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स्कॉटलैंड से 65 साल की जूली बेंटले आगरा में 24 वर्षीय भानु प्रताप मिलने आईं, जानिए क्या है कहानी

Scotland to Agra: स्कॉटलैंड से 65 साल की जूली बेंटले आगरा में 24 वर्षीय भानु प्रताप मिलने आईं, जानिए क्या है कहानी

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 12, 2024, 1:29 PM IST

आगरा: आपको कहानी भले ही फिल्मी लगे. मगर, आगरा में ये हकीकत है. स्कॉटलैंड से 65 साल की जूली बेंटले आगरा के रुनकता में 24 वर्षीय भानु प्रताप के घर गुरुवार को पहुंची. जूली बेंटले भानु प्रताप को अपना बेटा मानती हैं. इसलिए, अपने मुंह बोले बेटे से मिलने सात समुंदर पार करके रुनकता आईं तो भानु प्रताप और उनके परिजनों ने उनका जोशीला स्वागत किया. इतना ही नहीं अब जूली छह दिन बेटे भानु के घर ही रुककर भारतीय संस्कृति को जानेंगी.

आगरा दिल्ली हाइवे स्थित रुनकता निवासी भानु प्रताप पुत्र नारायण सिंह इवेंट मैनेजमेंट कंपनी में एंकर हैं. करीब एक साल पहले भरतपुर (राजस्थान) के लक्ष्मी विलास पैलेस में एक शादी समारोह था. जिसमें भानु प्रताप भी गया था. तभी स्कॉटलैंड की 65 वर्षीय जूली बेंटले भी भरतपुर के केवलादेव घाना पक्षी विहार देखने आई थीं. जब जूली बेंटले ने भारतीय संस्कृति से परिपूर्ण समारोह देखा तो बेहद प्रभावित हुईं.

तभी जूली बेंटले और भानु प्रताप की पहली बार मुलाकात हुई थी. इस दौरान भारतीय संस्कृति और सभ्यता से प्रभावित जूली बेंटले ने भानु प्रताप से खूब बातचीत की. समारोह में उन्होंने एक-दूसरे के मोबाइल नंबर लिए. फिर, इंस्ट्राग्राम पर चैट शुरू हो गई. फोन पर बात और इंस्टाग्राम की चैटिंग ने दोनों के बीच मां-बेटे का रिश्ता बना दिया.

भानु प्रताप बताते हैं कि, इंस्ट्राग्राम पर चैटिंग से दोनों में मां-बेटे का रिश्ता बन गया. मां जूली बेंटले की कोई संतान नहीं है. उसके पति की मृत्यु भी हो चुकी है. इसलिए उन्होंने मुझे अपना बेटा मान लिया. मैं भी उन्हें मां मानता हूं. वे मेरा एक मां की तरह ख्याल रखती हैं. अब हम मां बेटे हैं. भानु ने बताया कि, मां जूली बेंटले उससे मिलने गुरुवार को भारत आ गई हैं. वे गुरुवार को ही उसके घर पहुंची हैं. मां जूली बेंटले मेरे घर में छह दिन रहेंगी. मां का मैंने और मेरे परिवार ने ग्रामीणों ने ढोल नगाड़े के साथ भारतीय संस्कृति से उनका स्वागत किया. जिससे वे बेहद खुश हैं.

जूली बेंटले ने बताया कि, भानु प्रताप को मैं अपना बेटा मान चुकी हूं. मैं अपने बेटे से मिलने आगरा (भारत) आई हूं. जब मैं बेटे के घर रूनकता तो मेरा सभी ने ढोल और नगाड़े बजाकर स्वागत किया. जो मेरे लिए एक बेहद खुशी की बात है. मैं भी खुशी से ढोल नगाड़े पर ग्रामीणों के साथ खूब नाची हूं. मैं यहां पर छह दिन रूनकता में भानु के घर रुककर धार्मिक स्थलों के दर्शन करूंगी और भारतीय संस्कृति को जानूंगी.

मुंह बोले बेटे से मिलने आईं जूली बेंटले करोड़ों रुपये की संपत्ति की मालिकन हैं. जूली बेंटले ने आगरा में होटल में रुकने से इनकार कर दिया. कहा कि, वे बेटे के ही घर रहेंगी. मुझे भारतीय संस्कृति बहुत पसंद है. मैं भगवान राम में विश्वास रखती है. बेटे के साथ छह दिन बिताउगी. भारतीय संस्कृति के बारे में बहुत कुछ जानने की इच्छा है.

