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National Farmers Day : थाई एप्पल बेर की बागवानी ने किया कमाल, किसान हो गया मालामाल - आगरा ताजा समाचार

ताज नगरी आगरा में परंपरागत खेती को छोड़कर एक किसान ने कुछ अलग करने का मन बनाया. किसान ने बताया कि उसने अपने एक बीघा खेत में थाई एप्पल बेर ( Thai Apple Plum ) की बागवानी की और 4 गुना फायदा कमा रहे हैं.

Thai Apple Berry
थाई एप्पल बेर.
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Published : Dec 23, 2021, 12:46 PM IST

आगरा : आज पूरा देश राष्ट्रीय किसान दिवस ( National Farmers Day ) मना रहा है. एक तरफ जहां किसान अपनी समस्यों को लेकर सड़कों पर आंदोलन कर रहे थे. वहीं दूसरी ओर कुछ किसान ऐसे थे, जिन्होंने नई कृषि पद्धति को अपना कर लाखों का मुनाफा कमाया. ऐसे ही कुछ नया आगरा के ग्राम पंचायत नगला कारे के किसान शिव कुमार उर्फ प्रकाश ने भी किया है. उन्होने अपने एक बीघा खेत में थाई एप्पल बेर ( Thai Apple Plum ) की बागवानी की है. उनका कहना है कि एक बार 30,000 लगाने पर अब वह प्रतिवर्ष डेढ़ लाख रुपये कमा रहे हैं.

थाई एप्पल बेर की बागवानी से कमाया 4 गुना फायदा

जगनेर रोड स्थित ब्लॉक अकोला के गांव नगला कारे में किसान शिव कुमार उर्फ प्रकाश रहते हैं. शिव कुमार ने बताया कि वह भी पहले गांव के अन्य किसानों की तरह ही परंपरागत आलू, गेहूं की खेती करते थे. आलू की खेती में जहां कभी फायदा तो कभी नुकसान होता था तो उन्होंने कुछ अलग कर ने का मन बनाया.

थाई एप्पल बेर की बागवानी.

शिव कुमार बताते हैं कि उन्होंने पश्चिम बंगाल में एप्पल बेर की बागवानी के बारे में सुना था. इसके बाद उन्हें पता चला कि एप्पल बेर की बागवानी चोमा में भी होने लगी है. वह वहां से अपने लिए 150 एप्पल बेर के पौधे लेकर आए और 1 बीघा खेत में लगा दी. एक बीघा एप्पल बेर की बागवानी करने में उनका लगभग 30,000 का खर्च आया.

इसे भी पढ़ें- छोटे से कंधों पर उठा ली परिवार की जिम्मेदारी, सम्मानित होंगी पंक्चर गर्ल 'राजकुमारी'

बेर लगाने के 45 दिनों बाद ही बगीचा तैयार हो गया. शिव कुमार ने बताया कि पहली बार जब बेर को मंडी ले जाकर बेचा तो 75,000 का फायदा हुआ. वहीं दूसरे वर्ष यह मुनाफा लगभग डेढ़ लाख रुपये हो गया. इस प्रकार 30,000 रुपये एक बार लगाने पर हर बार वह लगभग डेढ़ से 2,00,000 कमा रहे हैं. किसान शिव कुमार का कहना है कि एक बार एप्पल बेर का बगीचा लगाने पर यह लगभग 20 वर्ष तक चलता है.

लोगों ने उड़ाया था मजाक

किसान शिव कुमार ने बताया है कि पहली बार जब वह इस बगीचे को लगाने की तैयारी कर रहे थे अन्य किसानों ने उनकी हंसी भी उड़ाई थी. लेकिन वह किसी की बातों में न कर अपने काम में जुट गए, जिसका आज उन्हें फायदा हो रहा है.

बेर की रखवाली के लिए फैला रखा है जाल

किसान शिव कुमार ने बताया कि उन्होंने एप्पल बेर को पक्षियों और चमगादड़ों से बचाने के लिए बगीचे के चारों तरफ ऊपर से जाल बिछा रखा है. उनका कहना है कि रात्रि के समय चमगादड़ फसलों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में बागवानी की रक्षा और सुरक्षा के लिए उन्होंने जाल का सहारा लिया है. एप्पल बेर का पेड़ ज्यादा बड़ा नहीं होता है. हर बार उसकी कटाई की जाती है. पेड़ छोटे होने के चलते नीचे से आसानी से बेरों को तोड़ा जा सकता है. वहीं इन पेड़ों पर नाम मात्र के लिए कांटे पाए जाते हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

एप्पल बेर अन्य बेरों की अपेक्षा अधिक महंगा बिकता है. सेब की तरह यह बेर भी प्रोटीन, फाइबर युक्त होने के कारण इसे एप्पल बेर कहा जाता है. आगरा, मथुरा, दिल्ली सहित कई राज्यों की मंडियों में यह बिकने के लिए जाता है.

