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अलीगढ़: भाजपा विधायक ने सीएम से की गंगाजल पेयजल योजना की मांग

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में पानी उपलब्ध कराने के लिए भाजपा विधायक अनिल पाराशर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. इस पत्र के जरिए उन्होंने मुख्यमंत्री से गंगा पेयजल योजना को शुरू कराने की मांग की है. बता दें कि भूमि उपलब्ध न होने की वजह से यह योजना रुकी हुई थी.

अलीगढ़
भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
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Published : Jun 22, 2020, 9:17 PM IST

अलीगढ़: गंगाजल पेयजल योजना को लेकर भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. इस योजना के लिए सुमेरा झाल के पास वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए उन्होंने शासन से जमीन मांगी है. दरअसल जिले में कोई नदी या पेयजल स्रोत नहीं है और वाटर लेवल भी नीचे चला जाता है. इसलिए गंगाजल उपलब्ध कराने के लिए 25 किलोमीटर दूर सुमेरा झाल जो कि अपर गंगा कैनाल से निकली है और अलीगढ़ के जवां क्षेत्र में आती है. जिले वासियों के लिए इसी सुमेरा झाल से गंगाजल जलापूर्ति करने की मांग भाजपा विधायक अनिल पाराशर ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर की है. इस योजना पर 800 करोड़ रुपए खर्च होना बताया जा रहा है.

दरअसल, अलीगढ़ शहर का भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है. शहर में जल संकट बना रहता है. जमीन में पानी का जलस्तर 250 फिट से भी नीचे पहुंच गया है. इस समस्या से निपटने के लिए जल निगम ने दिसंबर 2010 में अपर गंगा कैनाल के जवां स्थित सुमेरा झाल से शहर में पाइप लाइन के जरिए गंगाजल पहुंचाने का प्रोजेक्ट तैयार कर शासन को भेजा था. सन् 2012 में सरकार ने 662 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट को मंजूरी भी दे दी थी, लेकिन जमीन न मिलने से यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी.

भूमि उपलब्ध न होने की वजह से फाइलों में दबी योजना
इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन दिलवाने में जनप्रतिनिधियों ने भी दिलचस्पी नहीं दिखाई थी. अब भाजपा के कोल विधायक अनिल पाराशर ने मुख्यमंत्री को योजना शुरु करने के लिए पत्र लिखा है. इस योजना के तहत अपर गंगा कैनाल से निकली सुमेरा झाल के पास वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगना था. लेकिन भूमि उपलब्ध नहीं होने से योजना फाइलों में बंद पड़ी रही. इस योजना के तहत वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 3.50 हेक्टेयर जमीन, भूमिगत जलाशय के लिए 1.0 हेक्टेयर भूमि और रेडिमेटल टैंक लैब के लिए 2.0 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है.

डार्क जोन में है अलीगढ़
एक तरफ अलीगढ़ शहर का वाटर लेवल दिन प्रतिदिन नीचे गिरता जा रहा है. इसके कारण सरकारी हैंडपंप और ट्यूबवेल का पानी कम होता जा रहा है और पेयजल संकट बरकरार है. अलीगढ़ डार्क जोन में शामिल है. शहर के अंदर कोई भी सतही पेयजल का स्रोत नहीं है. वहीं पेयजल समस्या के निदान के लिए सतही पेयजल स्रोत 25 किलोमीटर दूर सुमेरा झाल से अलीगढ़ शहर के लिए गंगाजल उपलब्ध कराने के लिए 50 क्यूसेक जल की नहर से आपूर्ति होना सुनिश्चित है, जिसके लिए भूमि की आवश्यकता है.

पहले से संज्ञान में है समस्या
भूमि उपलब्ध होने के बाद ही सतही पेयजल स्रोत गंगाजल से जल योजना का कार्य आरंभ हो सकेगा. हालांकि शासन को पहले भी इस योजना को चालू करने के लिए पत्र लिखा जा चुका है. एक बार फिर से कोल विधायक अनिल पाराशर ने मुख्यमंत्री को इस योजना संचालन करने के लिए पत्र लिखा है. भाजपा के कोल विधायक अनिल पाराशर ने बताया कि सर्फेस वाटर योजना के तहत गंगाजल को शहर तक लाना है. योजना का प्रस्ताव नगर विकास मंत्री व मुख्यमंत्री को दे चुके हैं. उन्होंने बताया कि भविष्य में पेयजल संकट इस योजना से दूर हो सकता है.

