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गांव का लाल बना लेफ्टिनेंट, ग्रामीणों ने किया फूल-मालाओं से स्वागत - गांव का लाल बना लेफ्टिनेंट

ताज नगरी के खलोआ गांव के एक लाल का चयन सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर हुआ है. ट्रेनिंग के बाद घर लौटने पर युवक हेमंत सिंह का ग्रामीणों ने फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया.

गांव का लाल बना लेफ्टिनेंट
गांव का लाल बना लेफ्टिनेंट
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Published : Nov 24, 2020, 12:01 PM IST

आगरा : सेना में लेफ्टिनेंट बनकर जब ताज नगरी के खलोआ गांव का एक लाल घर लौटा, तो ग्रामीणों ने फूल मालाओं से युवक हेमंत सिंह का भव्य स्वागत किया. ग्रामीण बोले यह क्षेत्र के लिए गौरव की बात है. गांव के बेटे ने लेफ्टिनेंट बनकर गांव ही नहीं क्षेत्र का नाम भी रोशन किया है. गांव वालों का कहना था कि इससे पहले उनके क्षेत्र में कोई भी युवा अभी लेफ्टिनेंट नहीं बना था. वहीं लेफ्टिनेंट हेमंत सिंह ने कहा है कि शॉर्टकट से सफलता नहीं मिलती, कड़ी मेहनत से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है.

लेफ्टिनेंट बनने पर ग्रामीणों ने मनाई खुशियां

आगरा जिले के जगनेर रोड स्थित गांव खलोआ थाना मलपुरा निवासी हेमंत सिंह भगोर ने कड़ी मेहनत करके सेना में लेफ्टिनेंट का पद पाया है. ट्रेनिंग पूरी करने के बाद जब हेमंत सिंह घर पहुंचे तो ग्रामीणों ने उनका व उनके पिता का फूल-मालाओं से भव्य स्वागत किया. गांव के जूनियर हाईस्कूल में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया था.

गांव का लाल बना लेफ्टिनेंट.
गांव का लाल बना लेफ्टिनेंट.

'शॉर्टकट से नहीं मिलती सफलता'

क्षेत्रीय युवाओं के लिए हेमंत सिंह ने बताया कि कड़ी मेहनत से ही सफलता मिलती है. अगर कोई भी लक्ष्य निर्धारित कर लिया है तो उसको पाने के लिए जब तक कड़ी मेहनत नहीं करते हैं तब तक हमें सफलता नहीं मिलती है. युवाओं को शॉर्टकट नहीं अपनाना चाहिए. शॉर्टकट में सफलता तो मिलती नहीं घर और परिवार के लोगों को भी काफी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. इसीलिए कड़ी मेहनत ही सफलता की कुंजी है.

माता-पिता बोले- बचपन से ही थी सेना में जाने की इच्छा

हेमंत सिंह के माता-पिता ने बताया है कि हेमंत सिंह को बचपन से ही बंदूक से खेलने का शौक था. वहीं घर के रेडियो घड़ी एवं टीवी को वह अपने आप खोलकर दोबारा तैयार कर देता था. पिता ने बताया है कि हेमंत इकलौता बेटा है, इसके बावजूद भी उसने सेना में जाने की इच्छा जाहिर की. पिता बोले उनका सभी माता-पिता से अनुरोध है कि वह बच्चों की इच्छा के अनुरूप ही उन्हें फैसला लेने का मौका दें. अपनी इच्छा बच्चों पर ना थोपें. बच्चों की रुचि के अनुसार ही उन्हें पढ़ने में मदद करें.

आगरा : सेना में लेफ्टिनेंट बनकर जब ताज नगरी के खलोआ गांव का एक लाल घर लौटा, तो ग्रामीणों ने फूल मालाओं से युवक हेमंत सिंह का भव्य स्वागत किया. ग्रामीण बोले यह क्षेत्र के लिए गौरव की बात है. गांव के बेटे ने लेफ्टिनेंट बनकर गांव ही नहीं क्षेत्र का नाम भी रोशन किया है. गांव वालों का कहना था कि इससे पहले उनके क्षेत्र में कोई भी युवा अभी लेफ्टिनेंट नहीं बना था. वहीं लेफ्टिनेंट हेमंत सिंह ने कहा है कि शॉर्टकट से सफलता नहीं मिलती, कड़ी मेहनत से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है.

लेफ्टिनेंट बनने पर ग्रामीणों ने मनाई खुशियां

आगरा जिले के जगनेर रोड स्थित गांव खलोआ थाना मलपुरा निवासी हेमंत सिंह भगोर ने कड़ी मेहनत करके सेना में लेफ्टिनेंट का पद पाया है. ट्रेनिंग पूरी करने के बाद जब हेमंत सिंह घर पहुंचे तो ग्रामीणों ने उनका व उनके पिता का फूल-मालाओं से भव्य स्वागत किया. गांव के जूनियर हाईस्कूल में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया था.

गांव का लाल बना लेफ्टिनेंट.
गांव का लाल बना लेफ्टिनेंट.

'शॉर्टकट से नहीं मिलती सफलता'

क्षेत्रीय युवाओं के लिए हेमंत सिंह ने बताया कि कड़ी मेहनत से ही सफलता मिलती है. अगर कोई भी लक्ष्य निर्धारित कर लिया है तो उसको पाने के लिए जब तक कड़ी मेहनत नहीं करते हैं तब तक हमें सफलता नहीं मिलती है. युवाओं को शॉर्टकट नहीं अपनाना चाहिए. शॉर्टकट में सफलता तो मिलती नहीं घर और परिवार के लोगों को भी काफी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. इसीलिए कड़ी मेहनत ही सफलता की कुंजी है.

माता-पिता बोले- बचपन से ही थी सेना में जाने की इच्छा

हेमंत सिंह के माता-पिता ने बताया है कि हेमंत सिंह को बचपन से ही बंदूक से खेलने का शौक था. वहीं घर के रेडियो घड़ी एवं टीवी को वह अपने आप खोलकर दोबारा तैयार कर देता था. पिता ने बताया है कि हेमंत इकलौता बेटा है, इसके बावजूद भी उसने सेना में जाने की इच्छा जाहिर की. पिता बोले उनका सभी माता-पिता से अनुरोध है कि वह बच्चों की इच्छा के अनुरूप ही उन्हें फैसला लेने का मौका दें. अपनी इच्छा बच्चों पर ना थोपें. बच्चों की रुचि के अनुसार ही उन्हें पढ़ने में मदद करें.

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