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डीजल महंगा होने पर किसानों ने सिंचाई के लिए खोजा ये जुगाड़

अलीगढ़ में महंगे डीजल से परेशान किसानों ने सिंचाई का नया जुगाड़ अपना लिया है. आखिर यह जुगाड़ क्या है? चलिए आपको बताते हैं.

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डीजल महंगा होने पर किसानों ने सिंचाई के लिए खोजा ये जुगाड़, देखकर हैरान हो जाएंगे आप
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Published : Jul 10, 2022, 5:20 PM IST

अलीगढ़: महंगे डीजल से परेशान किसानों ने सिंचाई का नया तरीका खोज लिया है. नए जुगाड़ को अपनाने से किसानों को 60 घंटे की सिंचाई में करीब तीन हजार रुपए तक का फायदा हो रहा है.

इन दिनों खेतों में धान की रोपाई चल रही है. बारिश न होने और बिजली की समस्या के चलते खेतों की सिंचाई नहीं हो पा रही है. ऐसे में किसानों ने एलपीजी सिलेंडर की मदद से पंपिंग सेट चलाने शुरू किए हैं. किसानों का कहना है कि यह जुगाड़ डीजल की तुलना में काफी सस्ता है. इससे किसानों को काफी फायदा हो रहा है. किसानों के मुताबिक एक सिलेंडर से करीब 60 घंटे सिंचाई होती है. इससे तीन हजार रुपए तक की बचत हो रही है.

किसान इस तरह कर रहे खेतों की सिंचाई.

इगलास के कई किसान अपने लिस्टर इंजनों को रसोई गैस से चला रहे हैं. किसानों ने बताया कि इंजन के एयर क्लीनर के माध्यम से गैस दी जाती है. इससे इंजन खूब पानी फेंकता है. एक सिलेंडर से लिस्टर इंजन पूरे पांच दिन यानी साठ घंटे तक चलता है. इस दौरान इंजन की स्टार्टिंग डीजल से होती है. 12 घंटे में सिर्फ दो लीटर डीजल की खपत होती है. पांच दिन में 950 रुपए का 10 लीटर डीजल एवं 1050 रुपए का घरेलू सिलेंडर का कुल खर्चा दो हजार रुपए आता है. अगर 60 घंटे डीजल से यही इंजन चलाया जाए तो 60 लीटर डीजल खर्च होगा. इसकी कीमत 55 सौ रुपए होगी. ऐसे में किसानों को तीन हजार रुपए की बचत हो रही है.

किसानों के मुताबिक सिलेंडर से इंजन चलाने के लिए अलग से कोई महंगे उपकरण की जरूरत नहीं पड़ती है. अगर कुछ नुकसान है तो कुकिंग गैस की किल्लत बढ़ सकती है. किसानों ने बताया कि धान की फसल का मौसम है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रो में बिजली की जमकर कटौती की जा रही है. सिंचाई करने के लिए गंग नहर में भरपूर मात्रा में पानी भी नहीं आ रहा है. बरसात भी नहीं हो रही है. इस कारण उन्हें इस जुगाड़ का सहारा लेना पड़ रहा है.

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अलीगढ़: महंगे डीजल से परेशान किसानों ने सिंचाई का नया तरीका खोज लिया है. नए जुगाड़ को अपनाने से किसानों को 60 घंटे की सिंचाई में करीब तीन हजार रुपए तक का फायदा हो रहा है.

इन दिनों खेतों में धान की रोपाई चल रही है. बारिश न होने और बिजली की समस्या के चलते खेतों की सिंचाई नहीं हो पा रही है. ऐसे में किसानों ने एलपीजी सिलेंडर की मदद से पंपिंग सेट चलाने शुरू किए हैं. किसानों का कहना है कि यह जुगाड़ डीजल की तुलना में काफी सस्ता है. इससे किसानों को काफी फायदा हो रहा है. किसानों के मुताबिक एक सिलेंडर से करीब 60 घंटे सिंचाई होती है. इससे तीन हजार रुपए तक की बचत हो रही है.

किसान इस तरह कर रहे खेतों की सिंचाई.

इगलास के कई किसान अपने लिस्टर इंजनों को रसोई गैस से चला रहे हैं. किसानों ने बताया कि इंजन के एयर क्लीनर के माध्यम से गैस दी जाती है. इससे इंजन खूब पानी फेंकता है. एक सिलेंडर से लिस्टर इंजन पूरे पांच दिन यानी साठ घंटे तक चलता है. इस दौरान इंजन की स्टार्टिंग डीजल से होती है. 12 घंटे में सिर्फ दो लीटर डीजल की खपत होती है. पांच दिन में 950 रुपए का 10 लीटर डीजल एवं 1050 रुपए का घरेलू सिलेंडर का कुल खर्चा दो हजार रुपए आता है. अगर 60 घंटे डीजल से यही इंजन चलाया जाए तो 60 लीटर डीजल खर्च होगा. इसकी कीमत 55 सौ रुपए होगी. ऐसे में किसानों को तीन हजार रुपए की बचत हो रही है.

किसानों के मुताबिक सिलेंडर से इंजन चलाने के लिए अलग से कोई महंगे उपकरण की जरूरत नहीं पड़ती है. अगर कुछ नुकसान है तो कुकिंग गैस की किल्लत बढ़ सकती है. किसानों ने बताया कि धान की फसल का मौसम है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रो में बिजली की जमकर कटौती की जा रही है. सिंचाई करने के लिए गंग नहर में भरपूर मात्रा में पानी भी नहीं आ रहा है. बरसात भी नहीं हो रही है. इस कारण उन्हें इस जुगाड़ का सहारा लेना पड़ रहा है.

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