आगरा : आज पूरा देश राष्ट्रीय किसान दिवस ( National Farmers Day ) मना रहा है. एक तरफ जहां किसान अपनी समस्यों को लेकर सड़कों पर आंदोलन कर रहे थे. वहीं दूसरी ओर कुछ किसान ऐसे थे, जिन्होंने नई कृषि पद्धति को अपना कर लाखों का मुनाफा कमाया. ऐसे ही कुछ नया आगरा के ग्राम पंचायत नगला कारे के किसान शिव कुमार उर्फ प्रकाश ने भी किया है. उन्होने अपने एक बीघा खेत में थाई एप्पल बेर ( Thai Apple Plum ) की बागवानी की है. उनका कहना है कि एक बार 30,000 लगाने पर अब वह प्रतिवर्ष डेढ़ लाख रुपये कमा रहे हैं.

थाई एप्पल बेर की बागवानी से कमाया 4 गुना फायदा

जगनेर रोड स्थित ब्लॉक अकोला के गांव नगला कारे में किसान शिव कुमार उर्फ प्रकाश रहते हैं. शिव कुमार ने बताया कि वह भी पहले गांव के अन्य किसानों की तरह ही परंपरागत आलू, गेहूं की खेती करते थे. आलू की खेती में जहां कभी फायदा तो कभी नुकसान होता था तो उन्होंने कुछ अलग कर ने का मन बनाया.

थाई एप्पल बेर की बागवानी.

शिव कुमार बताते हैं कि उन्होंने पश्चिम बंगाल में एप्पल बेर की बागवानी के बारे में सुना था. इसके बाद उन्हें पता चला कि एप्पल बेर की बागवानी चोमा में भी होने लगी है. वह वहां से अपने लिए 150 एप्पल बेर के पौधे लेकर आए और 1 बीघा खेत में लगा दी. एक बीघा एप्पल बेर की बागवानी करने में उनका लगभग 30,000 का खर्च आया.

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बेर लगाने के 45 दिनों बाद ही बगीचा तैयार हो गया. शिव कुमार ने बताया कि पहली बार जब बेर को मंडी ले जाकर बेचा तो 75,000 का फायदा हुआ. वहीं दूसरे वर्ष यह मुनाफा लगभग डेढ़ लाख रुपये हो गया. इस प्रकार 30,000 रुपये एक बार लगाने पर हर बार वह लगभग डेढ़ से 2,00,000 कमा रहे हैं. किसान शिव कुमार का कहना है कि एक बार एप्पल बेर का बगीचा लगाने पर यह लगभग 20 वर्ष तक चलता है.

लोगों ने उड़ाया था मजाक

किसान शिव कुमार ने बताया है कि पहली बार जब वह इस बगीचे को लगाने की तैयारी कर रहे थे अन्य किसानों ने उनकी हंसी भी उड़ाई थी. लेकिन वह किसी की बातों में न कर अपने काम में जुट गए, जिसका आज उन्हें फायदा हो रहा है.

बेर की रखवाली के लिए फैला रखा है जाल

किसान शिव कुमार ने बताया कि उन्होंने एप्पल बेर को पक्षियों और चमगादड़ों से बचाने के लिए बगीचे के चारों तरफ ऊपर से जाल बिछा रखा है. उनका कहना है कि रात्रि के समय चमगादड़ फसलों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में बागवानी की रक्षा और सुरक्षा के लिए उन्होंने जाल का सहारा लिया है. एप्पल बेर का पेड़ ज्यादा बड़ा नहीं होता है. हर बार उसकी कटाई की जाती है. पेड़ छोटे होने के चलते नीचे से आसानी से बेरों को तोड़ा जा सकता है. वहीं इन पेड़ों पर नाम मात्र के लिए कांटे पाए जाते हैं.

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एप्पल बेर अन्य बेरों की अपेक्षा अधिक महंगा बिकता है. सेब की तरह यह बेर भी प्रोटीन, फाइबर युक्त होने के कारण इसे एप्पल बेर कहा जाता है. आगरा, मथुरा, दिल्ली सहित कई राज्यों की मंडियों में यह बिकने के लिए जाता है.

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