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फ्रेंडशिप-डे-स्पेशल: बड़ी दिलचस्प है बच्चों से सांप और नेवलों की दोस्ती

ताजनगरी के एक गांव में बच्चों और जानवरों का एक ऐसा दोस्ताना देखने को मिला है कि दोनों एक दूसरे के बगैर नहीं रह सकते है. बच्चे और जानवर एक साथ सोते हैं और एक साथ खाते हैं. देखिये ये खास रिपोर्ट.

बच्चों से सांप और नेवलों की दोस्ती.
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Published : Aug 4, 2019, 9:58 PM IST

आगरा: इंसान अगर इंसान को पुकारे तो शायद इंसान उसके बुलावे पर समय से हाजिर हो, लेकिन जब यह कहा जाए कि अगर इंसान की एक आवाज पर नेवले और सांप दौड़े चले आएं तो यह बात आपको अजीब लगेगी. लेकिन जो कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं, वह इस को बात को सच साबित करती है.

बच्चों का नेवले और सांप से प्यार
हम बात कर रहे हैं ताजनगरी से 30 किलोमीटर दूर बसे सपेरा पुरा गांव की. इस गांव में रहने वाले नेवले और सांप नन्हे-मुन्हे बच्चों की एक आवज पर दौड़े चले आते हैं, उनके साथ खेलते हैं और उन्हें प्यार करते हैं.

बच्चों से सांप और नेवलों की दोस्ती.

जानवरों को प्यार से दुलारते हैं बच्चे
बात यहीं खत्म नहीं होती, गांव में खतरनाक नेवले और सांप बच्चों के कंधे और हाथों पर चढ़ जाते हैं. बच्चे इन जानवरों को प्यार से दुलारते हैं. शायद यही वजह है कि दोनों प्रजातियों के जानवर बच्चों के पास रहते हैं. शायद ही ऐसे जज्बात इंसानों में देखने को मिलें.

कांता नाम की बच्ची बताती है कि इस गांव के लोग प्रकृति से प्यार करते हैं. जंगलों से नेवलों और सांपों को लाकर उनसे दोस्ती करते हैं और हर समय उनको साथ रखते हैं. साथ ही उन्हें खाना खिलाते हैं, उनके साथ सोते हैं और दोस्ती का फर्ज निभाते हैं.

बच्चों और जानवरों के बीच का यह प्यार कुछ यूं है कि दोनों ही एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते हैं. यह दोस्ती प्रकृति से प्रेम करने वाले उन मासूम बच्चों और नेवलों की है, जिन्होंने बता दिया है कि दिल से अगर प्यार किया जाए तो इस दुनिया में सब कुछ मुमकिन है.

आगरा: इंसान अगर इंसान को पुकारे तो शायद इंसान उसके बुलावे पर समय से हाजिर हो, लेकिन जब यह कहा जाए कि अगर इंसान की एक आवाज पर नेवले और सांप दौड़े चले आएं तो यह बात आपको अजीब लगेगी. लेकिन जो कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं, वह इस को बात को सच साबित करती है.

बच्चों का नेवले और सांप से प्यार
हम बात कर रहे हैं ताजनगरी से 30 किलोमीटर दूर बसे सपेरा पुरा गांव की. इस गांव में रहने वाले नेवले और सांप नन्हे-मुन्हे बच्चों की एक आवज पर दौड़े चले आते हैं, उनके साथ खेलते हैं और उन्हें प्यार करते हैं.

बच्चों से सांप और नेवलों की दोस्ती.

जानवरों को प्यार से दुलारते हैं बच्चे
बात यहीं खत्म नहीं होती, गांव में खतरनाक नेवले और सांप बच्चों के कंधे और हाथों पर चढ़ जाते हैं. बच्चे इन जानवरों को प्यार से दुलारते हैं. शायद यही वजह है कि दोनों प्रजातियों के जानवर बच्चों के पास रहते हैं. शायद ही ऐसे जज्बात इंसानों में देखने को मिलें.

कांता नाम की बच्ची बताती है कि इस गांव के लोग प्रकृति से प्यार करते हैं. जंगलों से नेवलों और सांपों को लाकर उनसे दोस्ती करते हैं और हर समय उनको साथ रखते हैं. साथ ही उन्हें खाना खिलाते हैं, उनके साथ सोते हैं और दोस्ती का फर्ज निभाते हैं.

बच्चों और जानवरों के बीच का यह प्यार कुछ यूं है कि दोनों ही एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते हैं. यह दोस्ती प्रकृति से प्रेम करने वाले उन मासूम बच्चों और नेवलों की है, जिन्होंने बता दिया है कि दिल से अगर प्यार किया जाए तो इस दुनिया में सब कुछ मुमकिन है.

Intro:जनपद आगरा मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर सपेरा पुरा गांव में छोटे-छोटे बच्चे आपस में प्यार तो रखते हैं लेकिन सबसे सच्चे दोस्त होते हैं वह खतरनाक नेवले. नेवले और सांप की यह दोस्ती क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी रहती है. बच्चों के साथ खाना, बच्चों के साथ रहना, बच्चों के साथ सोना, नेवलों की दोस्ती यूं ही बयान करते हुए बताती है कि यह दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे. Body:"यह दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे"

एक ऐसी दोस्ती जिसकी होती है क्षेत्र में चर्चाएं

नेवले और सांप से बच्चों की दोस्ती

बच्चे नहीं जानते फ्रेंडशिप डे बारे में

खतरनाक नेवले से यूं ही करते हैं बच्चे प्यार, खिलाते हैं भोजन, दुलार कर सुलाते हैं साथ

दोस्त की एक आवाज पर दौड़ते चले आते हैं नेवले और सांप

जनपद आगरा मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर सपेरा पुरा गांव में छोटे-छोटे बच्चे आपस में प्यार तो रखते हैं लेकिन सबसे सच्चे दोस्त होते हैं वह खतरनाक नेवले. नेवले और सांप की यह दोस्ती क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी रहती है. बच्चों के साथ खाना, बच्चों के साथ रहना, बच्चों के साथ सोना, नेवलों की दोस्ती यूं ही बयान करते हुए बताती है कि यह दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे.
5 अगस्त के दिन लोग फ्रेंडशिप डे के रूप में धूमधाम से मनाते हैं . लोग दोस्तों को एक दूसरे के हाथों पर फ्रेंडशिप डे बैंड बांधकर दोस्ती को निभाने का वादा करते हैं. फ्रेंडशिप डे के दिन सोशल मीडिया पर सिर्फ और सिर्फ दोस्ती ही दोस्ती छाई रहती है. लेकिन इससे हटकर ब्लाक शमशाबाद क्षेत्र के एक गांव में अजब-गजब दोस्ती देखने को मिलती है. यह दोस्ती प्रकृति से प्रेम करने वाले मासूम बच्चों और नेवलों की है. दोस्ती का ऐसा प्यार कि नेवले और सांप बच्चों के बिना नहीं रहते. बच्चे भी बिना नेवले और सांप के नहीं रह सकते . हाथों में नेवले लिए हुए बच्चे नेवले और सांप को हाथ फेर कर दुलारते हैं . तो वहीं नेवला हाथों से चढ़ते हुए प्यार का इजहार करता है.
इस दोस्ती के बारे में जब बच्चों से पूछा गया तो बताया कि हम प्रकृति से प्यार करते हैं . जंगलों से नेवलों को लाकर उनसे दोस्ती करते हैं. हर समय उनको साथ रखतते हैं, खाना खिलाने का ख्याल रखते हैं , साथ सोते हैं और अपनी दोस्ती निभाते हैं.Conclusion:बच्ची कांता
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