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अलीगढ़: बिना पीपीई किट के कोरोना संक्रमित व्यक्ति का अंतिम संस्कार, प्रशासन ने दी सफाई

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत हो गई. गुरुवार को उसके अंतिम संस्कार के समय मृतक के पुत्र ने पीपीई किट नहीं पहना था. इस मामले के सामने आने के बाद प्रशासन ने सफाई दी है, अधिकारियों के मुताबिक, मृतक के पुत्र को पीपीई किट दिया गया, लेकिन उसने पहनने से मना कर दिया.

कोरोना संक्रमित व्यक्ति
कोरोना संक्रमित व्यक्ति का पीपीई किट पहने बिना किया अंतिम संस्कार.
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Published : May 15, 2020, 3:59 PM IST

अलीगढ़: जिले में कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार के दौरान बड़ी लापरवाही सामने आयी है. दरअसल यहां गुरुवार को एक वीडियो समाने आया जिसमें कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत के बाद उसका बेटा बिना पीपीई किट पहने ही पिता के शव का अंतिम संस्कार करते दिख रहा है.

मरीज का अंतिम संस्कार प्रशासन की मौजूदगी में कराया गया था. इतनी बड़ी लापरवाही को लेकर जिला प्रशासन सवालों के घेरे में है. वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा है कि, एसडीएम के समझाने के बावजूद भी मृतक के बेटे ने पीपीई किट नहीं पहना.

युवक ने पीपीई किट पहनने से किया मना
जिला प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि यह भ्रामक खबर है. जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि मृतक के पुत्र को जिला प्रशासन द्वारा पीपीई किट पहनने के लिए दिया गया, लेकिन मृतक के पुत्र ने न तो किट का उपयोग किया और न ही मास्क का प्रयोग किया.

शव को स्नान कराने की इजाजत नहीं
वहीं जिला प्रशासन ने इस संबंध में जारी गाइडलाइन बताई कि शव को सिर्फ एक बार परिजनों को देखने की इजाजत होगी. यदि कोई धार्मिक रीति-रिवाज है तो उसे किया जाएगा, लेकिन उसके शव को जिस बैग में रखा गया है. उसे खोला नहीं जाएगा. गाइडलाइन में कहा गया है कि शव को स्नान कराने और गले लगाने की मनाही है.

चिता की राख को नदी में प्रवाहित करने पर खतरा नहीं
शव यात्रा में शामिल लोग अंतिम क्रिया के बाद सभी पूरी तरह से हाथ-मुंह को साफ करेंगे और सैनिटाइजर का प्रयोग करेंगे. गाइडलाइन में कहा गया है कि शव को जलाने के बाद राख को नदी में प्रवाहित कर सकते हैं. इसमें कोई खतरा नहीं है. शव जलने के बाद किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है. वहीं शव यात्रा में कम संख्या में लोग शामिल होंगे. अस्पताल से शव को खास तरह के बॉडी बैग में ले जाया जाएगा. जो भी शव लेकर साथ चलेगा. उसे सर्जिकल मास्क, ग्लब्स और जरूरी कपड़े पहनना होगा. शव यात्रा में शामिल गाड़ी को भी सैनिटाइज किया जाएगा.

अलीगढ़: जिले में कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार के दौरान बड़ी लापरवाही सामने आयी है. दरअसल यहां गुरुवार को एक वीडियो समाने आया जिसमें कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत के बाद उसका बेटा बिना पीपीई किट पहने ही पिता के शव का अंतिम संस्कार करते दिख रहा है.

मरीज का अंतिम संस्कार प्रशासन की मौजूदगी में कराया गया था. इतनी बड़ी लापरवाही को लेकर जिला प्रशासन सवालों के घेरे में है. वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा है कि, एसडीएम के समझाने के बावजूद भी मृतक के बेटे ने पीपीई किट नहीं पहना.

युवक ने पीपीई किट पहनने से किया मना
जिला प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि यह भ्रामक खबर है. जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि मृतक के पुत्र को जिला प्रशासन द्वारा पीपीई किट पहनने के लिए दिया गया, लेकिन मृतक के पुत्र ने न तो किट का उपयोग किया और न ही मास्क का प्रयोग किया.

शव को स्नान कराने की इजाजत नहीं
वहीं जिला प्रशासन ने इस संबंध में जारी गाइडलाइन बताई कि शव को सिर्फ एक बार परिजनों को देखने की इजाजत होगी. यदि कोई धार्मिक रीति-रिवाज है तो उसे किया जाएगा, लेकिन उसके शव को जिस बैग में रखा गया है. उसे खोला नहीं जाएगा. गाइडलाइन में कहा गया है कि शव को स्नान कराने और गले लगाने की मनाही है.

चिता की राख को नदी में प्रवाहित करने पर खतरा नहीं
शव यात्रा में शामिल लोग अंतिम क्रिया के बाद सभी पूरी तरह से हाथ-मुंह को साफ करेंगे और सैनिटाइजर का प्रयोग करेंगे. गाइडलाइन में कहा गया है कि शव को जलाने के बाद राख को नदी में प्रवाहित कर सकते हैं. इसमें कोई खतरा नहीं है. शव जलने के बाद किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है. वहीं शव यात्रा में कम संख्या में लोग शामिल होंगे. अस्पताल से शव को खास तरह के बॉडी बैग में ले जाया जाएगा. जो भी शव लेकर साथ चलेगा. उसे सर्जिकल मास्क, ग्लब्स और जरूरी कपड़े पहनना होगा. शव यात्रा में शामिल गाड़ी को भी सैनिटाइज किया जाएगा.

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