आगरा: जिला मुख्यालय पर पटाखा व्यापारियों के समर्थन में राष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया और एडीएम सिटी डॉ. प्रभाकांत अवस्थी को ज्ञापन सौंपा. कार्यकर्ताओं ने बताया कि आगरा प्रशासन द्वारा दिवाली से शेष 4 दिन पहले ही पटाखों को चलाने, खरीदने और बेचने पर पूर्णतया बैन लगा दिया गया है, जिससे हिंदुओं की आस्थाओं का अपमान हुआ है और हिंदू समाज में रोष का माहौल है.
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कहा कि वायु प्रदूषण में दिवाली के पटाखों का योगदान एक परसेंट है, जो कि 365 में से केवल 1 दिन ही होता है. परंतु प्रशासन द्वारा केवल एक धर्म विशेष को निशाना बनाकर पटाखे पर बैन लगाया गया है. जिलाधिकारी द्वारा लिया गया यह फैसला किसी मुगलिया फरमान से कम नहीं है.
राष्ट्रीय बजरंग दल के साथ आए व्यापारियों ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए बताया कि बेटी की शादी का पैसा दिवाली के पटाखों में लगा दिया था, जिससे उन्हें दिवाली पर मुनाफा हो सके. लेकिन एनजीटी द्वारा पटाखों पर रोक लगाए जाने के बाद वह भुखमरी की कगार पर आ गए हैं.
लगातार बढ़ रहा प्रदूषण
बता दें कि केंद्रीय वायु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सर्वे में इन दिनों ताजनगरी देश में सातवें स्थान पर है तो वहीं प्रदेश में पहले स्थान पर. आगरा सबसे प्रदूषित शहर के रूप में सामने आया है. ऐसे में ताजनगरी के लोगों के लिए वायु प्रदूषण एक बड़ी चुनौती से कम नहीं आंका जा रहा. ताजनगरी की एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 458 दर्ज की गई है. यही कारण है कि अब यहां की जहरीली हवा का असर दीपावली के दस्तूर को भी प्रभावित कर रहा है, क्योंकि दीपावली पर न यहां पटाखे बिकेंगे और न ही जलेंगे.
कर्जा लेकर खरीदे व्यापारियों ने पटाखे
बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने बताया कि पटाखा व्यापारियों ने कर्ज लेकर पटाखों की खरीद की है. लॉकडाउन में व्यापार न चलने के कारण व्यापारी पहले से ही परेशान है, उसके बाद हिंदुओं का बड़ा त्योहार दिवाली के मौके पर एनजीटी द्वारा तुगलकी फरमान जारी करने से व्यापारी आहत हैं. अब देखना होगा कि दीपावली के पावन पर्व पर ताज नगरी में पटाखों की गूंज सुनने को मिलती है या फिर सन्नाटा ही छाया रहेगा.