अलीगढ़ : हाेली का त्याेहार आते ही सबकी जुबां पर गुझिया का जिक्र हाेना शुरू हाे जाता है, लेकिन शहर की एक खास मिठाई की बिक्री भी इस त्याेहार पर खूब हाेती है. इसे पाकिस्तानी घेवर या जलेबा के नाम से जाना जाता है. यह मिठाई शहर में नई बस्ती स्थित सिंध स्वीट्स पर ही मिलती है. यह मिठाई खासतौर से पाकिस्तान के सिंध इलाके में खाई जाती है. खमीर से बनने वाली यह मिठाई बेहद करारी और मीठी होती है. इसका स्वाद लगभग जलेबी जैसा होता है. लिहाजा इसे जलेबा भी कहते हैं.
दुकानदार गोपी चंद बताते हैं कि जलेबी ठंडी होने के बाद मुलायम हो जाती है लेकिन पाकिस्तानी घेवर करारा ही बना रहता है. इसे 3 से 4 दिनों तक आराम से खाया जा सकता है. यह मिठाई बहुत पुराने समय से नई बस्ती इलाके में बनाई और बेची जा रही है. नई बस्ती क्षेत्र के सिंधी परिवार इस मिठाई को विशेष तौर पर पसंद करते हैं. इसके अतिरिक्त बाकी लोग भी इसको बड़े चाव के साथ खाते हैं. दुकानदार ने बताया कि पाकिस्तानी मिठाई या पाकिस्तानी घेवर को यहां जलेबा के नाम से भी जाना जाता है. अलीगढ़ में यह बेहद लोकप्रिय है. पाकिस्तानी घेवर होली के आसपास ही मिलता है. इसे होली की मिठाई के रूप में भी जाना जाता है .
अलीगढ़ महानगर के लोग खाने-पीने के बेहद शौकीन हैं. दुकान पर पहुंचे ग्राहक अजीत कुमार चावला बताते हैं कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत से यह मिठाई बनाने की कला चली आ रही है. होली के त्यौहार के मौके पर यह मिठाई बनती है. सिंधी समेत अन्य लाेग भी इसे चाव से खाते हैं. यह पाकिस्तान की डिश है. ग्राहक राजू बताते हैं कि नई बस्ती की यह मशहूर मिठाई है. गोपीचंद कहते हैं कि यह खास मिठाई खमीर से बनती है. यह खाने में बहुत टेस्टी होती है.
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