आगरा: मोहब्बत की नगरी आगरा में सावन के चारो सोमवार शहर के चारों कोनों पर स्थित शिव मंदिरों में बारी-बारी विशाल मेले का आयोजन होता है. ऐसा माना जाता है कि नगर के चारों कोनों पर रहकर भगवान महादेव नगर की रक्षा करते हैं. सावन के मेलों की शुरुआत राजपुर चुंगी स्थित राजेश्वर मंदिर से होती है.
यहां मौजूद है अद्भुत शिवलिंग-
वैसे तो चारो मंदिर का अपना अपना विशेष इतिहास है. लेकिन ऐसा माना जाता है अगर श्रीराजेवश्वर महादेव मंदिर में स्थित अद्भुत शिवलिंग की आराधना की जाए, तो पुण्य दोगुना मिलता है. यह अद्भुत शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलती है, जिसे देख भक्त भगवान के चमत्कार की अनुभूति करते हैं.
क्या है मान्यता-
ऐसा कहा जाता है कि एक बार साहूकार नर्मदा नदी से शिवलिंग लेकर आ रहे थे. गांव से पहले उन्होंने रात्रि विश्राम के लिए एक जगह बेलगाड़ी रोक दी. रात्रि में सपने में भगवान ने कहा कि कि शिवलिंग को इसी स्थान पर स्थापित कर दो. लेकिन साहूकार यह नहीं चाहता था. इसलिए उसने सुबह बैलगाड़ी में रखने के लिए शिवलिंग को जमीन से उठाकर ले जाने का प्रयास किया गया, तो बैलगाड़ी आगे ही नहीं बढ़ रही थी. कई गाड़ी और दर्जनों लोगों के प्रयास के बाद भी गाड़ी का पहिया आगे नहीं बढ़ा. इसी खींचतान के दौरान शिवलिंग जमीन पर गिर गई और वहीं स्थापित हो गई. इसके बाद पांच गांव के लोगों ने मिलकर मंदिर का निर्माण कराया. जिसमें गांव उखर्रा, राजपुर, बाग राजपुर, चमरौली और कहरई सम्मलित हैं. मंदिर की सेवा के लिए 24 बीघा जमीन भी जमीदारों द्वारा दी गई थी.
राजेश्वर महादेव मंदिर स्थित शिवलिंग का जब सुबह तड़के दर्शन किया जाए तो ये दूधिया सफेद होती है और दोपहर में इस शिवलिंग के दर्शन किए जाएं तो इस दूधिया शिवलिंग पर नीले रंग की धारियां आ जाती हैं. वहीं शाम की आरती के समय जब भक्त पूजन के लिए आते हैं, तो भक्तों को गुलाबी रंग के शिवलिंग के दर्शन होते हैं.
-रवि कुमार गोस्वामी , सेवादार , श्रीराजेवश्वर महादेव मंदिर