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STF ने जालसाज बाप-बेटे को पकड़ा, फर्जी दस्तावेज से सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर करते थे ठगी

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Published : Jan 28, 2022, 8:42 PM IST

लखनऊ के ठाकुरगंज (Thakurganj Lucknow) में एसटीएफ ने सरकारी विभागों में फर्जी दस्तावेज (Fake documents maker) के आधार पर नौकरी देने वाले दो जालसाजों (Fraudster) को गिरफ्तार किया है. दोनों जालसाज बाप बेटे हैं. एसटीएफ (STF UP Team) को जांच में पता चला है कि आरोपी पिता व बेटा एफसीआई, रेलवे समेत कई सरकारी विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर सैकड़ों लोगों के साथ धोखाधड़ी करते थे.

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जालसाज बाप-बेटा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (Uttar Pradesh Special Task Force) ने अलग-अलग सरकारी विभागों में फर्जी दस्तावेजों (Fake documents maker) के आधार पर नौकरी दिलाने के नाम पर सैकड़ों लोगों के साथ करोड़ों की ठगी करने वाले दो जालसाजों को लखनऊ के ठाकुरगंज (Thakurganj Lucknow) से गिरफ्तार किया है. ये दोनों जालसाज (Fraudster) बाप बेटे हैं. इन दोनों के पास से तमाम फर्जी आई कार्ड और दस्तावेज बरामद हुए हैं.

यूपी की एसटीएफ (STF UP Team) को जांच में पता चला है कि आरोपी पिता राजेश गुप्ता व बेटा अभिषेक गुप्ता, एफसीआई, रेलवे, ब्रिटिश एंबेसी, अमेरिकन एंबेसी समेत कई सरकारी विभागों में स्थाई और संविदा के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर सैकड़ों लोगों के साथ धोखाधड़ी करते थे.

एसटीएफ को लगातार फर्जी दस्तावेजों के आधार पर धोखा देने वाले गैंग के अलग-अलग जिलों में सक्रिय होने की सूचना मिल रही थी, जिसके बाद एसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया और छानबीन शुरू हुई.

यह भी पढ़ें: डीआरआई वाराणसी टीम के हाथ लगा 1 करोड़ 18 लाख का गांजा, तीन आरोपी गिरफ्तार

इसी बीच टीम को पता चला कि मथुरा के त्रिभुवन सिंह से उनके बेटे और बेटी को सीआरपीएफ में हेड कांस्टेबल के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर 25 लाख रुपये की ठगी की गई थी. इस मामले में पीड़ित त्रिभुवन सिंह मथुरा में एक मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद से एसटीएफ टीम बाप बेटों की तलाश कर रही थी.

पूछताछ में आरोपी राजेश गुप्ता ने बताया कि 1 साल 1989 में जीपीओ लखनऊ की कैंटीन में सेल्समैन के पद पर नौकरी करता था, लेकिन 2002 में उसे बर्खास्त कर दिया गया. 2005 में जब्बा हलवा से उसे फिर सस्पेंड कर दिया गया. यही नहीं 2006 में बहाल होने के बाद उसे प्राइमरी स्कूल पर वेतन मिलने लगा, इससे परेशान होकर उसने ठगी का काम शुरू कर दिया और सरकारी पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर अपने बेटे के साथ जालसाजी शुरू कर दी. 2016 से लेकर 2019 तक बाप बेटे ने 25 लाख की ठगी की है.

यह भी पढ़ें: दुकान को लेकर बड़े भाई ने छोटे भाई पर चाकू से किया वार

राजेश ने बताया कि जब वह किसी बेरोजगार को ठगने के लिए शिकार की तलाश करता था, तो वह लोगों को बताता था कि वह जीपीओ की कैंटीन का मैनेजर है और उसके कई विभाग में ऐसे लोगों से संबंध हैं, जिनका सीधा नौकरी दिलाने में दखल होता है. इसके बाद लोग उस पर भरोसा कर देते थे और अपनी जमीन जेवर बेच कर नौकरी के नाम पर पैसे दे देते थे.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (Uttar Pradesh Special Task Force) ने अलग-अलग सरकारी विभागों में फर्जी दस्तावेजों (Fake documents maker) के आधार पर नौकरी दिलाने के नाम पर सैकड़ों लोगों के साथ करोड़ों की ठगी करने वाले दो जालसाजों को लखनऊ के ठाकुरगंज (Thakurganj Lucknow) से गिरफ्तार किया है. ये दोनों जालसाज (Fraudster) बाप बेटे हैं. इन दोनों के पास से तमाम फर्जी आई कार्ड और दस्तावेज बरामद हुए हैं.

यूपी की एसटीएफ (STF UP Team) को जांच में पता चला है कि आरोपी पिता राजेश गुप्ता व बेटा अभिषेक गुप्ता, एफसीआई, रेलवे, ब्रिटिश एंबेसी, अमेरिकन एंबेसी समेत कई सरकारी विभागों में स्थाई और संविदा के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर सैकड़ों लोगों के साथ धोखाधड़ी करते थे.

एसटीएफ को लगातार फर्जी दस्तावेजों के आधार पर धोखा देने वाले गैंग के अलग-अलग जिलों में सक्रिय होने की सूचना मिल रही थी, जिसके बाद एसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया और छानबीन शुरू हुई.

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इसी बीच टीम को पता चला कि मथुरा के त्रिभुवन सिंह से उनके बेटे और बेटी को सीआरपीएफ में हेड कांस्टेबल के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर 25 लाख रुपये की ठगी की गई थी. इस मामले में पीड़ित त्रिभुवन सिंह मथुरा में एक मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद से एसटीएफ टीम बाप बेटों की तलाश कर रही थी.

पूछताछ में आरोपी राजेश गुप्ता ने बताया कि 1 साल 1989 में जीपीओ लखनऊ की कैंटीन में सेल्समैन के पद पर नौकरी करता था, लेकिन 2002 में उसे बर्खास्त कर दिया गया. 2005 में जब्बा हलवा से उसे फिर सस्पेंड कर दिया गया. यही नहीं 2006 में बहाल होने के बाद उसे प्राइमरी स्कूल पर वेतन मिलने लगा, इससे परेशान होकर उसने ठगी का काम शुरू कर दिया और सरकारी पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर अपने बेटे के साथ जालसाजी शुरू कर दी. 2016 से लेकर 2019 तक बाप बेटे ने 25 लाख की ठगी की है.

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राजेश ने बताया कि जब वह किसी बेरोजगार को ठगने के लिए शिकार की तलाश करता था, तो वह लोगों को बताता था कि वह जीपीओ की कैंटीन का मैनेजर है और उसके कई विभाग में ऐसे लोगों से संबंध हैं, जिनका सीधा नौकरी दिलाने में दखल होता है. इसके बाद लोग उस पर भरोसा कर देते थे और अपनी जमीन जेवर बेच कर नौकरी के नाम पर पैसे दे देते थे.

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