आगरा: एक ओर जहां राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही हैं तो वहीं जमीनी हकीकत दावों के बिलकुल उलट है. कोरोना वायरस के खतरे के बीच दूसरे राज्यों से घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों के दर्द को देखकर भावुक कर देने वाला वीडियो सरकारी दावों की हकीकत बयां कर रहा है.
कोरोना वायरस के चलते लागू किए लॉकडाउन के बीच देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रवासी श्रमिक पैदल ही घर लौट रहे हैं. इस बीच इन मजदूरों के कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. ताजा वीडियो आगरा का है, जहां पंजाब से उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में जाने के लिए निकले एक जत्थे में शामिल बच्चा इतना थक गया कि वह चलते हुए ट्रॉली बैग पर ही सो गया तो उसकी मां ने उसे ट्रॉली बैग पर ही सुला दिया और खुद बैग खींचती रही.
पैदल जा रहे प्रवासी मजदूरों से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह पंजाब से चले हैं और महोबा जा रहे हैं. पैदल चलते-चलते तीन दिन हो गए हैं. छोटे-छोटे बच्चों के पैरों में अब कदम भर चलने की भी ताकत नहीं बची है. खाने की बात पूछने पर उन्होंने बताया कि जब भी रास्ते में कहीं खाना मिल जाता है तो खा लेते हैं. नहीं तो जो नाश्ता हमारे पास है, उसे खाकर काम चला रहे हैं.
वहीं महिला के पति धीरज ने बताया कि वो बस अड्डे के पास होकर आए हैं. वहां पुलिस ने उन्हें यहां बस न होने की बात कहकर आगे भेज दिया. प्रशासन की व्यवस्थाओं की उन्हें कोई जानकारी नहीं है.