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5 साल बाद जागा पुलिस विभाग, कोमा में चल रहे सिपाही को जल्द मिलेगा एरियर, चार गुना बड़ी पेंशन - Agra hindi news

आगरा के खंदौली निवासी सिपाही पांच साल से कोमा में है. सरकारी त्रुटि के कारण सिपाही की पेंशन कम थी और एरियर रुका हुआ था, जिसके कारण बेटे के ईलाज में हताश पिता को परेशानी आ रही थी. वहीं, अब पुलिस कमिश्नर की इस मदद से सिपाही के परिजन बेहद खुश हैं.

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सिपाही सागर सिंह
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Published : Dec 10, 2022, 11:58 AM IST

आगराः आगरा के खंदौली निवासी सिपाही का 2017 में गौतमबुद्ध नगर में एक्सीडेंट हो गया था. वह 5 साल से कोमा में था. सरकारी त्रुटि के कारण सिपाही की पेंशन कम थी और एरियर रुका हुआ था. सिपाही के पिता की गुहार पर पुलिस कमिश्नर ने मदद की. 5 साल से एक्सीडेंट के बाद बिस्तर पर पड़े सिपाही बेटे को सरकारी पेंशन कम मिल रही थी. विभाग ने सिपाही को अशक्त मान रिटायर्ड कर दिया था. वहीं, उसका एरियर का भुगतान भी नहीं हुआ था, जिसके कारण बेटे के ईलाज में हताश पिता को परेशानी आ रही थी.

सिपाही के पिता ने 3 दिन पहले पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह से मुलाकात कर बेटे की मदद करने की गुहार लगाई थी. पुलिस कमिश्नर ने कोमा में पड़े सिपाही सागर सिंह का हाल जानने गुरुवार को डीसीपी प्रोटोकॉल शिव कुमार यादव को घर भेजा था. डीसीपी प्रोटोकॉल ने सिपाही की स्थिति से पुलिस कमिश्नर को अवगत कराया. सिपाही की पेंशन विभागीय त्रुटि के कारण कम आ रही थी. एरियर भी रुका हुआ था. पुलिस कमिश्नर ने मात्र 3 दिन में विभाग से पत्राचार कर सिपाही की पेंशन में 4 गुना का इजाफा कराया और 1 लाख एरियर की स्वीकृति भी करा दी. पुलिस कमिश्नर की इस मदद से सिपाही के परिजन बेहद खुश हैं.

1 साल कर पाया सिपाही नौकरी
सिपाही सागर सिंह (Constable Sagar Singh) पुलिस में सिर्फ 1 साल सेवाएं दे पाये. गौतमबुद्ध नगर में एक सड़क दुर्घटना के शिकार हो गए थे, तब से कोमा में हैं. विभाग ने सिपाही सागर सिंह को अशक्त मान रिटायर्ड कर दिया था. पिता का कहना है कि पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह के प्रयास से बेटे की बढ़ी पेंशन और एरियर मिलने से उसका ईलाज अच्छे से हो पाएगा, जिसकी वजह से हम सब खुश हैं.

पढ़ेंः चेकिंग के दौरान पुलिस पर पथराव, कई वाहनों में तोड़फोड़

आगराः आगरा के खंदौली निवासी सिपाही का 2017 में गौतमबुद्ध नगर में एक्सीडेंट हो गया था. वह 5 साल से कोमा में था. सरकारी त्रुटि के कारण सिपाही की पेंशन कम थी और एरियर रुका हुआ था. सिपाही के पिता की गुहार पर पुलिस कमिश्नर ने मदद की. 5 साल से एक्सीडेंट के बाद बिस्तर पर पड़े सिपाही बेटे को सरकारी पेंशन कम मिल रही थी. विभाग ने सिपाही को अशक्त मान रिटायर्ड कर दिया था. वहीं, उसका एरियर का भुगतान भी नहीं हुआ था, जिसके कारण बेटे के ईलाज में हताश पिता को परेशानी आ रही थी.

सिपाही के पिता ने 3 दिन पहले पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह से मुलाकात कर बेटे की मदद करने की गुहार लगाई थी. पुलिस कमिश्नर ने कोमा में पड़े सिपाही सागर सिंह का हाल जानने गुरुवार को डीसीपी प्रोटोकॉल शिव कुमार यादव को घर भेजा था. डीसीपी प्रोटोकॉल ने सिपाही की स्थिति से पुलिस कमिश्नर को अवगत कराया. सिपाही की पेंशन विभागीय त्रुटि के कारण कम आ रही थी. एरियर भी रुका हुआ था. पुलिस कमिश्नर ने मात्र 3 दिन में विभाग से पत्राचार कर सिपाही की पेंशन में 4 गुना का इजाफा कराया और 1 लाख एरियर की स्वीकृति भी करा दी. पुलिस कमिश्नर की इस मदद से सिपाही के परिजन बेहद खुश हैं.

1 साल कर पाया सिपाही नौकरी
सिपाही सागर सिंह (Constable Sagar Singh) पुलिस में सिर्फ 1 साल सेवाएं दे पाये. गौतमबुद्ध नगर में एक सड़क दुर्घटना के शिकार हो गए थे, तब से कोमा में हैं. विभाग ने सिपाही सागर सिंह को अशक्त मान रिटायर्ड कर दिया था. पिता का कहना है कि पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह के प्रयास से बेटे की बढ़ी पेंशन और एरियर मिलने से उसका ईलाज अच्छे से हो पाएगा, जिसकी वजह से हम सब खुश हैं.

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