अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ छात्रों को एकजुट करने के लिए बाबे सैय्यद गेट पर तराना गाया. मजाज लखनवी द्वारा लिखे गए तराने को एएमयू छात्रों ने एक सुर में गाया. छात्रों ने कहा कि हम यह बताना चाहते हैं कि नागरिकता संशोधन कानून संविधान के खिलाफ है. हम लोग नेशनलिस्ट है. हमें बोलने की आजादी है. एएमयू में हर छात्र को तराना याद है और 19वें दिन जारी धरने में एएमयू छात्रों तराना गाकर एकजुटता का परिचय दिया.
बाबे सैय्यद गेट पर 'ये मेरा चमन-ये मेरा चमन' तराना हर छात्र की जुबान ने गुनगुनाया. यह तराना आपस में लोगों को जोड़ता है. इसे गाकर लोगों में जज्बात पैदा होता है. एएमयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष सलमान इम्तियाज का कहना है कि कुछ लोग जो सोए हुए हैं. तराने को गाकर लोगों को जगाने का काम किया जा रहा है. तराने के बाद राष्ट्रगान गाना गाया. सलमान ने कहा कि हम दिखाना चाहते हैं कि राष्ट्रगान, तिरंगे और लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं. जो लोग हम पर सवाल करते हैं. उनका इतिहास देखा जाए.
बाबे सैय्यद गेट पर लगे धरने पर पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सलमान ने छात्रों से हॉस्टल लौटने की अपील की है. उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून के खिलाफ आंदोलन में जान डालें, ताकि लोगों को पता चले कि हम जिंदा कौम है. जो अपने हक के लिए लड़ सकते हैं.
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पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ने 15 दिसंबर को एएमयू में पुलिस बर्बरता पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इसकी सुनवाई 7 जनवरी को होनी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अगर प्रॉपर्टी को जब्त करने की बात कह रहे हैं तो वे बताना चाहते हैं कि हम जो चाहे कर सकते हैं. लेकिन लोकतंत्र में हम ऐसा नहीं होने देंगे. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय स्थापना के सौ साल पूरे होने पर सलमान इम्तियाज ने कहा कि हम लोग विश्वविद्यालय को उसका हक देना चाहते हैं. शांतिपूर्वक तरीके से जो विरोध कर रहे हैं, यह इतिहास में दर्ज होगा.