आगरा: कोविड मरीजों के इलाज के रेट बढ़ाने की आईएमए की मांग से संगठन के कई पदाधिकारी सहमत नहीं है. इन पदाधिकारियों ने सरकार की ओर से फिक्स रेट को सही ठहराया है. पिछले दिनों हुई आईएमए (यूपी चैप्टर) की बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजीव उपाध्याय ने कहा था कि यूपी सरकार ने एल-2, एल-3 कैटिगरी में कोविड मरीजों के इलाज के लिए जो रेट तय किया है, वह बहुत कम है. उन्होंने सरकार से रेट बढ़ाने की मांग की थी. एसोसिएशन की इस मांग पर आईएमए के निर्वाचित अध्यक्ष डॉ. ओ.पी यादव और पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर हरेंद्र गुप्ता ने आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने जो रेट फिक्स की है, वह एकदम सही है.
आपदा में भी अगर कमाना है पैसा, तो बंद करें डॉक्टरी का पेशा
आईएमए ( यूपी चैप्टर) के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर हरेंद्र गुप्ता ने कहा कि हम डॉक्टर हैं व्यापारी नहीं. इलाज के नाम पर डॉक्टर व्यापार नहीं कर सकते. यह आपदा का समय है. हमें सरकार का सहयोग करना चाहिए और तय रेट पर ही इलाज करना चाहिए . उनका कहना है कि एल-1 की रेट 10,000 रखी गई है, उसे भी कम करनी चाहिए, ताकि गरीब मरीज भी अपना सही इलाज करा सके. यदि आपदा में भी डॉक्टर को पैसा कमाना है तो डॉक्टरी का पेशा बंद कर व्यापार शुरू कर दें.
इसे भी पढ़ें- दो वक्त की रोटी और फुटपाथ पर जिंदगी बिताने को मजबूर ये लोग
अगर रेट से संतुष्ट नहीं हैं तो कोविड सेंटर से हटवा लें नाम
आईएमए ( यूपी चैप्टर) के निर्वाचित अध्यक्ष डॉ ओ.पी. यादव ने कहा कि प्रशासन ने डॉक्टरों से कोई जबरदस्ती तो नहीं की थी कि वह अपने अस्पतालों को कोविड सेंटर में तब्दील करें और कोविड के मरीजों का इलाज करे. यदि अस्पतालों से सरकार की ओर से तय रेट में मरीजों का उपचार नहीं हो पा रहा तो प्रशासन को इस बारे में लिखकर दें. ऐसे डॉक्टर प्रशासन को बता सकते हैं कि वह कोविड मरीजों का इलाज नहीं कर पाएंगे. वह अपने हॉस्पिटल का नाम कोविड सेंटर की लिस्ट से हटा सकते हैं. अभी कमाई के लिए सरकार से अपील करने का वक्त नहीं है.