आगरा: ताजनगरी के नूरी दरवाजा मार्ग पर स्थित सरकारी लेडी लॉयल अस्पताल में डॉक्टर की भारी कमी है, जिसके कारण गर्भवती महिलाओं को इलाज के लिए घण्टों लाइन में इंतजार करना पड़ रहा है. यहां गर्भवती महिलाओं के लिए न बैठने की उचित व्यवस्था है और न ही पीने लायक स्वच्छ जल का इंतजाम है, जिसके कारण गर्भवती महिलाएं बेहद परेशान हैं.
भीषण गर्मी में घण्टों इंतजार
ताजनगरी आगरा में अक्टूबर के महीने में भी मौसम जून-जुलाई की तरह गर्म है. लगातार बढ़ता तापमान लोगों पर गहरा प्रभाव डाल रहा है, इससे गर्भवती महिलाएं भी परेशान हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहा हैं, क्योंकि आगरा के लेडी लॉयल अस्पताल में गर्भवती महिलाएं डॉक्टर की कमी का खामियाजा भुगत रही हैं. यहां बेहतर इलाज की आस लेकर आने वाली गर्भवती महिलाओं को घण्टों लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है. बिना पंखे और बैठक की उचित व्यवस्था न होने के कारण गर्भवती महिलाएं धक्का-मुक्की का शिकार होती हैं.
डॉक्टरों की कमी
लेडी लॉयल अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रेखा गुप्ता का कहना है कि अस्पताल में 10 डॉक्टर हैं जो 2 शिफ्ट में गर्भवती महिलाओं को उपचार देती हैं. ओपीडी में प्रतिदिन 500 से 600 मरीज आते हैं. ऐसे में 2 या 4 डॉक्टरों की ड्यूटी रहती है. अस्पताल में डिलीवरी और इमरजेंसी सेवाओं के लिए भी डॉक्टर तैनात रहते हैं. ऐसे में ओपीडी में प्रतिदिन मरीजों की बढ़ती संख्या एक बड़ी समस्या है. अस्पताल में भी डॉक्टर लगातार अपनी सेवाएं देते है, जिसके कारण डॉक्टरों पर सेवाओं का अधिकतम भार है.
अल्ट्रासाउंड के लिए 1 टेक्नीशियन
लेडी लॉयल अस्पताल की अधिक्षिका रेखा गुप्ता का कहना है कि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन को चलाने के लिए सिर्फ एक टेक्नीशियन है।जिसकी क्षमता एक दिन में सिर्फ 60 अल्ट्रासाउंड की है. ऐसे में हर मरीज का अल्ट्रासाउंड कर पाना बेहद मुश्किल है. हमने डॉक्टर और टेक्नीशियन की शासन से मांग की है, लेकिन अब तक कोई मांग पूरी नहीं हुई है.