अलीगढ़: जिले में एक व्यक्ति द्वारा हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर सहकारिता विभाग में सचिव के पद पर 10 साल नौकरी करने का मामला सामने आया है. जब फर्जी दस्तावेजों का अंदेशा विभाग को हुआ तो जांच बैठाई गई. जांच में नौकरी में लगे सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए. नौकरी पाने वाले शख्स को इस विषय में जब जानकारी हुई तो कार्रवाई के डर से उसने इस्तीफा दे दिया. फिलहाल, विभाग की तरफ से रिकवरी कर मुकदमा का आदेश दिया गया हैं.
आरोप है कि अलीगढ़ के गांव अटा निवासी सोमेश यादव ने वर्ष 2011 में सहकारिता विभाग में सचिव के पद पर नौकरी के लिए आवेदन किया था. आवेदन करने के दौरान उसमें फर्जी दस्तावेज लगाये गए थे. जब किसी व्यक्ति द्वारा इस पूरे प्रकरण की शिकायत सहकारिता विभाग में की गई तो विभागीय जांच बैठी. जांच में सोमेश यादव द्वारा लगाए गए सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए. हालांकि, इस पूरे मामले की जब पोल खुली तो विभाग में खलबली मच गई. विभागीय जांच के बाद अधिकारियों ने आरोपी सोमेश यादव उर्फ नटवरलाल के विरुद्ध धोखाधड़ी और अन्य संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के आदेश विभाग को दिए. हालांकि, इस पूरे मामले में विभाग द्वारा संबंधित थाने के लिए रिपोर्ट बनाकर प्रेषित कर दी गई है. लेकिन, इस पूरे प्रकरण को लेकर अभी तक आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है.
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सहकारिता विभाग के संयुक्त सचिव कृष्ण कुमार ने बताया कि सोमेश यादव निवासी अटा द्वारा कूटरचित तरीके से फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी हासिल की गई थी. फिलहाल, जब उसकी पोल खुली तो उसने इस्तीफा दे दिया. विभाग द्वारा उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं. इसके अलावा विभाग को हुए नुकसान की भरपाई के लिए रिकवरी की कार्रवाई भी अमल में लायी जाएगी. फिलहाल क्षेत्राधिकारी छर्रा इस मामले को देख रहे हैं. उनसे वार्ता करके आरोपी सोमेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए कहा गया है.
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