मुंबई: एक्टर चिंतन उपाध्याय को पत्नी हेमा उपाध्याय और वकील हरीश भंबानी की हत्या करने के आरोप में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. चिंतन के साथ ही साजिश में शामिल तीन अन्य को भी आजीवन कारावास की सजा मिली है. डिंडोशी सेशन जज ने 2015 के दोहरे हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है. चिंतन उपाध्याय हेमा उपाध्याय के पति थे. चिंतन ने हेमा उपाध्याय और उनके वकील हरीश भंबानी दोनों की 2015 में हत्या कर दी थी. जांच में पता चला कि चिंतन उपाध्याय ने तीन अन्य लोगों की मदद से हत्या को अंजाम दिया था.
बता दें कि कोर्ट ने मंगलवार (10 अक्टूबर) को सजा पर सुनवाई की और कड़ी सजा के साथ केस बंद हुआ. डिंडोशी कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसवाई भोसले ने 5 अक्टूबर को चिंतन को पत्नी की हत्या की साजिश रचने का दोषी ठहराया था. दोहरे हत्याकांड में तीन अन्य दोषियों में टेंपो चालक विजय राजभर, खलासी प्रदीप राजभर और शिवकुमार राजभर शामिल हैं. कोर्ट ने सख्त रुख करते हुए सबूत की आधार पर इन तीनों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है.
क्या है मामला : आर्टिस्ट हेमा उपाध्याय, चिंतन उपाध्याय की पत्नी थीं और इन दोनों का तलाक का मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में चल रहा था. इसी बीच, साल 2015 में हेमा और उनके वकील हरीश भंबानी की बेरहमी से हत्या कर दी गई. दोनों का शव अगले दिन कांदिवली के दहानुकरवाड़ी इलाके में एक नाले में टेप में लिपटे और बक्सों में भरा हुए पाया गया. इसके बाद चिंतन ने जुर्म को स्वीकार लिया था. मामले में चिंतन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और इसके बाद उन्होंने बॉम्बे सेशन्स के साथ-साथ बॉम्बे हाई कोर्ट में भी जमानत के लिए कई याचिकाएं दायर कीं. हालांकि, उन्हें जमानत नहीं मिली. साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने चिंतन को जमानत दी थी. मंगलवार (10 अक्टूबर) को दिंडोशी कोर्ट ने चिंतन और तीन अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. चिंतन ने अदालत से कहा कि मैं अपराध स्वीकार करता हूं और अदालत जो सजा देगी, मैं उसे भुगतने के लिए तैयार हूं.