दोहा : एक ओर जहां फ्रांस 2018 फाइनल में एक बार फिर से पहुंचकर लगातार दूसरा फीफा खिताब जीतने के जोश के साथ तैयारी कर रहा है, वहीं पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची मोरक्को की टीम फीफा विश्वकप को दक्षिण अफ्रीकी देश में ले जाने को बेताब दिख रही है. दोनों को इस सेमीफाइनल के साथ साथ फाइनल मैच में अर्जेंटीना की बाधा पार करनी है. दोनों टीमों के कोच अपना सारा फोकस आज देर रात होने वाले मैच पर बनाए हुए हैं. जीतने वाली टीम एक इतिहास बनाने की ओर अग्रसर हो जाएगी.
फ्रांस की टीम अब तक कुल 3 बार फाइनल में पहुंची है, जिसमें से वह दो बार खिताब जीतने में सफल रही है. फ्रांस अबकी बार फीफा कप 2022 जीतने में सफल होती है तो ब्राजील के उस रिकॉर्ड की बराबरी कर लेगी. ब्राजील ने अंतिम बार 1958 और 1962 में लगातार 2 बार फीफा विश्वकप जीतने में सफलता हासिल की थी.
फ्रांस एकबार फिर फाइनल में अपनी जगह दोहराने के लिए मोरक्को के खिलाफ सेमीफाइनल में अपना सबकुछ झोकने के लिए तैयार है. फ्रांसीसी यूरोपीय चैम्पियनशिप 2016 के फाइनल में भी पहुंचे, जहां वे उपविजेता रहे. इसलिए डिडिएर डेसचैम्प्स के खिलाड़ियों को सेमीफाइनल का अनुभव है, उन्हें अल बेयत में बुधवार के मैच में आत्मविश्वास के साथ जाने की आवश्यकता है.
फ्रांस का न केवल सेमीफाइनल में शानदार रिकॉर्ड है, बल्कि इस विश्व कप में चार खिलाड़ियों ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को चुनौती देने के लिए रिकॉर्ड बनाए हैं. उनमें से पहला स्ट्राइकर ओलिवियर गिरौद है. इस साल के गोल्डन बूट के बड़े दावेदार ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ दो गोल किये थे और फ्रांस के लिए थियरी हेनरी के 51 गोल के रिकॉर्ड की बराबरी की. इसके बाद उन्होंने पोलैंड के खिलाफ शुरूआती गोल के साथ रिकॉर्ड तोड़ा और पिछले शनिवार को इंग्लैंड के खिलाफ विजयी गोल के साथ अपना आंकड़ा 53 तक पहुंचा दिया.
काइलियन एम्बाप्पे ने इस विश्व कप में एक रिकॉर्ड भी तोड़ा है, पोलैंड के खिलाफ दो शानदार गोल करके उन्होंने विश्व कप में 9 गोल करने का रिकॉर्ज बनाते हुए महान खिलाड़ी पेले के 7 गोलों के आंकड़े को पार कर लिया है. इसके अलावा चौंकाने वाली बात यह है कि एम्बाप्पे ने क्रिस्टियानो रोनाल्डो के पूरे करियर की तुलना में 24 साल की उम्र में विश्व कप में अधिक गोल कर लिए हैं.
फ्रांसीसी गोलकीपर हुगो लोरिस ने इंग्लैंड के खिलाफ कई शानदार बचाव करते हुए फ्रांस की जीत के हीरो बने थे. इतना ही नहीं इंग्लैंड के दूसरे पेनल्टी में हैरीकेन के खिलाफ मनोवैज्ञानिक लड़ाई जीत ली थी.
अबकी बार सेमीफाइनल के पहले कोच फ्रांस के कोच डिडिएर डेसचैम्प्स ने कहा कि अब तक मिली जीत का पूरा श्रेय पूरी टीम को जाता है, हमने कुछ बहुत अच्छी चीजें की और सेमीफाइनल में हमारे खिलाफ अभी भी खतरनाक टीम है. हमारे पास अच्छी गुणवत्ता और अनुभवी खिलाड़ियों से भरी टीम है.
फ्रांस के कोच डिडिएर डेसचैम्प्स ने कहा कि सेमीफाइनल में आने के पहले मोरक्को ने पुर्तगाल को चौंका दिया, जिससे कई लोगों की मोरक्को को सेमीफाइनल में देखने की ख्वाहिश पूरी होती नजर आयी है. हम अपने विरोधियों का बहुत सम्मान करते हैं और यहां तक पहुंचने के लिए वे हकदार थे. इस उपलब्धि दूर नहीं कर सकता है.
डेसचैम्प्स ने स्वीकार किया कि मोरक्को को हराना बहुत मुश्किल होगा. उन्होंने जो हासिल किया है, वह शानदार है. उन्होंने दुनिया की कुछ बेहतरीन टीमों के साथ खेला है और उनको हराते हुए एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है.
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वहीं मोरक्को के कोच वालिद रेग्रागुई ने अपनी टीम को इस विश्व कप का रॉकी बताया. कोच ने कहा कि अब उनकी टीम ने पुर्तगाल को हराकर विश्व कप सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली अफ्रीकी टीम बनी है. आगे भी शानदार खेल दिखाकर फाइनल में जगह बनाने की सोच रही है. टीम के खिलाड़ियों के साथ साथ गोलकीपर बोनो की भी तारीफ की जिन्होंने अपने पाले में आयी गेंद को रोककर कई शानदार बचाव किए.
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