ETV Bharat / state

बाल दिवस विशेष: पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का AMU से रहा है गहरा नाता

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन आज यानि 14 नवम्बर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. पंडित जवाहरलाल नेहरू का अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से गहरा नाता रहा है. उन्होंने यहां एशिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरी मौलाना आजाद लाइब्रेरी का उद्घाटन किया था.

प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का एएमयू से रहा है गहरा नाता.
author img

By

Published : Nov 15, 2019, 8:25 AM IST

अलीगढ़: देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से गहरा नाता रहा है. वे विश्वविद्यालय में करीब छह बार आए. उन्होंने एशिया की दूसरी बड़ी लाइब्रेरी मौलाना आजाद लाइब्रेरी की नींव रखीं और उद्घाटन करने भी आए. वहीं यूनिवर्सिटी में आयोजित सर सैयद डे समारोह और दीक्षांत समारोह में भी वे मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे. पंडित नेहरू पहले प्रधानमंत्री रहे, जो पद पर रहते हुए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पांच बार पहुंचे.

एएमयू के जनसंपर्क विभाग के सहायक मेंबर इंचार्ज ने दी जानकारी.

सर सैयद अहमद के परिवार से रहा गहरा नाता
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खान के परिवार से भी नेहरू का गहरा नाता रहा. विश्वविद्यालय के जनसंपर्क विभाग के सहायक मेंबर इंचार्ज राहत अबरार बताते हैं कि चाचा नेहरू का जन्म सर सैयद के बड़े बेटे जस्टिस महमूद के घर में हुआ था. इलाहाबाद में स्थित जिस आनंद भवन में चाचा नेहरू का जन्म हुआ था, वह पूर्व में सर सैयद अहमद खान के बड़े बेटे जस्टिस महमूद का ही था, जिसे मोती लाल नेहरू ने खरीदा था. उन्होंने बताया कि जब जवाहरलाल नेहरू ने 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' नामक पुस्तक लिखी तो उन्होंने देश के महत्वपूर्ण लोगों में सर सैयद अहमद खान को भी शुमार किया था.

etv bharat
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू.

1934 में सबसे पहले आए नेहरू
राहत अबरार ने बताया कि आजादी के लिए अलीगढ़ में जब लोग अपना योगदान दे रहे थे तब 1934 में सबसे पहले नेहरू जी का अलीगढ़ आना हुआ था. उस समय इतिहासकार प्रोफेसर मोहम्मद हबीब के घर वे तांगे से पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि पंडित नेहरू क्रिप्स मिशन पर एक कार्यक्रम के सिलसिले में अलीगढ़ आए थे. उस समय ब्रिटिश शासन था. प्रोफेसर मोहम्मद हबीब से अंग्रेजों ने उनके आने का कारण पूछा था तब हबीब ने कहा था कि नेहरू जी से उनके पारिवारिक संबंध हैं.

etv bharat
एशिया की दूसरी बड़ी लाइब्रेरी मौलाना आजाद लाइब्रेरी.

एएमयू ने डॉक्टरेट की उपाधि से किया सम्मानित
आजादी के बाद 24 जनवरी 1948 को एएमयू के दीक्षांत समारोह में दूसरी बार चाचा नेहरू आए. उस समय नेहरू जी को एएमयू ने डॉक्टरेट ऑफ लॉ की उपाधि दी थी. 12 नवंबर 1955 को लाइब्रेरी की नींव रखने के लिए नेहरू जी फिर आये. वहीं 5 साल बाद जब लाइब्रेरी तैयार हो गई तब 6 दिसंबर 1960 को मौलाना आजादा पुस्तकालय के उद्घाटन पर चाचा नेहरू फिर एएमयू आये थे. वहीं 1963 में सर सैयद डे पर जवाहरलाल नेहरू फिर अलीगढ़ आए. उस समय यहां कुलपति बदरुद्दीन तैयब थे.

