वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में हुए वेबिनार के आमंत्रण पत्र में भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की तस्वीर की जगह पाकिस्तान के अल्लामा इकबाल की फोटो लगाने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. अल्लामा भारत-पाकिस्तान द्विराष्ट्र के समर्थक थे और इसे लेकर छात्र संगठनों की तरफ से लगातार नाराजगी जाहिर की जा रही है. हालांकि इस मामले में बीएचयू के कला विभाग ने सोशल मीडिया पर माफी मांग ली है, लेकिन बीजेपी इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है.
हंसराज विश्वकर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि इस संदर्भ को संज्ञान में लेकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि 2022 का चुनाव नजदीक है और उत्तर प्रदेश में साढ़े 4 साल की योगी सरकार में शांतिपूर्वक तरीके से हिंदू मुस्लिम एक हो कर रहे. किसी तरह का कोई विवाद नहीं हुआ, जो बहुत से लोगों को पच नहीं रहा है. यही वजह है कि हिंदुस्तान पाकिस्तान की बातें करके दोनों धर्मों के लोगों को आपस में लड़ाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन ऐसा होने नहीं दिया जाएगा. इस तरह की चीजें करके महामना का अपमान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
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हंसराज विश्वकर्मा ने कहा कि यदि उर्दू विभाग में कोई तस्वीर लगानी ही थी, तो एपीजे अब्दुल कलाम की या फिर भारतीय जनता पार्टी के नेता मुख्तार अब्बास नकवी या फिर शहनवाज हुसैन की लगानी चाहिए थी. यह लोग देश के लिए काम कर रहे हैं और उर्दू के जानकार भी हैं. ऐसी स्थिति में किसी दूसरे देश के व्यक्ति की तस्वीर लगाना गलत है.
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