आगराः रोडवेज विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के चलते महानगर बस सेवा लॉकडाउन से पहले बंद हो गई. वहीं ग्रामीणों ने चालक और परिचालकों पर मनमानी का आरोप लगाया है. 18 माह पूर्व क्षेत्रीय विधायक रामप्रताप सिंह चौहान से ग्रामीणों की मांग पर आगरा बिजली घर चौराहे से एत्मादपुर बरहन, आंवलखेड़ा के लिए महानगर बस सेवा का संचालन शुरू कराया था. प्रतिदिन तीन बसें आवागमन कर रही थी, लेकिन चालक और परिचालकों की मनमानी के चलते बस सेवा बंद हो गई.
चालक परिचालक पर मनमानी का आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि परिचालक निर्धारित किराया यात्रियों से नहीं लिया जाता था. परिचालक हमेशा तय टिकट के दाम से ज्यादा वसूलते थे. जो कि परिचालकों की ऊपरी आमदनी बन गए थे. इससे रोडवेज विभाग को राजस्व की हानि हुई और बसों का संचालन बंद कर दिया गया.
किराया भी ज्यादा सुविधा भी कुछ नहीं
आपको बता दें एत्मादपुर से बरहन की दूरी 11 किलोमीटर है, लेकिन डग्गामार वाहन 20 रुपये किराया वसूलते हैं. न देने पर अभद्रता पर उतारू हो जाते है. स्थानीय लोगों का कहना है कि किराया मनमुताबिक वसूली करने बाद भी जान हथेली पर रख सफर करना पड़ता है.
पूर्व में जा चुकी है कई जान
डग्गामार वाहन में सफर करने से पूर्व में थाना जसराना के गांव पाढम निवासी पंकज जैन अपनी मां रिषभ कुमारी जैन के साथ एत्मादपुर से टेम्पू में बैठकर बरहन की तरफ आ रहा था. टेंपो से गिरने से मौत हो गई थी. वहीं कस्बा निवासी प्रदीप कुलश्रेष्ठ की टेंपो से गिरने से मौत हो गई थी. चार वर्ष पूर्व नगला एडू निवासी युवक की भी टेंपो से गिरकर मौत हुई थी.