ये भी पढ़ें: अलीगढ़: उच्च शिक्षा के लिए छात्रों की राह अब होगी आसान, विश्वविद्यालय बनाए जाने को मिली मंजूरी

राहत अबरार ने आगे बताया कि नेहरू जी का अलीगढ़ के लोगों से गहरा रिश्ता था. यहां के शिक्षक, छात्र और नेताओं से भी उनका संपर्क रहा. वहीं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की स्थापना में नेहरू जी का अहम रोल रहा. उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज को शुरू करने में पहले दिक्कत आई, लेकिन पंडित जवाहर लाल नेहरू ने मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए स्वीकृति दी और बाद में एएमयू इंतजामियां ने मेडिकल कॉलेज का नाम उन्हीं के नाम पर रखा.

अलीगढ़: देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से गहरा नाता रहा है. वे विश्वविद्यालय में करीब छह बार आए. उन्होंने एशिया की दूसरी बड़ी लाइब्रेरी मौलाना आजाद लाइब्रेरी की नींव रखीं और उद्घाटन करने भी आए. वहीं यूनिवर्सिटी में आयोजित सर सैयद डे समारोह और दीक्षांत समारोह में भी वे मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे. पंडित नेहरू पहले प्रधानमंत्री रहे, जो पद पर रहते हुए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पांच बार पहुंचे.

एएमयू के जनसंपर्क विभाग के सहायक मेंबर इंचार्ज ने दी जानकारी.

सर सैयद अहमद के परिवार से रहा गहरा नाता
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खान के परिवार से भी नेहरू का गहरा नाता रहा. विश्वविद्यालय के जनसंपर्क विभाग के सहायक मेंबर इंचार्ज राहत अबरार बताते हैं कि चाचा नेहरू का जन्म सर सैयद के बड़े बेटे जस्टिस महमूद के घर में हुआ था. इलाहाबाद में स्थित जिस आनंद भवन में चाचा नेहरू का जन्म हुआ था, वह पूर्व में सर सैयद अहमद खान के बड़े बेटे जस्टिस महमूद का ही था, जिसे मोती लाल नेहरू ने खरीदा था. उन्होंने बताया कि जब जवाहरलाल नेहरू ने 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' नामक पुस्तक लिखी तो उन्होंने देश के महत्वपूर्ण लोगों में सर सैयद अहमद खान को भी शुमार किया था.

etv bharat
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू.

1934 में सबसे पहले आए नेहरू
राहत अबरार ने बताया कि आजादी के लिए अलीगढ़ में जब लोग अपना योगदान दे रहे थे तब 1934 में सबसे पहले नेहरू जी का अलीगढ़ आना हुआ था. उस समय इतिहासकार प्रोफेसर मोहम्मद हबीब के घर वे तांगे से पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि पंडित नेहरू क्रिप्स मिशन पर एक कार्यक्रम के सिलसिले में अलीगढ़ आए थे. उस समय ब्रिटिश शासन था. प्रोफेसर मोहम्मद हबीब से अंग्रेजों ने उनके आने का कारण पूछा था तब हबीब ने कहा था कि नेहरू जी से उनके पारिवारिक संबंध हैं.

etv bharat
एशिया की दूसरी बड़ी लाइब्रेरी मौलाना आजाद लाइब्रेरी.

एएमयू ने डॉक्टरेट की उपाधि से किया सम्मानित
आजादी के बाद 24 जनवरी 1948 को एएमयू के दीक्षांत समारोह में दूसरी बार चाचा नेहरू आए. उस समय नेहरू जी को एएमयू ने डॉक्टरेट ऑफ लॉ की उपाधि दी थी. 12 नवंबर 1955 को लाइब्रेरी की नींव रखने के लिए नेहरू जी फिर आये. वहीं 5 साल बाद जब लाइब्रेरी तैयार हो गई तब 6 दिसंबर 1960 को मौलाना आजादा पुस्तकालय के उद्घाटन पर चाचा नेहरू फिर एएमयू आये थे. वहीं 1963 में सर सैयद डे पर जवाहरलाल नेहरू फिर अलीगढ़ आए. उस समय यहां कुलपति बदरुद्दीन तैयब थे.

