आगरा : कोरोना के बढ़ते मामलों में रेमडेसिविर इंजेक्शन को संजीवनी के तौर पर लिया जा रहा है. यही वजह है कि अपनों की जान बचाने के लिए लोग अब इस इंजेक्शन को हर कीमत पर खरीद रहे हैं. इस वजह से शहर में इस इंजेक्शन की खूब कालाबाजारी हो रही थी. इसी बीच शहरवासियों के लिए राहत भरी खबर है कि अब एसएन मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त मात्रा में आवश्यकतानुसार मरीजों के लिए यह इंजेक्शन उपलब्ध है.
एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संजय काला ने बताया कि कोरोनावायरस केस को देखते हुए हम नए बेड, वेंटिलेटर की व्यवस्था कर रहे हैं. वहीं ऑक्सीजन का लेवल और स्टोरेज समय-समय पर चेक किया जा रहा है, जिससे संक्रमित मरीजों का ठीक से इलाज हो सके. शहर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग को देखते हुए सरकार ने पर्याप्त मात्रा में इंजेक्शन उपलब्ध कराए हैं.
इबोला वायरस व हेपेटाइटिस सी रोग में काम आता हैं इंजेक्शन
एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों के लिए डॉक्टरों के परामर्श के अनुसार इंजेक्शन दिए जा रहे हैं . लेकिन यह इंजेक्शन कोविड-19 के शुरुआती दिनों में असरदार है. उसके बाद इंजेक्शन का कोई खास असर नहीं रहता. डब्ल्यूएचओ ने भी साफ तौर पर कहा है कि इस इंजेक्शन का इस्तेमाल इबोला वायरस व हेपेटाइटिस सी रोग में किया जाता है. जरूरी नहीं कि यह कोरोना में भी उतना ही असरदार हो. इसके कई साइड इफेक्ट भी हैं.
क्या है रेमडेसिविर
यह एक एंटीवायरल दवा है, जिसे अमेरिका की दवा कंपनी गिलियड साइंसेज ने बनाया है. इसे आज से करीब एक दशक पहले हेपेटाइटिस सी और सांस संबंधी वायरस (RSV) का इलाज करने के लिए बनाया गया था, लेकिन इसे कभी बाजार में उतारने की मंजूरी नहीं मिली. लेकिन कोरोना के इस दौर में रेमडेसिविर इंजेक्शन को जीवन रक्षक दवा के रूप में देखा जा रहा है. यही कारण है कि रेमडीसिविर इंजेक्शन को लोग महंगी कीमत पर भी खरीदने को तैयार हैं. रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में किया जाता है.
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डॉक्टर्स से परामर्श लेकर ही लगवाएं इंजेक्शन
एसएन प्राचार्य ने लोगों से अपील की है कि इस इंजेक्शन को जरूरत पड़ने पर ही लगवाएं. साथ ही डॉक्टर से परामर्श लेकर ही लगवाएं. अन्यथा इसके घातक परिणाम हो सकते हैं.