आगराः आगरा के फतेहाबाद तहसील के अंतर्गत एक गांव है, धरियायी. इस गांव में सोमवार सुबह 'बड़ों' की लापरवाही से एक बच्चे की जान खतरे में पड़ गई. 4 साल का शिवा खुले बोरवेल में गिर गया. बोरवेल करीब 100 फीट गहरा था. छोटेलाल ने दो दिन पहले इस बोरवेल से पाइप निकलवाए थे. वह इसे ढंकना भूल गए. सोमवार सुबह नन्हा शिवा अपने घर के बालकों के साथ खेल रहा था. अचानक वह इस गहरे बोरवेल में गिर गया.
बच्चा गिरा तो हंगामा शुरू हुआ. निकालने के लिए ग्रामीणों ने जतन किया. पुलिस, फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ की टीम को सूचना दी गई. फिर शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन 'A'. साथ ही शुरू हुआ दुआओं का दौर. रेस्क्यू टीम ने जांच के बाद अंदाजा लगाया कि शिवा करीब 90 फीट नीचे अटका पड़ा है. रेस्क्यू टीम ने बचाव का काम शुरू किया. नाइट विजन कैमरे से पता लगा कि बच्चे की सांस चल रही है. टीम ने पहले बोरवेल के पास दूसरा गड्ढा खोदने की प्लानिंग की.
इस बीच शिवा तक ऑक्सीजन पहुंचाई गई. टीम मुस्तैदी से उसे बचाने में जुटी रही, तो शिवा ने भी अपने हौसले से उनकी उम्मीद जगाए रखी. ऑपरेशन के दौरान कभी रस्सी पकड़कर तो कभी रोकर उसने जता दिया कि अभी वह मौत से दो-दो हाथ करने को तैयार है. उसके एक्शन से टीम ने जाल के जरिए बाहर निकालने की प्लानिंग की. बच्चे का कमाल देखिए 100 फीट गहरे गड्ढे में वह ठीक ऐसा करता रहा, जैसा लोग उसे बोलते रहे. हां..बीच-बीच में वह काफी रोता रहा. आखिर बच्चा ही है, ऐसे हालात में रोए भी नहीं.
9 घंटे तक ऐसे हालात में बड़े-बड़ों के पसीने छूट जाएंगे. रेस्क्यू ऑपरेशन के आखिरी डेढ़ घंटे में तो उसने टीम का जबर्दस्त साथ दिया. उसने हर कमांड को बखूबी पूरा किया. शायद पिता से बातचीत के बाद वह और भी सजग हो गया था. दुआ रंग लाई... शाम करीब 4:55 बजे जब वह बाहर आया, तब वह घबराया तो था, मगर बदहवास नहीं. लड़के ने क्या हिम्मत दिखाई. रेस्क्यू टीम ने भी जबर्दस्त तरीके से काम किया. जब शिवा को बोरवेल से निकाला गया तो हर आदमी ने रेस्क्यू टीम का जयकारे और तालियों से स्वागत किया.
सीएम ने बोरवेल बंद या ढकने का दिया निर्देश
खुले बोरवेल में बच्चों और जानवरों के गिरने के कई मामले सामने आए हैं. इसे देखते हुए सीएम योगी ने ट्वीट कर निर्देश दिया है कि खुले बोरवेल से मनुष्यों और पशुओं दोनों का जीवन संकट में पड़ जाता है, इसलिए अभियान चलाकर खुले बोरवेल को बन्द कराया जाए अथवा उन पर ढक्कन रखवाया जाए.
जानें साढ़े 9 घंटे की कहानी, कब, क्या हुआ
7:30 AM- सुबह 4 साल का शिवा खुले बोरवेल में गिरा.
9:30 AM - पुलिस, फायर ब्रिगेड और एसडीआरएफ की टीम ने संभाली कमान, रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू.
3:24PM - शिवा ने रस्सी को पकड़ा, रेस्क्यू टीम ने उसके लिए बिस्कुट और पानी नीचे भेजा.
3:26PM - बच्चे को सीधा रस्सी से खींचने का प्रयास जारी, ऐहतियातन जेसीबी ने बोरवेल के पास खुदाई शुरू की.
3:58 PM- बच्चे ने अपना हाथ झोले में डाला, सेना ने आसपास से भीड़ कम करने के लिए आवाज लगाई.
4:13 PM- स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर की टीम कंट्रोल रूम पर पहुंची.
4:22 PM- बच्चे से आवाज लगाकर बोला गया... अब दोनों हाथों से रस्सी से पकड़ो.
4:30 PM- 80 फीट तक उपर शिवा को खींचा गया. रोने की आवाज से लगाया गया अंदाजा.
4:32 PM - शिवा की गर्दन तिरछी होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन कुछ मिनट के लिए धीमा हुआ.
4:36 PM- रो रहे शिवा से बोले पापा, हौसला रखो बेटा तुम बस निकलने वाले हो.
4:51PM- रेस्क्यू टीम के चेहरे खिले, शिवा को सकुशल बाहर निकाला गया.