आगरा: जनपद में गुरुवार शाम सफाईकर्मियों ने प्रेस वार्ता कर यह एलान किया था कि हाथरस की घटना के विरोध में और पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए 8 दिनों तक साफ-सफाई का कार्य बंद रखा जाएगा. इसके तहत शुक्रवार को पूरे शहर में सफाईकर्मियों ने सफाई का कार्य बंद रखा और जगह-जगह प्रदर्शन भी किए. साथ ही सफाईकर्मियों ने आरोप लगाया कि नगर निगम प्रशासन जबरदस्ती सफाई करवा रहा है. इसके बाद उन्होंने नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी भी की.
हाथरस में हुई घटना के बाद से ही उत्तर प्रदेश में लगातार बाल्मीकि समाज द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. शुक्रवार को पूरे आगरा में सफाईकर्मियों ने अपना काम बंद कर विरोध प्रदर्शन किया था. वहीं शाम को बाल्मीकि संगठन ने एक रेस्टोरेंट में प्रेस वार्ता का आयोजन किया था. इसमें यह निर्णय लिया गया था कि करीब 8 दिन तक शहर में कोई भी सफाईकर्मी सफाई का कार्य नहीं करेगा. आज सुबह सफाई कर्मियों ने अपना कार्य बंद कर रखा था. इसके बाद अब सफाईकर्मियों का आरोप है कि अपर नगर आयुक्त अनुपम शुक्ला डंडा लेकर बाहर आ गए. उन्होंने सफाईकर्मियों से डंडे के बल पर काम कराना शुरू कर दिया. सफाईकर्मियों के मना करने पर भी उन्होंने उन्हें डांट-फटकार कर काम पर लगा दिया. इसके बाद और भी सफाईकर्मी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने नगर निगम के बाहर अपर नगर आयुक्त की कार्यप्रणाली को लेकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. किसी तरह से नगर निगम प्रशासन ने सफाईकर्मियों के प्रदर्शन को शांत कराया.
मीडिया से बात करते हुए सफाई कर्मचारियों ने बताया कि अपर नगर आयुक्त अनुपम शुक्ला हमसे डंडे के जोर पर काम करा रहे हैं, लेकिन हम काम करना नहीं चाहते. क्योंकि जब तक हाथरस की पीड़िता को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक हम काम नहीं करेंगे. वहीं इस बाबत नगर आयुक्त निखिल टीकाराम फूंडे का कहना है कि हमने सफाई कर्मचारियों के ऊपर ऐसा कोई भी दवाब नहीं डाला है. उन्होंने नगर निगम कर्मचारियों से अनुरोध किया है कि वह अपने काम पर लौटें, क्योंकि शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर एकत्रित हो गए हैं. आगरा शहर की जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.