बरेली: भारत निर्वाचन आयोग के सुगम अभियान की पहल पर इस बार बरेली में 20,000 दिव्यांग का वोटर्स है. निर्वाचन विभाग ने चुनाव के लिए यह व्यवस्था की है कि इन दिव्यांग वोटर्स को वालंटियर घर से लेकर आएंगे और मतदान केंद्र से वोट डलवा कर वापस घर छोड़ने का काम करेंगे. चुनाव आयोग के इस पहल से कोई भी दिव्यांग वोट डालने से वंचित नहीं रहेगा. वहीं इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी स्थानीय अफसरों की भी रहेगी.
बरेली लोकसभा सीट पर बीस हजार दिव्यांग मतदाता है. इस बार हर पोलिंग बूथ पर दिव्यांग मतदाताओं के लिए दिव्यांग मित्रों की तैनाती की गई है. बूथ पर व्हीलचेयर भी रहेगी. दिव्यांगजन इन सुविधाओं की तारीफ तो करते हैं मगर ये चुनाव आयोग की मेहरबानी मानते हैं. वहीं समाज कल्याण विभाग हर महीने दिव्यांगों को 500रूपये पेंशन देता है.
सीडीओ सत्येंद्र कुमार का कहना है कि दिव्यांगों के लिए पहले कभी इतनी गंभीरता से काम नहीं किया गया. पहली बार चुनाव आयोग के प्रयास से दिव्यांगों को अपने अधिकार मिलेगा. वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के साथ में मतदान केंद्र लाने से लेकर उनके हर समस्याओं के समाधान हर अधिकारी की जिम्मेदारी होगी. दरअसल दिव्यांगों को लोकतंत्र की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए कई विभागों में कॉर्डिनेशन जरूरी है. निर्वाचन विभाग और भारत निर्वाचन आयोग सामूहिक रूप से इसी पर काम कर रहा है.