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किसान महापंचायत: टप्पल में कल अखिलेश फिर इतिहास दोहराने की करेंगे कोशिश

अलीगढ़ के टप्पल में कल किसान महापंचायत आयोजित होगी. किसान महापंचायत को सपा मुखिया अखिलेश यादव संबोधित करेंगे. इस दौरान समाजवादी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे. अखिलेश डेढ़ घंटे किसानों के बीच रहेंगे. इस दौरान वे किसानों को सम्मानित भी करेंगे.

टप्पल में किसान महापंचायत.
टप्पल में किसान महापंचायत.
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Published : Mar 4, 2021, 9:22 PM IST

अलीगढ़: समाजवादी पार्टी शुक्रवार को अलीगढ़ के टप्पल में किसान महापंचायत आयोजित होगी. किसान महापंचायत को सपा मुखिया अखिलेश यादव संबोधित करेंगे. इस दौरान समाजवादी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे. इसमें अलीगढ़ के सपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ रामजी लाल सुमन, धर्मेंद्र यादव, एमएलसी जसवंत सिंह, कासगंज के पूर्व सांसद कुंवर देवेंद्र यादव, करहल से एमएलसी अरविंद यादव, फिरोजाबाद से एमएलसी डॉ दिलीप यादव, बदायूं से सलीम इकबाल शेरवानी सहित कई नेता किसान महापंचायत में शामिल होंगे. अखिलेश यादव किसान महापंचायत को करीब दो बजे संबोधित करेंगे.




कृषि कानून का विरोध

किसान महापंचायत का मकसद केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून का विरोध करना है. सपा के जिलाध्यक्ष गिरीश यादव ने बताया कि दिल्ली के बॉर्डर पर किसान पिछले चार महीने से प्रदर्शन कर रहा है. वह खुले आसमान के नीचे दिल्ली के बॉर्डर पर जमा है. उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार जो तीन काले कानून किसान के लिए लेकर आई है, उसकी वापसी के लिए समाजवादी पार्टी भी किसानों के समर्थन में है. गिरीश यादव ने बताया कि जो कृषि बिल किसानों के खिलाफ है उसको सरकार तत्काल वापस ले.


पहले भी हुआ है टप्पल में किसान आंदोलन

किसानों का एक बड़ा आंदोलन टप्पल में 2010 में हुआ था और 2010 में टप्पल से अखिलेश यादव ने साइकिल यात्रा शुरू की थी. इसके बाद 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी थी. उस इतिहास को दोहराने के लिए अखिलेश एक बार फिर टप्पल से किसान महापंचायत करने जा रहे हैं. 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं और इस बार अखिलेश यादव फिर से सत्ता में आने के लिए टप्पल से किसानों की राजनीति कर रहे हैं.

पढ़ें: सरकार ने प्रश्नकाल में ही पास कराया बजट, विपक्ष ने बताया अलोकतांत्रिक

'किसान आंदोलनजीवी नहीं अन्नदाता है'

समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और उद्योगपति जफर आलम ने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने खेत की मेड से राजनीति शुरू की है और चौधरी चरण सिंह के बाद कोई अगर किसानों का बड़ा हितैषी रहा है तो मुलायम सिंह यादव रहे हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार किसानों को आंदोलनजीवी कह रही है. इसका मतलब पैरासाइट होता है. जो किसी के कंधे पर बैठा होता है. पूर्व विधायक जफर आलम ने कहा कि किसान सिर्फ अपना पेट नहीं भरता, बल्कि देश का भी पेट भरता है. ऐसे किसानों को अगर कोई आंदोलनजीवी कहें तो ठीक नहीं है. किसान देश का अन्नदाता है.

अलीगढ़: समाजवादी पार्टी शुक्रवार को अलीगढ़ के टप्पल में किसान महापंचायत आयोजित होगी. किसान महापंचायत को सपा मुखिया अखिलेश यादव संबोधित करेंगे. इस दौरान समाजवादी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे. इसमें अलीगढ़ के सपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ रामजी लाल सुमन, धर्मेंद्र यादव, एमएलसी जसवंत सिंह, कासगंज के पूर्व सांसद कुंवर देवेंद्र यादव, करहल से एमएलसी अरविंद यादव, फिरोजाबाद से एमएलसी डॉ दिलीप यादव, बदायूं से सलीम इकबाल शेरवानी सहित कई नेता किसान महापंचायत में शामिल होंगे. अखिलेश यादव किसान महापंचायत को करीब दो बजे संबोधित करेंगे.




कृषि कानून का विरोध

किसान महापंचायत का मकसद केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून का विरोध करना है. सपा के जिलाध्यक्ष गिरीश यादव ने बताया कि दिल्ली के बॉर्डर पर किसान पिछले चार महीने से प्रदर्शन कर रहा है. वह खुले आसमान के नीचे दिल्ली के बॉर्डर पर जमा है. उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार जो तीन काले कानून किसान के लिए लेकर आई है, उसकी वापसी के लिए समाजवादी पार्टी भी किसानों के समर्थन में है. गिरीश यादव ने बताया कि जो कृषि बिल किसानों के खिलाफ है उसको सरकार तत्काल वापस ले.


पहले भी हुआ है टप्पल में किसान आंदोलन

किसानों का एक बड़ा आंदोलन टप्पल में 2010 में हुआ था और 2010 में टप्पल से अखिलेश यादव ने साइकिल यात्रा शुरू की थी. इसके बाद 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी थी. उस इतिहास को दोहराने के लिए अखिलेश एक बार फिर टप्पल से किसान महापंचायत करने जा रहे हैं. 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं और इस बार अखिलेश यादव फिर से सत्ता में आने के लिए टप्पल से किसानों की राजनीति कर रहे हैं.

पढ़ें: सरकार ने प्रश्नकाल में ही पास कराया बजट, विपक्ष ने बताया अलोकतांत्रिक

'किसान आंदोलनजीवी नहीं अन्नदाता है'

समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और उद्योगपति जफर आलम ने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने खेत की मेड से राजनीति शुरू की है और चौधरी चरण सिंह के बाद कोई अगर किसानों का बड़ा हितैषी रहा है तो मुलायम सिंह यादव रहे हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार किसानों को आंदोलनजीवी कह रही है. इसका मतलब पैरासाइट होता है. जो किसी के कंधे पर बैठा होता है. पूर्व विधायक जफर आलम ने कहा कि किसान सिर्फ अपना पेट नहीं भरता, बल्कि देश का भी पेट भरता है. ऐसे किसानों को अगर कोई आंदोलनजीवी कहें तो ठीक नहीं है. किसान देश का अन्नदाता है.

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