आगरा : सर्दियों की शुरुआत में प्रवासी पक्षियों के आगमन के साथ ही ताजनगरी के मथुरा बॉर्डर पर स्थिति जोधपुर झाल पर शिकारियों की सक्रियता बढ़ गई है. शिकारी जोधपुर झाल के प्रवासी पक्षियों का ही नहीं, जाल लगाकर मछलियों का भी शिकार कर रहे हैं. इतना ही नहीं विरोध करने पर शिकारियों ने पक्षी विशेषज्ञ डॉ. केपी सिंह पर हमला बोल दिया. वहीं शोर मचाने पर क्रिकेट खेल रहे बच्चे दौड़े तो शिकारी भाग निकले. इसको लेकर पक्षी विशेषज्ञ डॉ. केपी सिंह ने सीएम योगी और वन विभाग से प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा की गुहार लगाई है.
पक्षी विशेषज्ञ डॉ. केपी सिंह ने बताया कि प्रवासी पक्षियों के शिकार की सूचना पर वह जोधपुर झाल पर पहुंचे थे. उस समय शिकारी छिप कर प्रवासी पक्षियों का शिकार कर रहे थे. साथ ही झाल में जाल डालकर मछली भी पकड़ रहे थे. उन्होंने जब शिकारियों को रोका और फ़ोटो खींचना शुरु किया तो वो भड़क गए और हाथापाई कर दी. डॉ. केपी सिंह ने बताया कि उन्होंने जब शोर मचाया तो पास में क्रिकेट खेल रहे बच्चे दौड़े. यह देखकर शिकारी सामान समेट कर अपनी अपनी बाइक से भाग गए. इस पर डॉ केपी सिंह ने सीएम योगी और डीएफओ मथुरा और डीजीपी को ट्वीट कर शिकायत की.
गश्त बढ़ेगा और पानी भी आएगा
डीएफओ मथुरा आरएन मिश्रा ने कहा कि क्षेत्रीय वन अधिकारी मुकेश कुमार मीना के नेतृत्व में एक गश्ती दल सोमवार और मंगलवार को जोधपुर झाल भेजा गया था. फिलहाल गश्ती दल को शिकारी नहीं मिले हैं. वहीं ओखला बैराज से आगरा कैनाल में पानी छोड़ा गया है. जो मंगलवार सुबह तक जोधपुर झाल पर पहुंचेगा. इससे झाल का पानी बढ़ने से शिकारियों पर लगाम लग सकती है.
जोधपुर झाल बना इन पक्षियों की शरणस्थली
जोधपुर झाल इस समय तमाम प्रवासी पक्षियों की शरणस्थली बन गयी है. यहां ग्रेटर फ्लेमिंगो, रूडी शेल्डक, बार हेडेड गूज, नोर्दन पिनटेल, काॅमन टील, नार्दन शोवलर, पाइड एवोसेट, टफ्टिड डक, ग्रे लैग गूज, लेशर विशलिंग डक, काॅम्ब डक, स्पून विल्ड डक, गेडवाल, गारगेने, पेन्टेड स्टार्क, ब्लैक विंग स्टिल्ट, पर्पल स्वैम्प हैन, सेन्डपाइपर, लिटिल रिंग्ड प्लोवर, यूरेशियन कर्ल्यू , पेन्टेड स्नाइप जैसे जलीय पक्षियों की संख्या सैकड़ों में रहती हैं. शिकारियों की सक्रियता से इन प्रवासी पक्षियों के जीवन पर खतरा पैदा हो गया है.
कम पानी और नियमित गश्त की कमी
जैव विविधता के संरक्षण एवं अध्ययन करने वाली संस्था बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. के.पी. सिंह ने बताया कि आगरा कैनाल लगभग एक माह से सूखी पड़ी थी. जोधपुर झाल के पानी का स्तर एक चौथाई से भी कम रह गया है. अगर झाल का पानी कम हो जाता है, तो शिकारी आसानी से झाल के अंदर जाकर घातक औजारों का प्रयोग कर प्रवासी पक्षियों का शिकार करते हैं. यह शिकारी 10 से 12 के झुंड में प्रवासी पक्षियों का शिकार कर रहे हैं. जोधपुर झाल का आधा भाग मथुरा और आधा भाग आगरा में आता है. वन विभाग यहां गश्त ही नहीं करता है. सिंचाई विभाग की उदासीनता के चलते भी शिकारियों के हौसले बुलंद रहते हैं.
पक्षी विशेषज्ञ ने की लिखित शिकायत
पक्षी विशेषज्ञ डॉ. के.पी. सिंह ने उप वन संरक्षक, राष्ट्रीय चंबल सेन्चुरी प्रोजेक्ट आगरा एवं प्रभागीय निदेशक दिवाकर श्रीवास्तव से लिखित शिकायत की है. इसमें जोधपुर झाल के प्रवासी पक्षियों के शिकार रोकने के लिए आगरा एवं मथुरा वन विभाग की नियमित गश्त चालू कर शिकारियों को पकड़ने के लिए अभियान चलाने की मांग की है. आरओ किरावली अमित गुप्ता द्वारा मथुरा वन विभाग के सहयोग से जोधपुर झाल को शिकारियों से सुरक्षित किया जाएगा.