मुंबई : फिल्म इंडस्ट्री के वर्सेटाइल एक्टर मनोज बाजपेयी अपना (रविवार को) 54वां बर्थडे सेलिब्रेट करने को तैयार हैं. 'सत्या', 'राजनीति' और 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' जैसी फिल्मों में अपने दमदार अभिनय के लिए फेमस एक्टर मनोज ने फिल्म 'द्रोहकाल' में अपनी एक मिनट की भूमिका के साथ इंडस्ट्री में प्रवेश किए थे और आज वह एक अलग ही मुकाम पर हैं. कोई नहीं जानता था कि एक मिनट की एक्टिंग से निकलकर वह पर्दे पर छा जाएंगे. उनकी कुछ शानदार रोल पर डालिए एक नजर.
बाजपेयी ने इंडस्ट्री को 28 साल से ज्यादा का समय दिया है, इस सफर ने दर्शकों को दिखाया कि कैसे अकेले टैलेंट के दम पर आप स्टार बन सकते हैं. मनोज ने कई बार उल्लेख किया है कि उनके लिए खुद को हैंडसम या एक ऐसा व्यक्ति मानना कितना कठिन था जो हीरो बन सकता है, लेकिन अपने शानदार अभिनय के साथ उन्होंने जो भी भूमिका निभाई उससे वह डायरेक्ट दर्शकों की दिलों में ही जगह बनाते रहे. दर्शकों के प्यार और अभिनेता की कड़ी मेहनत ने उनके लिए कमाल कर दिया.
गैंग्स ऑफ वासेपुर
फिल्म ने पहले कभी लाइमलाइट में नहीं रहे अभिनेताओं को जगह देकर देश को कई सितारे दिए, वह मनोज के सबसे क्लासिक प्रदर्शनों में से एक है. 'सरदार खान' का खौफ तब दोगुना हो गया जब बाजपेयी ने अपनी बड़ी-बड़ी आंखों से किरदार को पर्दे पर जीवंत करने के लिए अभिनय किया.
फैमिली मैन
'मनोज ने श्रीकांत तिवारी की भूमिका निभाई' एक पुलिस अधिकारी जो वेब सीरीज 'फैमिली मैन' में एक आतंकवाद विरोधी दस्ते का हिस्सा है, सीरीज उस अभिनेता के लिए एक गेम चेंजर थी, जिसने इस राज-डीके निर्देशन में अपनी कॉमिक टाइमिंग और डायलॉग डिलीवरी के साथ शानदार भूमिका निभाई.
सत्या
"मुंबई का किंग कौन? भीकू म्हात्रे! जब भी बाजपेयी 'सत्या' फिल्म का यह डायलॉग बोलते हैं तो दर्शकों को रोमांच महसूस होता है. फिल्म बॉम्बे में उस समय की कहानी बताती है, जब अपराध चरम पर था. भीकू म्हात्रे का चरित्र हमेशा के लिए जीवित रहेगा, क्योंकि मनोज ने अपने आकर्षक अभिनय कौशल से इसे अमर बना दिया है.
गुलमोहर
यह कहना गलत नहीं है कि मनोज समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्मों के बादशाह हैं. उनकी झोली में एक और उपलब्धि होगी 'गुलमोहर'. एक पारिवारिक ड्रामा गुलमोहर, हम सभी के सामान्य लेकिन सुंदर जीवन के बारे में बताता है. मनोज का चरित्र बताता है कि हमें अपने परिवार के सदस्यों की जरूरतों और संघर्षों को सबसे अधिक संभव तरीके से कैसे स्वीकार करना चाहिए.
नाम शबाना
बाजपेयी अपने साथ फिल्म में मौजूद किसी भी शख्स पर सहजता से भारी पड़ जाते हैं. यह कथन तब स्पष्ट हो जाता है जब 'बेबी' की प्रीक्वेल 'नाम शबाना' में तापसी पन्नू मुख्य भूमिका में हैं, फिर भी जब एजेंट रणवीर सिंह (मनोज बाजपेयी) स्क्रीन पर होते हैं तो आप अपनी आंखें नहीं हटा सकते हैं.
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