आगरा: अक्सर विवादों में घिरी रहने वाली खाकी ने अपनी ड्यूटी के साथ इंसानियत का फर्ज निभा कर लोगों के सामने एक नई तस्वीर पेश की है. 3 साल की बच्ची को रक्त देने के लिए थाने पर आए पिता की गुहार पर महिला दारोगा ने बच्ची को खून देकर उसकी जान बचाई. इसके बाद पूरे जिले में महिला दारोगा की जमकर तारीफ हो रही है.
सिकंदरा क्षेत्र की रहने वाली 3 साल की बच्ची की 20 दिन पहले तबीयत खराब हो गई थी. बच्ची के पिता ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां उसका इलाज चल रहा था. थाना हरीपर्वत प्रभारी अजय कौशल ने बताया कि बच्ची सिबी को रक्त कम होने की समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. परिजनों ने उसे बाग फरजाना स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था, जिसके बाद बच्ची अस्पताल के आईसीयू में थी. बच्ची का रक्त ग्रुप 'ए निगेटिव' था. इस कारण उसे रक्त मिलने में समस्या आ रही थी.
बच्ची के पिता ने रक्त के लिए तमाम जद्दोजहद की, लेकिन जब वह रक्त ला पाने में सफल न हो सके तो उन्होंने हरीपर्वत थाने में रक्त दिलाने की गुहार लगाई. उसी थाने में तैनात महिला दारोगा डेजी पवार, जिनका ब्लड ग्रुप भी 'ए नेगेटिव' था, जब उन्हें इस बारे में पता चला तो वह रक्तदान के लिए तैयार हो गईं. उन्होंने अस्पताल में जाकर बच्ची को रक्तदान किया और उसके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी भी ली. पिता ने महिला दारोगा की मदद के लिए उन्हें धन्यवाद दिया.