आगराः जनपद के बाह क्षेत्र के यमुना नदी के तट पर बसे तीर्थ धाम बटेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा जन मेला शुरू हो गया है. शुक्रवार को देवोत्थानी एकादशी के मौके पर नागा साधुओं सहित साधु संतों ने तीर्थ की सप्तकोसीय परिक्रमा कर यमुना नदी में डुबकी लगाकर पहला शाही स्नान किया. साथ ही जनकल्याण की कामना कर पांचवें कुंभ लगाने की मांग की गई.
बता दें कि उत्तर भारत का प्रसिद्ध प्राचीन तीर्थ धाम बटेश्वर में 350 वर्षों से कार्तिक माह में प्रसिद्ध मेले का आयोजन होता चला आ रहा है. मेले में सर्वप्रथम पशुओं का मेला लगाया जाता है, जिसमें कई राज्यों के व्यापारी गाय ,ऊंट, खच्चर, गधा, घोड़ा, आदि पशुओं की खरीद-फरोख्त के लिए आते हैं. इस वर्ष पशुओं में फैली लंपी वायरस बीमारी को देखते हुए जिला पंचायत द्वारा पशु मेला नहीं लगाया गया.
शुक्रवार से देवोत्थानी एकादशी से 7 दिवसीय कार्तिक पूर्णिमा जन मेले का आयोजन शुरू हो गया. दूर दराज से पहुंचे नागा साधु संतों ने सैकड़ों की संख्या में तीर्थ धाम बटेश्वर में अपना डेरा जमा लिया. साधु-संतों के अखाड़े जम गए हैं. कार्तिक पूर्णिमा के दिन लाखों की संख्या में कई राज्यों के श्रद्धालु तीर्थ धाम बटेश्वर में दीपदान और यमुना स्नान के लिए पहुंचेंगे. इसके लिए जिला पंचायत द्वारा तैयारियां पूरी की गईं हैं. पुलिस सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है. वहीं शुक्रवार को देवस्थान एकादशी पर्व के दिन मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध संत महामंडलेश्वर श्री श्री 108 बाबा बालक दास के नेतृत्व में सैकड़ों साधु संतों के साथ श्रद्धालुओं ने बैंड बाजों के साथ तीर्थ धाम बटेश्वर की सप्तकोशी परिक्रमा की.
बाबा बालक दास के साथ संतों ने एकादशी पर पहला शाही स्नान किया. महामंडलेश्वर संत बालक दास बीते कई वर्षों से लगातार कार्तिक मेले में शाही स्नान करते चले आ रहे हैं. महामंडलेश्वर द्वारा लगातार बटेश्वर में पांचवें कुंभ का मेला लगाने की मांग की जा रही है. शुक्रवार को संतो ने शाही स्नान के बाद पानी, मार्ग प्रकाश समेत कई अव्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठाए.