आगरा : ताजनगरी में वीआईपी रूटों पर बने दो पुल करीब चार साल पहले ही कमजोर घोषित कर दिए गए. पीडब्ल्यूडी और रेलवे ने पड़ताल के बाद इसे कमजोर घोषित किया था. इसके बाद इन पुलों के पास चेतावनी बोर्ड लगा दिए गए कि रेल उपरिगामी पुल कमजोर है और इस पर भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित है. बोर्ड लगाने के साथ ही विभागों ने अपने दायित्वों को पूरा कर लिया. इसके बाद से ही वीवीआईपी रूट के ईदगाह पुल से लगातार सीमेंट झड़ रहा है. लेंटर की सरिया निकल आईं हैं. फिर भी इस पुल से भारी वाहन संग हजारों वाहन दिन में फर्राटा भर रहे हैं. यमुना ब्रिज घाट पर यमुना पर आंडबेकर पुल में भी दरार भी आ गईं है. उत्तर मध्य रेलवे के आगरा मंडल पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने दावा किया कि ईदगाह पुल की मरम्मत के लिए टेंडर निकाले गए हैं, जल्द ही काम शुरू हो जाएगा. पीडब्ल्यूडी विभाग के अधीक्षण अभियंता आनंद कुमार का कहना है कि आंबेडकर पुल पर भारी वाहनों की एंट्री रोक दी गई है.
अगर आप आगरा एयरपोर्ट से शहर में दाखिल होते हैं तो आपको आगरा कैंट स्टेशन के पास ही ईदगाह पुल से गुजरना होगा. यह पुल पिछले छह साल से क्षतिग्रस्त है. फिर भी इस पुल से आम लोग और वीवीआईपी का लाव लश्कर बिना टेंशन लिए गुजरते हैं. हालांकि पीडब्ल्यूडी विभाग और रेलवे ने चेतावनी बोर्ड लगा रखी है. जनवरी 2019 में पीएम मोदी आगरा में लोकसभा चुनाव का शंखनाद करने आए तो ईदगाह पुल के गुजरकर कोठी मीना बाजार मैदान में सभा संबोधित पहुंचे थे. सन 2019 के लोकसभा चुनाव और 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी में एयरपोर्ट से आगरा चुनाव प्रचार को आए दर्जनों मंत्री और वीवीआईपी इस पुल के रास्ते आगरा शहर में दाखिल हुए थे. और तो और, 24 फरवरी 2020 को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उनकी पत्नी मेलानियां, बेटी इंवाका समेत अमेरिकी प्रतिनिधि मंडल को ताजमहल के दीदार के लिए इस पुल के रास्ते ही ले जाया गया.
जब वीवीआईपी के आने का तय समय होता है तो इस पुल के बारे में चिंता की जाती है. वीवीआईपी के जाते ही विभाग ईदगाह पुल की देखरेख भी भूल जाते हैं. ईदगाह पुल के नीचे से सैकड़ों ट्रेनें दिन में गुजरती हैं. जब पुल की हालत जर्जर हुई तो रेलवे ने पत्राचार किया. इस पर रेलवे की टीम ने पुल की मजबूती को परखा. इसके बाद रेलवे की रिपोर्ट पर पीडब्ल्यूडी विभाग ने पुल की सेफ्टी ऑडिट कराई. इसके बाद पीडब्ल्यूडी ने ईदगाह पुल को कमजोर घोषित कर दिया. और इससे भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगाने का बोर्ड लगा दिया.
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