आगरा: जिले की पुलिस ने मोबाइल लुटेरों को पकड़ने के लिए उनके ही अंदाज में जाल बुना. पुलिस के इस जाल में लुटेरे फंस गए. लुटेरे एक पर पर मोबाइल खरीदने का विज्ञापन देते थे. जब बेचने वाला ग्रहाक उनके पास फोन लेकर आता था तो उसका लूट कर भाग जाते थे. पुलिस ने लुटेरों से 4 मोबाइल, एक कार और बुलेट बरामद की है.
एसीपी कोतवाली सुकन्या शर्मा ने बताया कि शातिर लुटेरों ने थाना न्यू आगरा और नाई की मंडी क्षेत्र में वारदात को अंजाम दिया था. शातिर एक एप पर मंहगे मोबाइल खरीदने का विज्ञापन देते थे. इसके बाद बेचने वाला व्यक्ति जब इनसे संपर्क करता था तो उससे मोबाइल दिखाने को बुलाते थे. शातिर मोबाइल के साथ बिल और उसकी एसेसरीज भी साथ लाने को बोलते थे. जैसे ही बेचने वाला व्यक्ति मोबाइल लेकर इनके पास पहुंचता था. यह मोबाइल सहित सारा सामान लेकर बाइक से रफ्फूचक्कर हो जाते थे.
एसीपी ने बताया कि ऐसी दो वारदातों के सामने आने के बाद पुलिस ने लुटेरों के अंदाज में ही एप पर मोबाइल बेचने का विज्ञापन जारी किया. जिसके झांसे में लुटेरे फंस गए. पुलिस ने बीते 7 सितंबर को हितेश यादव निवासी सोहल्ला और मनीष गुर्जर निवासी कुंज कॉलोनी को शंकर कॉलोनी के पास से गिरफ्तार कर लिया. लूट के मोबाइल को बेच कर दोनों आरोपी अपने महंगे शौक पूरा करते थे. एक आरोपी के पिता किसान तो दूसरे के पिता टैक्सी चालक है. पुलिस ने आरोपियों से लूट के 4 मोबाइल, 1 बुलेट और कार बरामद की है.
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लूट से पहले करते थे कार से रेकी: एसीपी कोतवाली सुकन्या शर्मा ने बताया कि लूट करने से पहले दोनों शातिर उस इलाके की कार से रेकी करते थे कि मोबाइल बेचने वाला व्यक्ति अकेला है या कोई ओर उसके साथ आया है. रास्ता साफ दिखते ही कार को छोड़कर लुटेरे अपनी बुलेट बाइक से मौके पर पहुंचते थे. मोबाइल बेचने वाला व्यक्ति जब तक कुछ समझ पाता था. तब तक दोनों शातिर मोबाइल लूट कर भाग जाते थे.
खुद को नहीं मिला न्याय तो बन गया लुटेरा: पुलिस ने बताया कि आरोपी मनीष गुर्जर ने लूट की इस नई तकनीक का प्लान बनाया था. दरसल कुछ महीनों पहले मनीष ने एक ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स से एक मोबाइल खरीदा था. लेकिन उस मोबाइल की डिलीवरी नहीं की गई. जब मनीष के साथ फ्रॉड करने वाला नहीं पकड़ा गया तो उसे लगा कि ऑनलाइन फ्रॉड के सहारे लूट करने के बाद वह भी नहीं पकड़ा जाएगा. इस काम में उसने अपने दोस्त हितेश यादव को भी शामिल कर लिया. जिसके बाद दोनों ने मिलकर एप पर विज्ञापन देकर मोबाइल लूट शुरू कर दी. लेकिन अंत मे पुलिस के बुने जाल में वह खुद ही फंस गए.
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