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सुलतानपुर: आयोग पर अफसर भारी, बूथों पर नहीं है मतदाता जागरुकता सामाग्री - sultanpur news

सुलतानपुर में बूथों पर चुनावी पाठशाला की स्थिति बेहद खराब है. चुनावी पाठशाला के नाम पर केवल खानापूर्ति करके निर्वाचन आयोग के आदेशों का अनुपालन हो रहा है.

चुनावी पाठशाला
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Published : Apr 4, 2019, 7:30 PM IST

सुलतानपुर: सुलतानपुर जिले में 17,57, 045 कुल मतदाता हैं, जिसमें पुरुष 9,18,6 38 और महिला 8,3 8,315 शामिल हैं. अन्य मतदाता 92 है, जो ट्रांसजेंडर की श्रेणी में आतेहैं. कुल 1259 मतदान केंद्र सहित 21 18 मतदान स्थल बनाए गए हैं. मंगलवार को निर्वाचन आयोग का आदेश आया थाकि, गुरुवार को जिले के सभी बूथों पर चुनावी पाठशाला आयोजित की जाए.

डीएम के आदेशानुसार चुनावी पाठशाला का आयोजन तो हुआ, लेकिन बूथों पर ना तो कोई यंत्र थे,और न ही उपकरण दिए गए. हद तो तब हो गई जब इन कर्मचारियों को यह भी नहीं बताया गया कि, इस चुनावी पाठशाला के मकसद क्या हैं. पुराने ढर्रे पर बूथ लेवल अधिकारी बूथों पर बैठे हुए हैं. जिससे चुनावी पाठशाला आयोजित करने का कोई अर्थ ही नहीं रह गया है.

जिलाधिकारी दिव्य प्रकाश गिरी ने मतदाताओं को जागरूक करने के लिए सभी बूथों पर बूथ लेवल अफसरों को तैनात कर दिया है. इसके अलावा कागज में उपकरण, जागरूकता पोस्टर समेत अन्य चीजें वितरित कर दी गई हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही बंया कर रही है.

सुलतानपुर में बूथों पर चुनावी पाठशाला की स्थिति बेहद खराब है

नगरपालिका के बूथों पर जब पड़ताल की गई तो, वहां कोई बैनर पोस्टर नहीं मिला और न ही वोटर पाठशाला के दौरान वोटरों को जागरूक किया गया. जब बूथ लेवल अधिकारी कुसुम से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि, कोई जागरूकता पोस्टर नहीं मिले हैं. ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है किवोटर पाठशाला की हकीकत क्या है.

अधिशासी अधिकारी नगर पालिका रविंद्र कुमार कहते हैं कि, चुनावी पाठशाला आयोजित की गई है, मकसद है वोटरों को बूथ तक लाना, उन्हें मतदान का महत्व बताना और लोगों को जागरूक करना.


दरियापुर सभासद राजदेव कहते हैं कि, चुनावी पाठशाला अस्तित्व में नहीं है और न ही इसे अमल में लाया जा रहा है. यहां पर कोई विवि पैट जैसा उपकरण नहीं है. केवल खानापूर्ति कर इस काम को निपटाया जा रहा है.

सुलतानपुर: सुलतानपुर जिले में 17,57, 045 कुल मतदाता हैं, जिसमें पुरुष 9,18,6 38 और महिला 8,3 8,315 शामिल हैं. अन्य मतदाता 92 है, जो ट्रांसजेंडर की श्रेणी में आतेहैं. कुल 1259 मतदान केंद्र सहित 21 18 मतदान स्थल बनाए गए हैं. मंगलवार को निर्वाचन आयोग का आदेश आया थाकि, गुरुवार को जिले के सभी बूथों पर चुनावी पाठशाला आयोजित की जाए.

डीएम के आदेशानुसार चुनावी पाठशाला का आयोजन तो हुआ, लेकिन बूथों पर ना तो कोई यंत्र थे,और न ही उपकरण दिए गए. हद तो तब हो गई जब इन कर्मचारियों को यह भी नहीं बताया गया कि, इस चुनावी पाठशाला के मकसद क्या हैं. पुराने ढर्रे पर बूथ लेवल अधिकारी बूथों पर बैठे हुए हैं. जिससे चुनावी पाठशाला आयोजित करने का कोई अर्थ ही नहीं रह गया है.

जिलाधिकारी दिव्य प्रकाश गिरी ने मतदाताओं को जागरूक करने के लिए सभी बूथों पर बूथ लेवल अफसरों को तैनात कर दिया है. इसके अलावा कागज में उपकरण, जागरूकता पोस्टर समेत अन्य चीजें वितरित कर दी गई हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही बंया कर रही है.

