कन्नौज : लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के आय और व्यय के खर्चों का हिसाब जिला प्रशासन कर रहा है. इसके लिए जिले भर के सरकारी कार्यालयों में कार्यरत अकाउंट कर्मचारियों को इस कार्य में लगाया गया है. वहीं लगाए गए कर्मचारियों को लेकर बड़ी बात सामने आई है. जिन कर्मचारियों को इस कार्य के लिए लगाया गया है उनको यह तक नहीं मालूम है कि आखिरकार प्रत्याशियों के खर्च का ब्यौरा किस तरह से लिया जाएगा.
लोकसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के चुनावी खर्च के लेखा-जोखा के लिए जिला प्रशासन ने सभी अकाउंट कर्मचारियों को निर्देश जारी किए थे कि वह प्रत्याशियों के खर्च का ब्यौरा तैयार करें. जो भी चुनावी खर्च हो रहा है. उसका एक-एक हिसाब रखा जाए. जिसको लेकर चुनावी प्रक्रिया के चलते जब जिलाधिकारी ने सभी अकाउंट कर्मचारियों से एक बैठक के दौरान उनका काम करने का तरीका जानने की कोशिश की तो कोई भी इसका सही तरीका नहीं बता पाया.
इस पर जिलाधिकारी के तेवर सख्त हो गए और जिलाधिकारी ने बैठक में मौजूद सभी कर्मचारियों को अल्टीमेटम देते हुए कड़ी चेतावनी दे डाली. वहीं प्रेक्षक रोहित प्रकाश जोशी की टीम ने प्रत्याशियों के चुनावी खर्च का ब्यौरा तलब किया. जिसके अंतर्गत पहले चरण में 10 प्रत्याशियों में से 9 प्रत्याशियों ने जांच कराई गई है. वरिष्ठ कोषाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि सभी प्रत्याशियों के खर्च की जांच की जा रही है. जिसमें हमारे कर्मचारी लगे हुए हैं.
भारतीय वंचित पार्टी से महिला प्रत्याशी रामादेवी जांच के दौरान उपस्थित नहीं हुई है जिन्हें नोटिस भेजा गया है. इसी तरह शिवसेना प्रत्याशी आनंद विक्रम सिंह व फॉरवर्ड ब्लॉक से सुभाष चंद्र दोहरे एवं राष्ट्रीय समाज पक्ष से संजीव कुमार ने जिन वाहनों से प्रचार किए जाने के खर्च का ब्योरा दिया है उन वाहनों की अनुमति ही नहीं दी गई थी. जिस पर प्रेक्षक ने तीनों प्रत्याशियों को नोटिस जारी किया है. भाजपा प्रत्याशी ने चुनाव खर्च के रूप में 13,01,676 का ब्यौरा दिया है. वहीं सपा-बसपा महागठबंधन प्रत्याशी डिंपल यादव की ओर से 9,36,095 रुपए खर्च होने का ब्यौरा दिया गया है.