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जेम पोर्टल के टर्नओवर क्लॉज से आगरा का बूट कारोबार तोड़ रहा दम

जेम पोर्टल के टर्नओवर क्लॉज से उत्तर प्रदेश के आगरा का 60 साल पुराना बूट कारोबार दम तोड़ रहा है. टर्नओवर क्लॉज के कारण छोटे कारोबारी टेंडर में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं. वहीं बूट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन का कहना है कि क्लाॅज को हटाने की मांग को लेकर पीएम को पत्र लिखा गया है.

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Published : Jul 29, 2020, 12:18 AM IST

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जानकारी देते बूट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी.

आगरा: ताजनगरी के बूट उद्यमी और कारोबारी भुखमरी की कगार पर हैं. इसकी वजह है कि बूट उद्यमी जेम पोर्टल का टर्नओवर क्लॉज. इस क्लॉज के कारण छोटे व्यापारी टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं ले पा रहे हैं. बूट उद्यमियों ने केंद्र सरकार से टर्नओवर क्लाॅज नहीं लगाने की मांग की है. उद्यमियों का कहना है कि 60 साल पुराना आगरा का बूट कारोबार तम दोड़ रहा है और कारोबारी घाटे से जूझ रहे हैं.

कारोबार के क्षेत्र में जिले की पहचान जूता उद्योग से है. 60 साल से यहां के बूट मैन्युफैक्चर्स कारोबारी आर्मी के लिए बूट की आपूर्ति करते हैं. देश की सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए जिले में ही उच्च स्तरीय क्वालिटी का बूट तैयार किया जाता है. सेना, अर्द्धसैनिक बल और पुलिस फोर्स में यहां के बूट की मांग रहती है.

जानकारी देते बूट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी.

जिले से आगरा में यूपी पुलिस, पीएसी, सीआपीएफ, बीएसएफ, इंडियन नेवी, एयरफोर्स इंडियन, आर्मी, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, बीआरओ, आसाम राइफल्स, एनटीपीसी, यूपी गवर्नमेंट स्कूल में बूट की सप्लाई होती है.

बूट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील गुप्ता ने कहा कि जेम पोर्टल से टेंडर 10 करोड़ रुपये का होता है, लेकिन टर्नओवर क्लॉज 100 करोड़ रुपये या 50 करोड़ रुपये का होता है, जिसकी इतनी सेल नहीं है. इस कारण शूज कारोबारी टेंडर नहीं भर पाते. उन्होंने कहा कि पोर्टल से जुड़े कुछ अधिकारियों की मनमानी के कारण जिले का सबसे पुराना बूट उद्योग अंतिम सांसे गिन रहा है.

एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि साल 2017 में जेम पोर्टल से बूट की सप्लाई के निकलने वाले टेंडर में टर्नओवर क्लाॅज से आगरा के बूट उद्योग को बंदी के कगार पर ला दिया है. उन्होंने बताया कि 250 करोड़ रुपये का सालाना का बूट कारोबार अब महज 20 करोड़ रुपये पर सीमित हो गया है. क्लाॅज लगने के कारण बूट के छोटे कारोबारी टेंडर में शामिल नहीं हो पाते हैं. इस कारण कुछ चुनिंदा फर्म ही टेंडर में शामिल हो पाती हैं.

बूट मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन के सचिव अनिल महाजन ने बताया कि अभी हाल ही में कर्नाटक पुलिस ने बूट के लिए छह करोड़ का टेंडर निकाला है. इसमें 100 करोड़ रुपये का टर्नओवर क्लॉज लगा दिया है. इसमें बड़ी फर्म शामिल होंगी. बाकी के अलग हो जाएंगे. इसलिए इस बारे में सरकार को ध्यान देना चाहिए. इस बारे में एसोसिएशन की ओर से पीएम मोदी, एमएसएमई मंत्रालय के साथ ही सीबीआई को भी पत्र लिखकर शिकायत की गई है.

आगरा: ताजनगरी के बूट उद्यमी और कारोबारी भुखमरी की कगार पर हैं. इसकी वजह है कि बूट उद्यमी जेम पोर्टल का टर्नओवर क्लॉज. इस क्लॉज के कारण छोटे व्यापारी टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं ले पा रहे हैं. बूट उद्यमियों ने केंद्र सरकार से टर्नओवर क्लाॅज नहीं लगाने की मांग की है. उद्यमियों का कहना है कि 60 साल पुराना आगरा का बूट कारोबार तम दोड़ रहा है और कारोबारी घाटे से जूझ रहे हैं.

कारोबार के क्षेत्र में जिले की पहचान जूता उद्योग से है. 60 साल से यहां के बूट मैन्युफैक्चर्स कारोबारी आर्मी के लिए बूट की आपूर्ति करते हैं. देश की सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए जिले में ही उच्च स्तरीय क्वालिटी का बूट तैयार किया जाता है. सेना, अर्द्धसैनिक बल और पुलिस फोर्स में यहां के बूट की मांग रहती है.

जानकारी देते बूट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी.

जिले से आगरा में यूपी पुलिस, पीएसी, सीआपीएफ, बीएसएफ, इंडियन नेवी, एयरफोर्स इंडियन, आर्मी, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, बीआरओ, आसाम राइफल्स, एनटीपीसी, यूपी गवर्नमेंट स्कूल में बूट की सप्लाई होती है.

बूट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील गुप्ता ने कहा कि जेम पोर्टल से टेंडर 10 करोड़ रुपये का होता है, लेकिन टर्नओवर क्लॉज 100 करोड़ रुपये या 50 करोड़ रुपये का होता है, जिसकी इतनी सेल नहीं है. इस कारण शूज कारोबारी टेंडर नहीं भर पाते. उन्होंने कहा कि पोर्टल से जुड़े कुछ अधिकारियों की मनमानी के कारण जिले का सबसे पुराना बूट उद्योग अंतिम सांसे गिन रहा है.

एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि साल 2017 में जेम पोर्टल से बूट की सप्लाई के निकलने वाले टेंडर में टर्नओवर क्लाॅज से आगरा के बूट उद्योग को बंदी के कगार पर ला दिया है. उन्होंने बताया कि 250 करोड़ रुपये का सालाना का बूट कारोबार अब महज 20 करोड़ रुपये पर सीमित हो गया है. क्लाॅज लगने के कारण बूट के छोटे कारोबारी टेंडर में शामिल नहीं हो पाते हैं. इस कारण कुछ चुनिंदा फर्म ही टेंडर में शामिल हो पाती हैं.

बूट मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन के सचिव अनिल महाजन ने बताया कि अभी हाल ही में कर्नाटक पुलिस ने बूट के लिए छह करोड़ का टेंडर निकाला है. इसमें 100 करोड़ रुपये का टर्नओवर क्लॉज लगा दिया है. इसमें बड़ी फर्म शामिल होंगी. बाकी के अलग हो जाएंगे. इसलिए इस बारे में सरकार को ध्यान देना चाहिए. इस बारे में एसोसिएशन की ओर से पीएम मोदी, एमएसएमई मंत्रालय के साथ ही सीबीआई को भी पत्र लिखकर शिकायत की गई है.

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