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करणी सेना की गुंडई-बदमाशी AMU में नहीं चलेगीः हुजैफा आमिर रशीदी

करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरजपाल अम्मू द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पर दिए गए विवादास्पद बयान को लेकर एएमयू छात्रसंघ के पूर्व सचिव हुजैफा आमिर रशीदी ने कड़ी निंदा की है. रशीदी ने कहा कि करणी सेना की गुंडई-बदमाशी एएमयू में नहीं चलेगी.

एएमयू छात्रसंघ के पूर्व सचिव हुजैफा आमिर रशीदी.
एएमयू छात्रसंघ के पूर्व सचिव हुजैफा आमिर रशीदी.
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Published : Aug 2, 2021, 9:47 PM IST

अलीगढ़ः करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरजपाल अम्मू द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पर दिए गए विवादास्पद बयान को लेकर एएमयू छात्रसंघ के पूर्व सचिव हुजैफा आमिर रशीदी ने कड़ी निंदा की है. उन्होंने करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बयान पर कटाक्ष भी किया है. हुजैफा आमिर ने कहा कि जब-जब चुनाव आते हैं. तब जिन्ना का जिन्न बाहर आता है. चुनाव के कारण ही जिन्ना की तस्वीर को लेकर बयान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि करणी सेना की गुंडई और बदमाशी अलीगढ़ में नहीं चलेगी.

रविवार को रघुनाथ पैलेस में करणी सेना के सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरजपाल अम्मू ने कहा कि एएमयू जिन्ना के बाप की जमीन पर नहीं बना है. बल्कि यह जमीन राजा महेंद्र प्रताप ने एएमयू बनाने के लिए दान में दी थी. ऐसे में जिन्ना की तस्वीर यहां नहीं लगने देंगे. उन्होंने जल्द ही तस्वीर को हटाने की बात कही थी. करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरजपाल अम्मू के बयान के बाद छात्र संघ के पूर्व सचिव हुजैफा आमिर रशीदी ने कहा कि देश में जब चुनाव आते हैं जिन्ना का जिन्न बाहर आ जाता है.

हुजैफा आमिर रशीदी.

रशीदी ने कहा कि अगले कुछ महीनों में देश के कई राज्यों में चुनाव हैं. इसलिए तूल दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिन्ना हमारे लिए एक इतिहास हैं. आस्था नहीं है. सन 1938 में मोहम्मद अली जिन्ना छात्रसंघ आए थे. उन्हें लाइफ टाइम मेंबरशिप दी गई थी. इसलिए ऐसे लोग जिनको मेंबरशिप दी गई. उनकी तस्वीरें छात्रसंघ भवन में लगाई गई हैं. जिन्ना के साथ महात्मा गांधी, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, जवाहरलाल नेहरू सहित कई गणमान्य लोगों की तस्वीरें लगी हैं.

एएमयू में लगी जिन्ना की तस्वीर.
एएमयू में लगी जिन्ना की तस्वीर.

इसे भी पढ़ें- जिन्ना के बाप हैं हम, AMU से तस्वीर हटाएगी करणी सेनाः सूरजपाल अम्मू

उन्होंने बताया कि छात्रसंघ भवन में जिन्ना की तस्वीर 1947 से पहले की है. जब हिंदुस्तान और पाकिस्तान का बंटवारा नहीं हुआ था. तब जिन्ना हिंदुस्तान के ही हिस्सा थे, लेकिन जिस लहजे और धमकी भरे अल्फाजों में करणी सेना के लोगों ने धमकी दी है. वह ठीक नहीं है. अलीगढ़ शहर तहजीब और तमीज का समंदर है. अगर वह अलीगढ़ आए थे तो थोड़ी तमीज भी सीख लेते. उन्होंने कहा कि करणी सेना के लोग जो गुंडई और बदमाशी करते हैं. यह अलीगढ़ में नहीं चलेगा, क्योंकि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी तालीम के साथ-साथ तहजीब और तमीज भी करणी सेना को सिखाना जानता है.

अलीगढ़ः करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरजपाल अम्मू द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पर दिए गए विवादास्पद बयान को लेकर एएमयू छात्रसंघ के पूर्व सचिव हुजैफा आमिर रशीदी ने कड़ी निंदा की है. उन्होंने करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बयान पर कटाक्ष भी किया है. हुजैफा आमिर ने कहा कि जब-जब चुनाव आते हैं. तब जिन्ना का जिन्न बाहर आता है. चुनाव के कारण ही जिन्ना की तस्वीर को लेकर बयान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि करणी सेना की गुंडई और बदमाशी अलीगढ़ में नहीं चलेगी.

रविवार को रघुनाथ पैलेस में करणी सेना के सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरजपाल अम्मू ने कहा कि एएमयू जिन्ना के बाप की जमीन पर नहीं बना है. बल्कि यह जमीन राजा महेंद्र प्रताप ने एएमयू बनाने के लिए दान में दी थी. ऐसे में जिन्ना की तस्वीर यहां नहीं लगने देंगे. उन्होंने जल्द ही तस्वीर को हटाने की बात कही थी. करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरजपाल अम्मू के बयान के बाद छात्र संघ के पूर्व सचिव हुजैफा आमिर रशीदी ने कहा कि देश में जब चुनाव आते हैं जिन्ना का जिन्न बाहर आ जाता है.

हुजैफा आमिर रशीदी.

रशीदी ने कहा कि अगले कुछ महीनों में देश के कई राज्यों में चुनाव हैं. इसलिए तूल दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिन्ना हमारे लिए एक इतिहास हैं. आस्था नहीं है. सन 1938 में मोहम्मद अली जिन्ना छात्रसंघ आए थे. उन्हें लाइफ टाइम मेंबरशिप दी गई थी. इसलिए ऐसे लोग जिनको मेंबरशिप दी गई. उनकी तस्वीरें छात्रसंघ भवन में लगाई गई हैं. जिन्ना के साथ महात्मा गांधी, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, जवाहरलाल नेहरू सहित कई गणमान्य लोगों की तस्वीरें लगी हैं.

एएमयू में लगी जिन्ना की तस्वीर.
एएमयू में लगी जिन्ना की तस्वीर.

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उन्होंने बताया कि छात्रसंघ भवन में जिन्ना की तस्वीर 1947 से पहले की है. जब हिंदुस्तान और पाकिस्तान का बंटवारा नहीं हुआ था. तब जिन्ना हिंदुस्तान के ही हिस्सा थे, लेकिन जिस लहजे और धमकी भरे अल्फाजों में करणी सेना के लोगों ने धमकी दी है. वह ठीक नहीं है. अलीगढ़ शहर तहजीब और तमीज का समंदर है. अगर वह अलीगढ़ आए थे तो थोड़ी तमीज भी सीख लेते. उन्होंने कहा कि करणी सेना के लोग जो गुंडई और बदमाशी करते हैं. यह अलीगढ़ में नहीं चलेगा, क्योंकि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी तालीम के साथ-साथ तहजीब और तमीज भी करणी सेना को सिखाना जानता है.

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