ये भी पढ़ेंः लखनऊ में है छोटी अयोध्या; राजा टिकैत राय ने करवाया था जीर्णोद्धार, बनवाया था मंदिर के साथ बड़ा तालाब

आगरा: आपको कहानी भले ही फिल्मी लगे. मगर, आगरा में ये हकीकत है. स्कॉटलैंड से 65 साल की जूली बेंटले आगरा के रुनकता में 24 वर्षीय भानु प्रताप के घर गुरुवार को पहुंची. जूली बेंटले भानु प्रताप को अपना बेटा मानती हैं. इसलिए, अपने मुंह बोले बेटे से मिलने सात समुंदर पार करके रुनकता आईं तो भानु प्रताप और उनके परिजनों ने उनका जोशीला स्वागत किया. इतना ही नहीं अब जूली छह दिन बेटे भानु के घर ही रुककर भारतीय संस्कृति को जानेंगी.

आगरा दिल्ली हाइवे स्थित रुनकता निवासी भानु प्रताप पुत्र नारायण सिंह इवेंट मैनेजमेंट कंपनी में एंकर हैं. करीब एक साल पहले भरतपुर (राजस्थान) के लक्ष्मी विलास पैलेस में एक शादी समारोह था. जिसमें भानु प्रताप भी गया था. तभी स्कॉटलैंड की 65 वर्षीय जूली बेंटले भी भरतपुर के केवलादेव घाना पक्षी विहार देखने आई थीं. जब जूली बेंटले ने भारतीय संस्कृति से परिपूर्ण समारोह देखा तो बेहद प्रभावित हुईं.

तभी जूली बेंटले और भानु प्रताप की पहली बार मुलाकात हुई थी. इस दौरान भारतीय संस्कृति और सभ्यता से प्रभावित जूली बेंटले ने भानु प्रताप से खूब बातचीत की. समारोह में उन्होंने एक-दूसरे के मोबाइल नंबर लिए. फिर, इंस्ट्राग्राम पर चैट शुरू हो गई. फोन पर बात और इंस्टाग्राम की चैटिंग ने दोनों के बीच मां-बेटे का रिश्ता बना दिया.

भानु प्रताप बताते हैं कि, इंस्ट्राग्राम पर चैटिंग से दोनों में मां-बेटे का रिश्ता बन गया. मां जूली बेंटले की कोई संतान नहीं है. उसके पति की मृत्यु भी हो चुकी है. इसलिए उन्होंने मुझे अपना बेटा मान लिया. मैं भी उन्हें मां मानता हूं. वे मेरा एक मां की तरह ख्याल रखती हैं. अब हम मां बेटे हैं. भानु ने बताया कि, मां जूली बेंटले उससे मिलने गुरुवार को भारत आ गई हैं. वे गुरुवार को ही उसके घर पहुंची हैं. मां जूली बेंटले मेरे घर में छह दिन रहेंगी. मां का मैंने और मेरे परिवार ने ग्रामीणों ने ढोल नगाड़े के साथ भारतीय संस्कृति से उनका स्वागत किया. जिससे वे बेहद खुश हैं.

जूली बेंटले ने बताया कि, भानु प्रताप को मैं अपना बेटा मान चुकी हूं. मैं अपने बेटे से मिलने आगरा (भारत) आई हूं. जब मैं बेटे के घर रूनकता तो मेरा सभी ने ढोल और नगाड़े बजाकर स्वागत किया. जो मेरे लिए एक बेहद खुशी की बात है. मैं भी खुशी से ढोल नगाड़े पर ग्रामीणों के साथ खूब नाची हूं. मैं यहां पर छह दिन रूनकता में भानु के घर रुककर धार्मिक स्थलों के दर्शन करूंगी और भारतीय संस्कृति को जानूंगी.

मुंह बोले बेटे से मिलने आईं जूली बेंटले करोड़ों रुपये की संपत्ति की मालिकन हैं. जूली बेंटले ने आगरा में होटल में रुकने से इनकार कर दिया. कहा कि, वे बेटे के ही घर रहेंगी. मुझे भारतीय संस्कृति बहुत पसंद है. मैं भगवान राम में विश्वास रखती है. बेटे के साथ छह दिन बिताउगी. भारतीय संस्कृति के बारे में बहुत कुछ जानने की इच्छा है.

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