आगरा: तिब्बत और लद्दाख से आने वाले प्रवासी पक्षी बार हेडेड गूज ने आगरा और मथुरा के किसानों के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं. यह शाकाहारी पक्षी किसानों की गेहूं की फसल चौपट कर रहे हैं. आगरा के अछनेरा ब्लाॅक और मथुरा के फरह ब्लाॅक के करीब 12 से ज्यादा गांवों में कई हेक्टेयर गेहूं इन पक्षियों ने कुतर डाला है. आवारा पशुओं के बाद अब झुंड में चलने वाले बार हेडेड गूज ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. किसान रात में रखवाली के साथ ही खेतों में बिजूका खड़े कर रहे हैं. बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसायटी के सदस्यों ने खेतों पर जाकर जानकारी इकट्ठा की है. इस पक्षी को स्थानीय लोग कुर्च के नाम से पुकारते हैं और ये 5-6 वर्षों से लगातार गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
इन पक्षियों की खासियत
- इस प्रजाति की मादा 4-6अंडे देती है.
- इस पक्षी के 25 से 30 दिन में बच्चे पैदा होते हैं.
- बच्चे 55 दिन में उड़ने योग्य हो जाते हैं.
- यह पक्षी बार हेडेड गूज के आकार के होते हैं.
- ये पक्षी 70-80 सेमी और वजन दो से तीन किलोग्राम के होते हैं.
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