं भेज पाए सांसद सतीश गौतम
10 सरकारी हैंडपंप की है जरूरत
ग्राम प्रधान ने बताया कि इलाके में 10 अतिरिक्त सरकारी हैंडपंप की जरूरत है, क्योंकि गांव की आबादी बढ़ रही है. इसके साथ ही गांव में बिजली की समस्या भी रहती है, क्योंकि जब लाइट चली जाती है तो गांव अंधेरे में डूब जाता है. उन्होंने गांव में मरकरी और सोलर लाइट लगाने की मांग की है.