अलीगढ़: गंगाजल पेयजल योजना को लेकर भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. इस योजना के लिए सुमेरा झाल के पास वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए उन्होंने शासन से जमीन मांगी है. दरअसल जिले में कोई नदी या पेयजल स्रोत नहीं है और वाटर लेवल भी नीचे चला जाता है. इसलिए गंगाजल उपलब्ध कराने के लिए 25 किलोमीटर दूर सुमेरा झाल जो कि अपर गंगा कैनाल से निकली है और अलीगढ़ के जवां क्षेत्र में आती है. जिले वासियों के लिए इसी सुमेरा झाल से गंगाजल जलापूर्ति करने की मांग भाजपा विधायक अनिल पाराशर ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर की है. इस योजना पर 800 करोड़ रुपए खर्च होना बताया जा रहा है.

दरअसल, अलीगढ़ शहर का भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है. शहर में जल संकट बना रहता है. जमीन में पानी का जलस्तर 250 फिट से भी नीचे पहुंच गया है. इस समस्या से निपटने के लिए जल निगम ने दिसंबर 2010 में अपर गंगा कैनाल के जवां स्थित सुमेरा झाल से शहर में पाइप लाइन के जरिए गंगाजल पहुंचाने का प्रोजेक्ट तैयार कर शासन को भेजा था. सन् 2012 में सरकार ने 662 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट को मंजूरी भी दे दी थी, लेकिन जमीन न मिलने से यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी.

भूमि उपलब्ध न होने की वजह से फाइलों में दबी योजना
इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन दिलवाने में जनप्रतिनिधियों ने भी दिलचस्पी नहीं दिखाई थी. अब भाजपा के कोल विधायक अनिल पाराशर ने मुख्यमंत्री को योजना शुरु करने के लिए पत्र लिखा है. इस योजना के तहत अपर गंगा कैनाल से निकली सुमेरा झाल के पास वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगना था. लेकिन भूमि उपलब्ध नहीं होने से योजना फाइलों में बंद पड़ी रही. इस योजना के तहत वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 3.50 हेक्टेयर जमीन, भूमिगत जलाशय के लिए 1.0 हेक्टेयर भूमि और रेडिमेटल टैंक लैब के लिए 2.0 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है.

डार्क जोन में है अलीगढ़
एक तरफ अलीगढ़ शहर का वाटर लेवल दिन प्रतिदिन नीचे गिरता जा रहा है. इसके कारण सरकारी हैंडपंप और ट्यूबवेल का पानी कम होता जा रहा है और पेयजल संकट बरकरार है. अलीगढ़ डार्क जोन में शामिल है. शहर के अंदर कोई भी सतही पेयजल का स्रोत नहीं है. वहीं पेयजल समस्या के निदान के लिए सतही पेयजल स्रोत 25 किलोमीटर दूर सुमेरा झाल से अलीगढ़ शहर के लिए गंगाजल उपलब्ध कराने के लिए 50 क्यूसेक जल की नहर से आपूर्ति होना सुनिश्चित है, जिसके लिए भूमि की आवश्यकता है.

पहले से संज्ञान में है समस्या
भूमि उपलब्ध होने के बाद ही सतही पेयजल स्रोत गंगाजल से जल योजना का कार्य आरंभ हो सकेगा. हालांकि शासन को पहले भी इस योजना को चालू करने के लिए पत्र लिखा जा चुका है. एक बार फिर से कोल विधायक अनिल पाराशर ने मुख्यमंत्री को इस योजना संचालन करने के लिए पत्र लिखा है. भाजपा के कोल विधायक अनिल पाराशर ने बताया कि सर्फेस वाटर योजना के तहत गंगाजल को शहर तक लाना है. योजना का प्रस्ताव नगर विकास मंत्री व मुख्यमंत्री को दे चुके हैं. उन्होंने बताया कि भविष्य में पेयजल संकट इस योजना से दूर हो सकता है.

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