आगरा : ताजनगरी में गैंगरेप पीड़ित से रिक्शा चालक द्वारा छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. नाबालिग पीड़िता से दोबारा दुष्कर्म करने का प्रयास किया गया. वहीं जब पीड़िता ने इसका विरोध किया तो आरोपी ने बुरी तरह से उसकी पिटाई कर दी. हद तो तब हो गई, जब पीड़िता रिपोर्ट दर्ज कराने जीआरपी थाने गई तो उसकी रिपोर्ट नहीं दर्ज की गई.
दरअसल, हरीपर्वत थाना क्षेत्र निवासी एक विधवा महिला की नाबालिग बेटी से दो वर्ष पहले गैंगरेप की वारदात हुई थी. उसी गैंगरेप के चलते पीड़िता को एक बेटी भी पैदा हो गई थी. वह मामला अभी न्यायालय में चल रहा है. महिला और उसकी बेटी इधर-उधर छोटा-मोटा काम करके अपना जीवन यापन करते हैं. तीन दिन पूर्व महिला अपनी बेटी के साथ मजदूरी के लिए राजा की मंडी रेलवे स्टेशन के पास गई थी और दोपहर में भूख लगने पर खाना खाने प्लेटफार्म नंबर तीन पर पहुंच गई.
रेलवे स्टेशन पर गाड़ी न होने के चलते वहां सन्नाटा पसरा हुआ था. जब नाबालिग खाना खा कर हाथ धोने नल पर गई तो वहीं स्टेशन के पास रिक्शा चलाने वाला पप्पू पहुंच गया. पप्पू ने बुरी नियत से नाबालिग को दबोच लिया. नाबालिग ने जब शोर मचाया तो उसकी मां वहां पर आ गई. हंगामे के बाद पप्पू की पकड़ से छूटने पर नाबालिग ने उसे थप्पड़ मार दिया, जिससे गुस्साए पप्पू ने डंडे से मां और बेटी को जमकर पीटा. पिटाई में नाबालिग का सिर फट गया, दो दांत टूट गए और हाथ में फ्रैक्चर हो गया.
अपने साथ हुई घटना की शिकायत करने जब पीड़िता और उसकी मां जीआरपी चौकी पहुंचीं तो मामला स्टेशन के बाहर का बताकर उन्हें हरी पर्वत थाने भेज दिया गया. जब दोनों हरीपर्वत थाने पहुंचे और स्टेशन पर वारदात होने की बात बताई तो वहां से उन्हें वापस जीआरपी भेज दिया गया. जीआरपी और हरी पर्वत थाने की पुलिस तीन दिन महिला और उसकी बेटी को इधर से उधर दौड़ाती रही, जिससे थकाहर कर दोनों मां-बेटी एसएसपी कार्यालय पहुंच गई, जहां सीओ चमन सिंह छावड़ा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जीआरपी को आदेश दिया और महिला के शिकायत पत्र को लेकर वापस जीआरपी चौकी राजा की मंडी भेज दिया.
महिला अपनी बेटी के साथ जब राजा की मंडी जीआरपी चौकी पहुंची तो उन्हें यहां अंदर तक रुकने नहीं दिया गया. महिला घंटों अपनी बेटी के साथ चौकी के बाहर जमीन पर बैठी रोती-बिलखती रही. वहीं मामला जब मीडिया के संज्ञान में आया तो उनके द्वारा जीआरपी के करतूतों की जानकारी जीआरपी के आला अधिकारियों को दी गई. अधिकारियों की लताड़ के बाद जीआरपी इंस्पेक्टर ललित त्यागी ने मौके पर पहुंचे और जीआरपी कर्मचारियों की जमकर क्लास लगाई. इसके बाद इंस्पेक्टर ने महिला और उसकी बेटी की बात सुनी. हालांकि उन्होंने भी मामले को सिर्फ मारपीट का मामला बनाकर दोनों को मेडिकल के लिए भेज दिया.