आगराः कोरोना के बाद आगरा के जूता कारोबार ने जैसे ही रफ्तार पकड़नी शुरू की तो रूस-युक्रेन युद्ध ने असर डालना शुरू कर दिया. इस युद्ध को लेकर भारत के तटस्थ रुख ने अब फिर से आगरा के इस कारोबार की बांछे खिला दी है. यहां के निर्यातकों की माने तो युद्ध के चलते रूस समेत कई देश अब भारत की ओर देख रहे हैं. अभी सैंपलिंग का समय है. ऐसे में करोड़ों के बड़े आर्डर मिलने की उम्मीद बढ़ गई है. रूस ने भारत को जूते समेत कई कई सामानों की सूची भेजी है. भारत का यूके और आस्ट्रेलिया से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट होने वाला है. ऐसे में आगरा के जूता कारोबार को संजीवनी मिल गई है. उम्मीद है कि इस बार आगरा का यह कारोबार ऊंची छलांग मारेगा.
जूता निर्यातक दीपक मनचंदा बताते हैं कि दुनियाभर के कई देश रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते रूस को अलग-थलग करने की कोशिश कर रहे हैं. रूस पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं. ऐसे में रूस की ओर से सामानों की सूची भारत को भेजी गई है. रूस ये सामान पहले अन्य देशों से मंगाता था लेकिन अब वह यह सामान भारत से मंगवाने की कोशिश कर रहा है. इसमें जूते भी शामिल हैं. वहीं, अमेरिका व अन्य देश चाइना को पसंद नहीं करते हैं. इसकी वजह से आगरा के शू कारोबारियों के लिए अमेरिका का बाजार भी खुल गया है. इससे शू एक्सपोर्ट और आगे जाएगा. इससे उम्मीद है कि अमेरिका और अन्य देशों में आगरा के शूज की डिमांड बढ़ेगी.
जूता कारोबारियों की माने तो भारत ने यूक्रेन-रूस युद्ध पर अपना रुख तटस्थ रखा है. इससे यूरोप और यूएस से भी भारत की निकटता हो गई है. कारोबारियों का कहना है कि ईधन के दाम बढ़ने से कीमतों पर असर पड़ सकता है. आज कई देश भारत के साथ आना चाहते हैं. यूके व आस्ट्रेलिया के साथ भारत का फ्री ट्रेड एग्रीमेंट होने वाला है. यूएई से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट है. जिन भी देशों से भारत का फ्री ट्रेड एग्रीमेंट है इस बार वहां भारत से निर्यात बढ़ेगा. इसका फाय़दा आगरा के जूता कारोबार को भी होगा.
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