आगरा: इंसान अगर इंसान को पुकारे तो शायद इंसान उसके बुलावे पर समय से हाजिर हो, लेकिन जब यह कहा जाए कि अगर इंसान की एक आवाज पर नेवले और सांप दौड़े चले आएं तो यह बात आपको अजीब लगेगी. लेकिन जो कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं, वह इस को बात को सच साबित करती है.
बच्चों का नेवले और सांप से प्यार
हम बात कर रहे हैं ताजनगरी से 30 किलोमीटर दूर बसे सपेरा पुरा गांव की. इस गांव में रहने वाले नेवले और सांप नन्हे-मुन्हे बच्चों की एक आवज पर दौड़े चले आते हैं, उनके साथ खेलते हैं और उन्हें प्यार करते हैं.
जानवरों को प्यार से दुलारते हैं बच्चे
बात यहीं खत्म नहीं होती, गांव में खतरनाक नेवले और सांप बच्चों के कंधे और हाथों पर चढ़ जाते हैं. बच्चे इन जानवरों को प्यार से दुलारते हैं. शायद यही वजह है कि दोनों प्रजातियों के जानवर बच्चों के पास रहते हैं. शायद ही ऐसे जज्बात इंसानों में देखने को मिलें.
कांता नाम की बच्ची बताती है कि इस गांव के लोग प्रकृति से प्यार करते हैं. जंगलों से नेवलों और सांपों को लाकर उनसे दोस्ती करते हैं और हर समय उनको साथ रखते हैं. साथ ही उन्हें खाना खिलाते हैं, उनके साथ सोते हैं और दोस्ती का फर्ज निभाते हैं.
बच्चों और जानवरों के बीच का यह प्यार कुछ यूं है कि दोनों ही एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते हैं. यह दोस्ती प्रकृति से प्रेम करने वाले उन मासूम बच्चों और नेवलों की है, जिन्होंने बता दिया है कि दिल से अगर प्यार किया जाए तो इस दुनिया में सब कुछ मुमकिन है.