आगरा: हमारे समाज की एक बड़ी विडंबना है कि जिस समाज में कन्या को देवी के रूप में पूजा जाता है, अगर वही कन्या घर में जन्म लेती है तो बड़ा अपराध और उसे जन्म देने वाली महिला अपराधी मानी जाती हैं. वो भी आज के समय में जब बेटियां किसी मायने में बेटों से कम नहीं है. यहां तक की कई क्षेत्रों में तो लड़कियों वो मकाम हासिल किया है, जो लड़के आज तक हासिल नहीं कर पाए. ऐसे समय में लड़कियों को कम आंकना मूर्खता नहीं तो क्या है, लेकिन यह बात शायद आगरा की बेटी गौरी वंदना के ससुरालवालों को समझ नहीं आई. तभी तो उन्होंने अपनी बहु का वो हाल कर दिया कि उसे देखकर किसी का भी दिल दहल उठेगा.
बीते 27 माह से बिस्तर पर जिंदगी और मौत से जूझ रही गौरी वंदना ताजगंज के राजरई गांव की निवासी है. चार साल पहले उसकी शादी शाहगंज थाना क्षेत्र के नरीपुरा के रहने वाले त्रिवेंद्र कुमार से हुई थी. त्रिवेंद्र इस समय गाजियाबाद में रेलवे विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर तैनात है. कोमा में पड़ी गौरी का अपराध बस यह है कि उसने बेटी को जन्म दिया. गौरी के ससुरालीजनों ने उसकी दुधमुंही बेटी को भी छीन लिया है. गौरी के पिता अपनी पेंशन से उसका इलाज करा रहे है. जिसे वहन कर पाना अब उनकी हैसियत से बाहर है.
सीएम योगी से मदद की लगाई गुहार
गौरी के पिता पुलिस फायर सर्विस से सेवानिवृत्त हैं. गौरी कुल चार बहने हैं. जिनमे से 2 विवाहित है और 2 अविवाहित. गौरी के पिता ने अपनी बेटियों के लालन-पालन और उनकी पढ़ाई में अपनी पूरी पूंजी लगा दी और पेंशन पर अपना घर चलाते हैं. ऐसे में 27 महीनों से कोमा में पड़ी वंदना के ईलाज का खर्चा भी उनके पिता वहन कर रहे हैं. लेकिन, अब उनकी जमापूंजी नहीं है. गौरी के पिता का कहना है कि गौरी के महंगे इलाज के लिए अब उनके पास पैसे नहीं है, लेकिन अपनी बेटी को वो अपने पैरों पर खड़ा देखना चाहते हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गौरी के इलाज में मदद की गुहार लगाई है. जिससे उनकी होनहार बेटी जल्द ठीक हो सके.