अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन पर सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार की खास बात यह रही की एनआरसी के कानूनों पर चर्चा की गई. इस मौके पर नलसार कानून विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ फैजान मुस्तफा ने कहा कि एनआरसी का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.
यूनिवर्सिटी के कैनेडी हॉल में लॉ के छात्रों से उन्होंने कहा कि असम में लगातार घुसपैठ जारी है. साथ ही उन्हें चिन्हित करने के लिए कार्यक्रम चलाया जा रहा है. अवैध रूप से असम में रह रहे बांग्लादेशियों को निकालने के लिए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन अभियान चलाया जा रहा है. अगर हम बात करें बांग्लादेश से आए घुसपैठियों की, तो 1971 से लगातार बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ की जा रही है. जिसके बाद घुसपैठियों के बीच झड़प की खबरें कई बार सामने आई है. एनआरसी को लेकर पहला ड्राफ्ट जारी किया गया है, जिसमें 40 लाख लोग अपनी नागरिकता के वैध दस्तावेज नहीं दिखा पाए.
गुवाहटी हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट हाफिज राशिद ने सरकार पर आरोप लगाते हुए बताया कहा कि 40 लाख को घुसपैठिया बताना गलत है. इन्होंने कहा कि यह एक प्रक्रिया है जिसमें 1971 के अनुसार रजिस्टर बनाने की बात कही गई. सभी पार्टी इसके लिए राजी हुई. उन्होंने कहा कि आसाम में बहुत से लोगों ने अप्लाई नहीं किया है. उन्होने सरकार पर सीधा-सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि बांग्लादेशी मुसलमानों के लिए यह बिल लाया गया है.