सुलतानपुर में बूथों पर चुनावी पाठशाला की स्थिति बेहद खराब है

नगरपालिका के बूथों पर जब पड़ताल की गई तो, वहां कोई बैनर पोस्टर नहीं मिला और न ही वोटर पाठशाला के दौरान वोटरों को जागरूक किया गया. जब बूथ लेवल अधिकारी कुसुम से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि, कोई जागरूकता पोस्टर नहीं मिले हैं. ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है किवोटर पाठशाला की हकीकत क्या है.

अधिशासी अधिकारी नगर पालिका रविंद्र कुमार कहते हैं कि, चुनावी पाठशाला आयोजित की गई है, मकसद है वोटरों को बूथ तक लाना, उन्हें मतदान का महत्व बताना और लोगों को जागरूक करना.


दरियापुर सभासद राजदेव कहते हैं कि, चुनावी पाठशाला अस्तित्व में नहीं है और न ही इसे अमल में लाया जा रहा है. यहां पर कोई विवि पैट जैसा उपकरण नहीं है. केवल खानापूर्ति कर इस काम को निपटाया जा रहा है.

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शीर्षक : निर्वाचन आयोग की ये कैसी चुनावी पाठशाला, जहां वोटर न यंत्र, अफसरशाही की हकीकत।


अफसरशाही का अंदाज ही कुछ जुदा है। निर्वाचन आयोग हो या बड़े-बड़े सचिव और मुख्य सचिव। अफसरों के अनुपालन का अंदाज ही कुछ जुदा होता है। मंगलवार को आदेश आया कि गुरुवार को जिले के सभी बूथों पर चुनावी पाठशाला आयोजित की जाए। आदेश प्रसारित करके दिया गया । लेकिन बूथों पर ना तो कोई यंत्र और उपकरण दिए गए, ना ही जागरूकता पोस्टर। इतना ही नहीं है हद तो तब हो गई जब इन कर्मचारियों को यह भी नहीं बताया गया कि इस चुनावी पाठशाला के मकसद क्या है। पुराने ढर्रे पर बूथ लेवल अधिकारी बूथों पर बैठे हुए हैं और छूटे हुए मतदाताओं को जोड़ रहे हैं। मतलब चुनावी पाठशाला आयोजित करने का कोई अर्थ ही नहीं रह गया है।


Body:सुल्तानपुर जिले में 1757 045 कुल मतदाता है। जिसमें पुरुष 9186 38 और महिला 83 8315 शामिल है। अन्य मतदाता 92 है। जो ट्रांसजेंडर की श्रेणी में है । कुल मतदान केंद्र 1259 और मतदान स्थल 21 18 बनाए गए हैं। जिला अधिकारी दिव्य प्रकाश गिरी ने मतदाता को जागरूक करने के लिए सभी बूथों पर बूथ लेवल अफसरों को तैनात कर दिया है। इसके अलावा कागज में उपकरण, जागरूकता पोस्टर समेत अन्य चीजें वितरित कर दी गई हैं। लेकिन हकीकत से जुदा है। नगरपालिका के बूथ पर जब पड़ताल की गई तो वहां कोई बैनर पोस्टर नहीं पाएगा। वोटर पाठशाला के दौरान एक भी वोटर को जागरूक नहीं किया गया। जब बूथ लेवल अधिकारी कुसुम से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कोई जागरूकता पोस्टर नहीं मिले हैं। ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि मोटर पाठशाला की हकीकत क्या है।


Conclusion:बाइट : अधिशासी अधिकारी नगर पालिका रविंद्र कुमार कहते हैं कि चुनावी पाठशाला आयोजित की गई है। मकसद है वोटरों को बूथ तक लाना। उन्हें मतदान का महत्व बताना और लोगों को जागरूक करना।

वॉइस ओवर : मतदाता जागरूकता अभियान पूरा हो चुका है और आज वोटर पाठशाला आयोजित की गई। बूथों पर चुनावी पाठशाला की स्थिति बेहद खराब है ऐसे में जिला मुख्यालय की स्थिति से अंदाजा लगाया जा सकता है। स्थिति साफ है.कि तहसील और ब्लॉकों में क्या हकीकत होगी। चुनावी पाठशाला से संबंधित कार्य कहीं कुछ भी नहीं हो रहा है । केवल खानापूर्ति करके निर्वाचन आयोग के आदेशों का अनुपालन हो रहा है। इससे वोटरों को जागरूक करने की कवायद अधर में लटक गई।


बाइट : दरियापुर सभासद राजदेव कहते हैं कि चुनावी पाठशाला अस्तित्व में नहीं है। मौके पर अमल में नहीं लाया जा रहा है । कोई उपकरण नहीं है, विवि पैक नहीं है। केवल खानापूर्ति कर इस काम को निपटाया जा रहा है।


आशुतोष मिश्रा 9415049256
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