आगरा: ताजनगरी की थाना सदर पुलिस ने व्यापारियों को स्पीड पोस्ट कर रंगदारी मांगने वाले गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. गिरोह का मास्टरमाइंड गबन के बाद बर्खास्त हुआ प्रिंसिपल निकला, जो बर्खास्तगी के बाद नकली इंस्पेक्टर बनकर धोखाधड़ी करता था. बड़ा हाथ मारने की नीयत से उसने स्पीड पोस्ट के माध्यम से आगरा के दो व्यापारियों से एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी.
थाना सदर के एक कपड़ा व्यापारी को 28 सितम्बर को स्पीड पोस्ट से एक लेटर मिला. लेटर में लिखा था कि एक करोड़ रुपया लेकर इटावा स्टेशन पर लाल शर्ट और काली पेंट पहनकर आओ और पैसे वहीं फेंक कर वापस लौट जाओ. वरना तुम्हें मार देंगे और तुम्हारी दुकान जला देंगे.
निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पा रही थी पुलिस
परेशान व्यापारी की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और जानकारी शुरू की तो प्रधान डाकघर प्रतापपुरा की सीसीटीवी फुटेज चेक की गई पर पुलिस निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पा रही थी. कल 1 अक्टूबर को उसी तर्ज पर सर्राफा बाजार के एक सर्राफ को भी स्पीड पोस्ट से रंगदारी की धमकी दी गई.
दूसरे व्यापारी को मिली धमकी
पुलिस जांच में जुटी ही थी कि तभी सदर के व्यापारी को एक मैसेज आया, जिसमें उसे पैसे न लाने पर रात में दुकान जलाने की धमकी दी गई. तत्काल पुलिस ने नम्बर की जांच की और आरोपियों की लोकेशन निकाल कर दबिश देकर मास्टरमाइंड नरेश चंद्र मूल निवासी इटावा, वर्तमान में मधुनगर आगरा को गिरफ्तार किया. जानकारी पर विपिन और प्रवेंद्र निवासी इटावा को गिरफ्तार कर लिया गया.
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पुलिस को आरोपियों से मोबाइल फोन और असलहे बरामद हुए हैं. पुलिस के अनुसार मास्टरमाइंड नरेश पूर्व में छात्रवृत्ति गबन के कारण प्रिंसिपल के पद से बर्खास्त हुआ था. आगरा कैंट जीआरपी और झांसी में नकली इंस्पेक्टर बनकर वसूली का प्रयास करते हुए गिरफ्तार हुआ था. उसने पैसा लाने के लिए अपने पैतृक गांव से दो युवकों को अपने साथ लिया था.
बबलू कुमार, एसएसपी