ये भी पढ़ें: अलीगढ़: उच्च शिक्षा के लिए छात्रों की राह अब होगी आसान, विश्वविद्यालय बनाए जाने को मिली मंजूरी

राहत अबरार ने आगे बताया कि नेहरू जी का अलीगढ़ के लोगों से गहरा रिश्ता था. यहां के शिक्षक, छात्र और नेताओं से भी उनका संपर्क रहा. वहीं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की स्थापना में नेहरू जी का अहम रोल रहा. उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज को शुरू करने में पहले दिक्कत आई, लेकिन पंडित जवाहर लाल नेहरू ने मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए स्वीकृति दी और बाद में एएमयू इंतजामियां ने मेडिकल कॉलेज का नाम उन्हीं के नाम पर रखा.

Intro:अलीगढ़ :  देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से गहरा नाता रहा है. वे विश्वविद्यालय में करीब आधा दर्जन बार आये. उन्होंने एशिया की दूसरी बड़ी लाइब्रेरी मौलाना आजाद लाइब्रेरी की नींव रखीं और उद्घाटन करने भी आये.  वही यूनिवर्सिटी में आयोजित सर सैय्यड डे समारोह और दीक्षांत समारोह में भी वे मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे. पंडित नेहरू पहले प्रधानमंत्री रहे. जो पद पर रहते हुए अलीगढ़ मुस्लिम  विश्वविद्यालय में 5 बार पहुंचे.  









Body:अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खान के परिवार से भी नेहरू का गहरा नाता रहा. विश्वविद्यालय के जनसंपर्क विभाग के सहायक मेंबर इंचार्ज राहत अबरार बताते हैं कि चाचा नेहरू का जन्म सर सैयद के बड़े बेटे जस्टिस महमूद के घर में हुआ था. इलाहाबाद में स्थित जिस आनंद भवन में चाचा नेहरू का जन्म हुआ था. वह पूर्व में सर सैयद अहमद खान के बड़े बेटे जस्टिस महमूद का ही था. जिसे मोती लाल नेहरू ने जस्टिस महमूद के मकान को खरीदा था. वहीं जब जवाहरलाल नेहरू ने डिस्कवरी ऑफ इंडिया लिखी और और देश के महत्वपूर्ण लोगों में सर सैयद अहमद खान को शुमार किया था. आजादी के लिए अलीगढ़ में जब लोग अपना योगदान दे रहे थे. तब 1934 में सबसे पहले नेहरू जी का अलीगढ़ आना हुआ था. उस समय इतिहासकार प्रोफेसर मोहम्मद हबीब के घर टांगे से पहुंचे थे. पंडित नेहरू क्रिप्स मिशन पर एक कार्यक्रम के सिलसिले में अलीगढ़ आए थे. उस समय ब्रिटिश शासन था. और प्रोफेसर मोहम्मद हबीब से अंग्रेजों ने उनके आने का कारण पूछा गया था. तब मो हबीब ने कहा था कि नेहरू जी से पारिवारिक संबंध है. 


Conclusion: आजादी के बाद 24 जनवरी 1948 को एएमयू के दीक्षांत समारोह में दूसरी बार चाचा नेहरू आये. उस समय नेहरू जी को एएमयू ने डॉक्टरेट ऑफ लॉ की उपाधि दी थी. 12 नवंबर 1955 को लाइब्रेरी की नींव रखने के लिए नेहरू जी फिर आये. वही 5 साल बाद जब लाइब्रेरी तैयार हो गई तब 6 दिसंबर 1960 को मौलाना आजादा पुस्तकालय के उद्घाटन पर चाचा नेहरू फिर एएमयू आये थे. वहीं 1963 में सर सैयद डे पर जवाहरलाल नेहरू फिर अलीगढ आये. उस समय यहां कुलपति बदरुद्दीन तैयब जी थे. नेहरू जी का अलीगढ़ के लोगों से गहरा रिश्ता था. यहां के शिक्षक, छात्र और नेताओं से भी संपर्क रहा. वहीं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज की स्थापना में नेहरू जी का अहम रोल रहा. मेडिकल कॉलेज को शुरू करने में पहले दिक्कत आई. लेकिन पंडित जवाहर लाल नेहरू ने मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए स्वीकृति दी. और बाद में  एएमयू इंतजामियां ने मेडिकल कॉलेज का नाम उन्हीं के नाम पर रखा . 

बाइट - राहत अबरार, सहायक मेंबर इंचार्ज, जनसंपर्क विभाग, एएमयू

आलोक सिंह, अलीगढ़
9837830535

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.