आगराः जिले के फाउंड्री नगर चौकी क्षेत्र में दो चांदी कारीगरों से चौकी इंचार्ज और दो सिपाहियों द्नारा अवैध वसूली का मामला सामने आया. जिसमें अवैध तरीके से चौकी इंचार्ज ने उन चांदी के कारीगरों को बंद करके भी रखा था. पीड़ित युवकों को छोड़ने के लिए पुलिस ने उनसे हजारों रुपये भी लिए. जब यह मामला एसएसपी के पास पहुंचा तो उन्होंने तत्काल जांच कर चौकी इंचार्ज व दो सिपाहियों को निलंबित कर आगे के जांच के निर्देश दे दिए.
जिले के थाना सादाबाद क्षेत्र के विसावर गांव के रहने वाले धर्मेंद्र और विपिन पुत्र रमेश चंद्र 7 जून को दोपहर 12 बजे आगरा के सर्राफा व्यवसाई रामकुमार की चांदी दुकान की से घुंगरू लेकर आगरा जा रहे थे. इस दौरान करीब 1:25 पर टेढ़ी बगिया की ईट मंडी के पास एक लाल रंग की ऑल्टो उनके पास आकर रुकी. ऑल्टो के रुकने के बाद बाइक पर सवार वह दोनोंं भी रुक गए. इसके बाद विपिन ने उन लोगों से पूछा कि आप कौन हैं. तो वह लोग कहने लगे कि हम पुलिस वाले हैं.
इसके बाद ऑल्टो में सवार 3 लोग बाहर निकले. जिसमें एक व्यक्ति बिना नेमप्लेट के वर्दी पहने हुए था और 2 लोग सादे कपड़ों में थे. इन लोगों ने बिना कुछ पूछे उनके फोन छीन लिए और बहस कर मारपीट करना शुरू कर दिया. मारपीट के बाद वह लोग विपिन और धर्मेंद्र को चौकी फाउंड्री नगर ले गए. जहां पर फिर उनके साथ मारपीट कर एनकाउंटर की धमकी भी दी.
उन्होंने पुलिसकर्मियों से कहा कि इस माल का कागज हमारे पास है. लेकिन उसके बावजूद भी उनकी एक बात न सुनी. पुलिस द्वारा उनसे दो लाख रुपये की मांग की गई. उन्होंने पुलिस से बहुत विनती की तब पुलिस चौहत्तर हजार रुपये में तैयार हुई. इसके बाद पुलिस ने व्हाट्सएप कॉलिंग से उसके पिता रमेश चंद से उसकी बात कराई. जिसके बाद उसके पिता आगरा पहुंचकर चौकी इंचार्ज को चौहत्तर हजार रुपये दिए. इसके बाद उनके पिता को चौकी से बाहर कर उन्हें चौकी में घंटो बैठाकर कहा गया की किसी से शिकायत की तो तुम्हारा एनकाउंटर कर दूंगा.
इसके बाद वह गांव पहुंचे. जब यह बात ग्राम प्रधान जगवेंद्र चौधरी को चली तो उन्होंने हम दोनों को लेकर शनिवार को समाधान दिवस पर थाना एत्माद्दौला पहुंचे. जहां आगरा के जिलाधिकारी और एसएसपी भी थाने में मौजूद थे. जब पीड़ितों ने अपनी शिकायत एसएसपी को बताई तो पीड़ितों का बयान लेकर उन्होंने मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी. जांच पड़ताल के बाद फाउंड्री नगर चौकी प्रभारी नीलकमल और अन्य दो सिपाही कपिल और आशीष नेहरा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया.
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